यूपी सरकार ने सिख और मुस्लिम जाटों को लुभाने के लिए चला आरक्षण का बड़ा कार्ड

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उत्तर प्रदेश: आगामी लोकसभा चुनाव का मुख्य गढ़ यूपी में भाजपा अपनी सियासी हथकंडे अपनाती नजर आ रहीं है. यूपी के सीएम योगी इस बार के चुनावों में स्टार प्रचार के रूप में नजर आ रहें है. सत्ता में काबिज होने के लिए बीजेपी कई रणनीतियों का सहारा लेती दिखाई दे रहीं है.

यूपी सरकार ने सिख और मुस्लिम जाटों को लुभाने के लिए आरक्षण का बड़ा कार्ड खेला

बता दें कि कुछ महीने पहले यूपी सरकार ने प्रदेश के सिख और मुस्लिम जाटों को लुभाने के लिए आरक्षण का बड़ा कार्ड खेला है. अब तक राज्य में सिर्फ जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण का लाभ मिलता था, लेकिन अब यूपी के मूल निवासी मुस्लिम और सिख जाटों को भी ओबीसी का फायदा मिल सकेगा. इसके तहत पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक की तरफ से जारी शासनादेश में तमाम मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को ओबीसी के अधीन जाती प्रमाण जारी करने के निर्देशित किया है.

राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख का बयान 

अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने बीते दिन रामपुर में बीजेपी जिला महामंत्री हंसराज पप्पू के निवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए पांच दिसंबर को जारी शासनादेश की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि राज्य के सिख और मुस्लिम जाटों को अब ओबीसी का लाभ मिलेगा.  बता दें कि यूपी में लाखों संख्या में मुस्लिम जाट और सिख रहते है, ये साल 1999-2000 से जाटों की तरह राज्य में पिछड़ी जाति के आरक्षण के फायदे के लिए काफी संघर्ष कर रहीं है.

राज्य में चालीस लाख सिख और मुस्लिम जाट को मिलेगा फायदा

राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा है कि यूपी में करीब 38 से 40 लाख सिख और मुस्लिम जाट है, जिन्हें सरकार द्वारा आखिरकार ओबीसी का फायदा मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि सिख और मुस्लिम जाटों को चुनाव से लेकर नौकरी तक में ओबीसी केटोगरी को मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ मिलेगा.