Baba ka Dhaba news: आखिर किस टेंशन में थे ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक कामता प्रसाद जो जान देने की कोशिश की?
साउथ दिल्ली के ‘बाबा के ढाबा’ वाले 80 साल के बुजुर्ग कांता प्रसाद ने नींद की गोलियां खाकर खुदकुशी की कोशिश की है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। पिछले साल लॉकडाउन के बाद उनके लिए हालात इतने खराब हो गए थे कि किसी तरह परिवार का गुजारा भी मुश्किल हो गया था लेकिन उनकी बदहाली का एक वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने दिल खोलकर उनकी मदद की। देखते ही देखते उनकी किस्मत बदल गई। फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि बाबा ने खुद की जान देने की कोशिश की? आखिर किस टेंशन में थे बाबा? इसका सही-सी जवाब पुलिस जांच पूरी होने के बाद ही मिल सकेगा या फिर अगर बाबा स्वस्थ हो गए तो वह खुद इसे बयां करेंगे। लेकिन आइए, समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर वो कौन-कौन सी संभावित वजहें हो सकती हैं जिनकी वजह से बाबा की इस तरह का कदम उठाना पड़ा।
पिछले साल अचानक बदली बाबा की किस्मत
सबसे पहले कामता प्रसाद की जिंदगी बदल देने वाली पिछले साल की घटना से शुरुआत करते हैं। पिछले साल के लॉकडाउन के बाद ‘बाबा का ढाबा’ चलाने वाले बुजुर्ग दंपती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। यू-ट्यूबर गौरव वासन ने उस वीडियो को बनाया था जिसमें बाबा ग्राहकों के न आने से धंधा चौपट होने का हवाला देकर रोते नजर आए थे। इसके बाद तो ढाबा पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। ‘बाबा का ढाबा’ सोशल मीडिया पर सनसनी बनकर उभरा। गौरव वासन की अपील पर लोगों ने बढ़-चढ़कर मदद की। हालांकि, बाद में दान के पैसों को लेकर बाबा और गौरव वासन में तब कुछ विवाद भी हुआ था। खैर, मदद के रूप में मिले पैसों से बाबा की जिंदगी बदल गई। बाबा ने अपने लिए सभी कर्ज चुका दिए, घर भी बनवा लिए, ढाबा छोड़कर एक रेस्ट्रॉन्ट भी खोल लिया। हालांकि, रेस्ट्रॉन्ट चल नहीं पाया तो इस साल फरवरी में उसे बंद करना पड़ा और कामता प्रसाद को फिर अपने पुराने ‘बाबा का ढाबा’ को खोलना पड़ा।
क्या खुदकुशी के पीछे है आर्थिक वजह?
कामता प्रसाद ने कुछ दिन पहले खुद ही रेस्ट्रॉन्ट बंद होने के पीछे की कहानी बताई थी। उन्होंने 5 लाख रुपये की पूंजी लगाकर रेस्ट्रॉन्ट खोला था। उसके लिए उन्होंने 3 वर्कर्स रखे थे। रेस्ट्रॉन्ट चलाने में हर महीने एक लाख रुपये का खर्च आ रहा था। इसमें 35000 रुपये रेंट, 36000 रुपये सैलरी और 15000 रुपये बिजली, पानी के बिल जैसे खर्च शामिल थे। लेकिन रेस्ट्रॉन्ट चला नहीं। किसी भी महीने में 40 हजार से ज्यादा की बिक्री नहीं हो पाई। आखिरकार बाबा को रेस्ट्रॉन्ट बंद करना पड़ा। उस पर जो 5 लाख रुपये का निवेश किया था वह डूब गया। कुर्सियों, बर्तनों आदि को बेचकर बमुश्किल 36 हजार रुपये ही मिल पाए। रेस्ट्रॉन्ट की पूंजी भले ही डूब गई लेकिन बाबा की आर्थिक स्थिति बदहाल बिल्कुल भी नहीं थी। बाबा ने कुछ ही दिन पहले खुद बताया था कि मदद के रूप में मिले पैसों में से उनके पास अभी भी 19 लाख रुपये का बैलेंस है। लिहाजा आर्थिक स्थिति खराब होने जैसी कोई बात नहीं थी कि बाबा इस वजह से खुदकुशी की कोशिश करते।
क्या सोशल मीडिया पर हुए हमलों से विचलित थे?
पिछले साल ‘बाबा का ढाबा’ की बदहाली का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने दिल खोलकर कामता प्रसाद की आर्थिक मदद की। बाबा ने वीडियो बनाने वाले यू-ट्यूबर गौरव वासन को दिल खोलकर दुआएं दी। लेकिन कुछ ही दिनों बाद चंदे के पैसों को लेकर विवाद हो गया। कामता प्रसाद ने गौरव वासन पर मदद के रूप में मिले पैसों में घपले का आरोप लगाया जिसका वासन ने खंडन किया। यू-ट्यूबर ने मीडिया को बैंकस्टेटमेंट्स दिखाते हुए मदद के रूप में मिले रुपयों के पाई-पाई का हिसाब देने की कोशिश की। खैर, इस विवाद के बाद सोशल मीडिया पर बाबा के खिलाफ तमाम लोग अपने गुस्से का इजहार करने लगे। उन्हें एहसान-फरामोश ठहराने लगे। इन हमलों से कामता प्रसाद काफी विचलित हुए। उस वक्त उनका एक वीडियो भी आया था जिसमें वह खुद पर लग रहे लालची होने के आरोपों से काफी आहत थे। कुछ दिन पहले जब कामता प्रसाद और गौरव वासन ने मिलकर एक दूसरे से सभी गिले-शिकवे खत्म किए तब भी सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स ने बाबा पर तंज कसा था। ऐसे में सोशल मीडिया पर हुए हमले एक संभावित वजह जरूर हो सकते हैं, जिसकी वजह से बाबा ने खुद की जान देने की कोशिश की है।
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गौरव वासन एपिसोड से तो कनेक्शन नहीं?
कामता प्रसाद और यू-ट्यूबर गौरव वासन की हालिया मुलाकात की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। दोनों ने मिलकर एक दूसरे से सभी गिले-शिकवे दूर किए थे। बाबा ने वासन पर पिछले साल लगाए गए आरोपों के लिए माफी भी मांगी। उसके बाद एनबीटी ऑनलाइन को दिए एक इंटरव्यू में बाबा ने कहा कि उन्होंने गलतफहमी की वजह से आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि वासन ने कोई धोखाधड़ी नहीं की, उनकी मदद करने वाले के बारे में वह ऐसा कैसे सोच सकते हैं। आरोपों को लेकर बाबा ने कहा कि उन्हें बरगलाया गया था। इसके कुछ दिन बाद ही शुक्रवार को बाबा के खुदकुशी की कोशिश करने की खबर आई। कहीं ऐसा तो नहीं कि बाबा माफी मांगने के बाद भी वासन पर लगाए अपने अपराधों के लिए ग्लानि महसूस कर रहे थे तो इस वजह से जान देने की कोशिश की?
परिवार में कोई कलह तो नहीं?
कामता प्रसाद ने किसी तरह के पारिवारिक कलह की वजह से तो जान देने की कोशिश नहीं की? बाबा ने कुछ दिन पहले ही बताया था कि उन्हें लोगों से मदद के रूप में 45 लाख रुपये मिले थे। इन रुपयों से वह अपना सभी कर्ज उतारने में सफल रहे। घर में एक फ्लोर और जुड़वाया। रेस्ट्रॉन्ट पर खर्च किया जो डूब गया लेकिन इसके बावजूद उनके पास फिलहाल 19 लाख रुपये बचे हुए थे। अक्सर रुपये-पैसों को लेकर परिवार में विवाद की खबरें आती हैं। तो क्या इन रुपयों को लेकर बाबा के परिवार में किसी तरह का कोई विवाद तो नहीं था? पुलिस जांच में ही यह साफ हो पाएगी।
अपने ढाबा पर पत्नी के साथ कांता प्रसाद (फाइल फोटो)
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