भारतीय वायुसेना को मिलने से पहले राफेल का लंबा ट्रायल होगा फ्रांस में

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भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल विमान सौदे से एक बड़ी ख़बर आ रही है। ख़बर यह है की भारत को मिलने से पहले राफेल विमान की एक लंबी टेस्टिंग फ्रांस में होगी। भारत नें राफेल का ट्रायल करने के लिए फ्रांस को 20 प्रतिशत ज्यादा का भुगतान भी किया है। दोनों देश आपस में मिलकर फ्रांस में राफेल का तकरीबन 1500 घंटे तक टेस्टिंग करेंगे।

rafale aircraft plane receive september 2019 extensive trials 1500 hours paid more than deal 1 news4social -

2019 में पहला एयरक्राफ्ट मिल जाएगा वायुसेना को

वायुसेना के एक उच्च अधिकारी नें बताया है की सन 2019 में भारतीय वायुसेना को अपना पहला एयरक्राफ्ट मिल जाएगा। विमान को 1500 घंटे की टेस्ट फ्लाइंग के बाद ही वायुसेना में शामिल किया जाएगा। सन 2020 में राफेल विमान पहली बार भारत की धरती पर आएगा। 2020 मई महीने में इस विमान की भारतीय वायुसेना में शामिल होने की संभावना है। इसकी तैनाती अंबाला एयरबेस पर की जाएगी।

विवादों में रहा राफेल है राफेल समझौता

आपको बता दें की राफेल विमान सौदा सन 2015 में केंद्र की भाजपा सरकार नें फ्रांस के साथ किया था। समझौते के बाद कांग्रेस नें बीजेपी पर राफेल समझौते में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। कांग्रेस नें भाजपा पर आरोप लगाया की भाजपा नें राफेल डील में पैसों की गड़बड़ी की है।

कांग्रेस का आरोप है की जिन विमानों को कांग्रेस की सरकार कम किमत़ पर खरीदना चाहती थी उन्हीं विमानों को भाजपा की सरकार नें महंगी किमतों पर खरीदा है। इससे देश को नुकसान पहुँचा है।

परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है राफेल

आपको बता दें की राफेल विमान परमाणु हथियार तक ले जाने में सक्षम है। यह 21वीं सदी का अत्याधुनिक लडाकु विमान है। जो किसी भी तरह के हमले से निपटने और हमला करने में  पुरी तरह से सक्षम है।