Bihar Coronavirus : बिहार में कोरोना टेस्ट की नई तकनीक के लिए अमेरिकी यूनिवर्सिटी ने बढ़ाया हाथ, भागलपुर में JLNMCH को ये पेशकश
हाइलाइट्स:
- बिहार में कोरोना से लड़ाई के लिए अमेरिकी यूनिवर्सिटी ने बढ़ाया हाथ
- भागलपुर में JLNMCH को विशेषज्ञता की पेशकश
- लार से कोरोना टेस्ट की नई तकनीक के लिए पेशकश
- जापान भी इस तकनीक पर कर रहा है काम
भागलपुर:
अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी ने सलाइवा (लार) आधारित कोरोना टेस्ट के लिए बिहार में सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया है। इस नई तकनीक के लिए येल यूनिवर्सिटी ने बिहार के भागलपुर में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (JLNMCH) को विशेषज्ञता की पेशकश की है।
भागलपुर को अमेरिकी यूनिवर्सिटी येल की पेशकश
संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना और इस तरह के वायरस से जुड़े महामारी विज्ञान में काम कर रहे वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने मानवीय आधार पर भारत में प्रयोगशालाओं को समर्थन की पेशकश की है। लार से कोरोना टेस्ट की तकनीक को उन्होंने विकसित किया है।
येल यूनिवर्सिटी की तरफ से वाईएसपीएच की सहयोगी शोध वैज्ञानिक डॉ ऐनी वायली ने टाइम्स न्यूज नेटवर्क को बताया कि उन्होंने एक पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षण विकसित किया है जो कोरोना टेस्ट के लिए लार का इस्तेमाल करता है।
जापान का भी लार से कोरोना टेस्ट का दावा
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के टेस्ट को लेकर जापान के वैज्ञानिकों ने भी ऐसी ही एक नई तकनीकी की खोज की है। इसके जरिए कोरोना वायरस का टेस्ट घर बैठे मात्र 25 मिनट में हो जाएगा। जापानी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इंसान के सलाइवा यानी लार के टेस्ट से कोरोना संक्रमण के बारे में पता लगाया जा सकता है।
सरकार से लाइसेंसिंग अनुबंध की तैयारी
जापानी दवा कंपनी Shionogi इस तकनीकी को लेकर सरकार से एक लाइसेंसिंग अनुबंध करने जा रही है। जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि इससे बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस का टेस्ट बिना किसी तकनीशियन या विशेष उपकरण की सहायता से हो सकेगा। बता दें कि इस लार से कोरोना वायरस के टेस्ट की तकनीकी की खोज निहोन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मासायसु कुहारा और उनकी टीम ने किया है।
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जापानी स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा परीक्षण
अभी इस टेस्ट किट का परीक्षण जापानी स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा है। अगर सबकुछ सही रहा तो कुछ दिनों में इस टेस्ट को सरकार की मंजूरी मिल जाएगी। बता दें कि जापान में हाल के दिनों में लॉकडाउन में ढील दी गई है। इसके अलावा अगर सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को लेकर छूट देती है तो बाहर से आए सभी यात्रियों को पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन टेस्ट करवाना आवश्यक होगा।
3 से 5 घंटे नहीं, 25 मिनट में रिजल्ट
बता दें कि पीसीआर डायग्नोस्टिक टेस्ट का रिजल्ट आने में तीन से पांच घंटे का समय लगता है। अगर एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ बढ़ती है तो कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा और टेस्ट को लेकर भी दिक्कतों की सामना करना पड़ेगा। वहीं, अगल लार से यात्रियों का कोरोना टेस्ट होने लगा तो उन्हें रिजल्ट के लिए 25 से 30 मिनट का ही इंतजार करना होगा।
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