Bhimrao Ambedkar Jayanti: तालाब के गंदे पानी के बीच खड़ी डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा, बोले पार्षद- BSP चीफ ने दलितों के नाम की राजनीति

137
Bhimrao Ambedkar Jayanti: तालाब के गंदे पानी के बीच खड़ी डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा, बोले पार्षद- BSP चीफ ने दलितों के नाम की राजनीति

Bhimrao Ambedkar Jayanti: तालाब के गंदे पानी के बीच खड़ी डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा, बोले पार्षद- BSP चीफ ने दलितों के नाम की राजनीति

सुमित शर्मा, कानपुर: डॉ. भीमराव आंबेडकर की 131वीं जयंती गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई। बाबा भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर कानपुर की एक प्रतिमा सुर्खियों में है। संविधान निर्माता की प्रतिमा पिछले कई वर्षों से तालाब के गंदे पानी के बीच में खड़ी है। स्थानीय पार्षद सुनील कनौजिया ने जयंती के मौके पर तालाब के गंदे पानी में चलकर माल्यार्पण करने के लिए जाते हैं। उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो पर आरोप लगाते हुए कहा कि खुद को दलितों की बेटी बताकर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की है। बाबा साहब की प्रतिमा की तरफ ध्यान नहीं दिया।

जूही बम्बुरहिया स्थित धोबी तालाब के बीचों-बीच बाबा भीमराव आंबेडकर की यह प्रतिमा लगभग 29 वर्ष पहले स्थापित की गई थी। इस तलाब में धोबी समाज के लोग कपडे़ धुलने का काम करते हैं। गंदगी की वजह से तालाब ने दलदल का रूप ले लिया है। बाबा साहब की प्रतिमा तक लोगों को पहुंचने के लिए तालाब के गंदे पानी से होकर लगभग 400 मीटर का रास्ता तय करके जाना पड़ता है। कई स्थानों पर तलाब का पानी गहरा भी है। इसके बाद भी लोग जान हथेली पर रख कर बाबा साहब को उनकी जयंती के मौके पर माल्यार्पण करने के लिए जाते हैं।

भूमाफियाओं की थी नजर
वार्ड-14 के निर्दलीय पार्षद सुनील कनौजिया के मुताबिक, सन् 1956 में श्रम विभाग ने धोबी समाज को जमीन दी थी। जहां पर बड़ी संख्या में धोबी समाज के लोग रहते हैं। तालाब पर सरकारी अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम के कपड़ो की धुलाई होती है। भूमाफियाओं ने 1993 में इस जमीन पर कब्ज़ा करने के मकसद से बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा लगाई थी, लेकिन भारी विरोध की वजह से वह अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो सके थे। इसके बावजूद भी अब इस तलाब की पुराई कर कब्ज़ा करने की फ़िराक में लगे हैं। बगल में ही टायर मंडी है, लोग बहुत तेजी से कब्ज़ा कर रहे हैं।

बीएसपी चीफ पर लगाए आरोप
पार्षद सुनील कनौजिया ने बताया कि बाबा साहब की प्रतिमा के आसपास के सुंदरीकरण के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सीएम सभी को पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन इस तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। बीएसपी सुप्रीमो मायावती खुद को दलितों का मसीहा और बेटी कहती हैं। प्रदेश की कमान कई बार उनके हाथ में रही, लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया। बहन जी ने सिर्फ दलितों के नाम पर वोट बटोरे हैं।

जान हथेली पर रखकर करते हैं माल्यार्पण
सुनील कनौजिया ने बताया कि पिछले 18 वर्षों से हम लोग बाबा साहब के निर्वाण दिवस और जयंती के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित कराते हैं। प्रतिमा को लगे 29 साल हो चुके हैं। प्रधामंत्री से भी निवेदन है कि इस प्रतिमा को संज्ञान में लेकर इसका जीर्णोद्धार कराएं। हम लोग इस गंदे पानी के बीचों-बीच घुस कर जाते हैं। कहीं गहरा पानी हैं, इसमें डूबने का भी खतरा है। हम लोग डूबे या रहे, लेकिन जब तक बाबा साहब की यह मूर्ति रहेगी, हम ऐसे ही गंदे पानी में घुसकर माला पहनाते रहेंगे।

उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News