गूगल की सुरक्षा को ठेंगा दिखाते हुए WhatsApp का फर्जी ऐप प्ले स्टोर पर उपलब्ध रहा और इसे 10 लाख लोगों ने डाउनलोड भी किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल प्ले स्टोर पर Update WhatsApp नाम का ऐप काफी दिनों तक रहा जिसे लोग लगातार डाउनलोड करते रहे। सबसे खतरनाक और गंभीर ये है कि यह ऐप उसी डेवेलपर नाम से था जिससे असली व्हाट्सऐप ऐप गूगल प्ले स्टोर पर है। इसलिए डाउनलोड करने वाले यूजर्स इसे भी असली समझ रहे थे।
Fake WhatsApp Update on #GooglePlay . Under the “same” dev name. Incl. a Unicode whitespace. One Million downloadshttps://t.co/qjqxd6n6HP pic.twitter.com/dmvTksqpuP
— Nikolaos Chrysaidos (@virqdroid) November 3, 2017
एक रेडिट यूजर ने इससे पहले ढूंढा उसके मुताबिक व्हाट्सऐप के इस ऐप ने उन लोगों का नुकसान किया है जिन्होंने इसे अपने मोबाइल में इंस्टॉल किया है। गौरतलब है कि व्हाट्सऐप ऐप प्ले स्टोर पर WhatsApp Inc डेवेलपर नाम से उपलब्ध है। आम तौर पर फर्जी ऐप की पहचान करने के लिए लोग डेवेलपर का नाम पढ़ते हैं ताकि यह पता लगा सकें कि ऐप कौन से पब्लिशर का है और जिस डेवेलपर का है वो सही है या नहीं।
WhatsApp का फर्जी ऐप गूगल प्ले स्टोर पर WhatsApp Inc डेवेलपर नेम से ही मौजूद था। इसीलिए लोगों के लिए इसे सही या गलत समझने का कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था और शायद इसी वजह से इसे 10 लाख लोगों ने डाउनलोड भी कर लिया।
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब एंड्रॉयड को फर्जी ऐप के जरिए टार्गेट किया गया है। इससे पहले भी गूगल प्ले स्टोर पर कई ऐसे खतरनाक और फर्जी ऐप आते हैं जिससे यूजर को बड़ा नुकसान भी होता है।
यह कैसे संभव है कि कोई WhatsApp Inc डेवेलपर नेम से कोई ऐप गूगल प्ले स्टोर पर रख सकता है?
यह सवाल आपके मन में भी होगा। इसे देख कर ऐसा लगता है जैसे हैकर्स ने डेवेलपर नेम की जगह WhatsApp Inc दिखाने के लिए किसी ट्रिक्स का यूज किया है। ये ट्रिक्स यूनिकोड हो सकता है। ऐसा पहले भी देखने को मिला है जब ऐपल की वेबसाइट किसी यूनिकोड के जरिए खोल कर लोगों को बेवकूफ बनाया गया। क्योंकि ऐपल का डोमेन apple.com है और यूनिकोड ट्रिक्स के जरिए ऐसे किया गया कि और ब्राउजर में apple.com ही दिखा।
रेडिट यूजर ने इस ऐप की डीटेल्स का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है जिसमें WhatsApp+Inc%C3%A0 लिखा है, लेकिन प्ले स्टोर पर सिर्फ WhatsApp Inc दिखा और दूसरे कोड इनविजिबल हैं।
चूंकि व्हाट्सऐप को दुनिया भर में एक अरब लोग यूज करते हैं ऐसे में इस नाम का फर्जी ऐप काफी गंभीर मद्दा है। इसलिए इसे गूगल की सिक्योरिटी चूक कहा जा सकता है। गूगल ने हाल ही में गूगल प्ले प्रोटेक्ट की शुरुआत की है जो गूगल प्ले स्टोर पर वैसे ऐप्स की पहचान करेगा जो फर्जी हैं। इतना ही नहीं कंपनी दावा करती आई है कि लगातार लाखों ऐप्स को स्कैन किया जाता है ताकि कोई भी खतरनाक ऐप गूगल प्ले स्टोर में न आ सकें। लेकिन फिर भी कोई ऐप बिल्कुल व्हाट्सऐप जैसे ही डेवेलपर नेम से उपलब्ध रहा और लोगों ने इसे डाउनलोड किया यह काफी गंभीर मामला है और गूगल को इस पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि फर्जी व्हाट्सऐप इंस्टॉल करके आपके स्मार्टफोन से संवेदनशील डेटा चोरी से लेकर फोन हैक होने जैसी दिक्कतें सामने आ सकती हैं।