Agra Paras Hospital News: ‘मैं खुद देकर आया ऑक्सिजन सिलिंडर फिर कैसे हुई दादा की मौत’, सामने आए मरीजों के परिजन

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Agra Paras Hospital News: ‘मैं खुद देकर आया ऑक्सिजन सिलिंडर फिर कैसे हुई दादा की मौत’, सामने आए मरीजों के परिजन


Agra Paras Hospital News: ‘मैं खुद देकर आया ऑक्सिजन सिलिंडर फिर कैसे हुई दादा की मौत’, सामने आए मरीजों के परिजन

सुनील कुमार, आगरा
आगरा के पारस अस्पताल के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने खलबली मचा दी है। वहीं धीरे-धीरे अब मरीजों के परिजन सामने आने लगे हैं। उन्ही में एक जीवनी मंडी कृष्णा कालोनी के रहने वाले मंयक ने अपने दादा की मौत पर अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मयंक का कहना है कि उसके दादा वासुदेव की तबियत इतनी खराब नहीं थी कि उनकी मौत हो जाएगी। उन्हें सांस लेने में दिक्कतें हो रहीं थीं। वहीं डॉक्टर ऑक्सिजन की कमी बता रहे हैं जबकि जिलाधिकारी कह रहे हैं अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन थी।

‘खुद ऑक्सिजन के सिलेंडर अस्पताल में पहुंचाए’
मयंक ने बताया कि पिता के पास डॉक्टर का फोन आया और ऑक्सिजन खत्म होने की बात कही। मैंने खुद ऑक्सिजन के सिलेंडर अस्पताल में पहुंचाए, फिर थोड़ी देर बाद ही डॉक्टर ने मौत की खबर सुना दी। यह कहते हुए उसकी आंखों से आंसू और अस्पताल संचालक के खिलाफ गुस्सा फूट रहा था।

अस्पताल संचालक के खिलाफ भड़का आक्रोश
वीडियो वायरल होने के बाद शहर में अस्पताल संचालक के खिलाफ आक्रोश भड़क उठा है, कांग्रेसी नेताओं ने थाना न्यू आगरा थाने का घेराव कर अस्पताल संचालक पर हत्या का मुकदमा कराने की मांग की है। आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल और थाने न्यू आगरा में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल कर्मी भी संचालक के पक्ष में खड़े हो गए। प्रदेश सचिव अमित सिंह का कहना है कि अस्पताल संचालक हत्यारा है। उसने 22 लोगों की सामूहिक हत्या की है। इसके खिलाफ प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए नहीं हो आंदोलन किया जाएगा।

मरने वालों के परिजन आए सामने
मयंक ने बताया कि उसके दादा वासुदेव की 26 अप्रैल को अस्पताल में मौत हुई थी, जबकि उसने अस्पताल में खुद सिलेंडर पहुंचाए थे। अशोक चावला ने बताया कि उनकी भाभी मनीषा भी पारस हॉस्पिटल में भर्ती थी। उनका कोविड का इलाज चल रहा था। उनकी 27 अप्रैल को मौत हुई। अशोक चावला का कहना है कि अस्पताल से डॉक्टर का फोन आया कि हम आपकी भाभी को बचा नहीं पाएंगे आप ऑक्सीजन की व्यवस्था करें अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है। उसी समय वह खुद सेंट पीटर्स से ऑक्सिजन के सिलेंडर लेकर पहुंच गए। इसके बाद जब वह घर पहुंचे थोड़ी देर में फिर से डॉक्टर का फोन आया कि मनीषा की मौत हो चुकी है।

क्या कहते हैं अधिकारी
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह का कहना है कि पारस अस्पताल में ऑक्सिजन की कोई कमी नहीं थी, उन्होंने कहा है कि ऑक्सिजन के कारण किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। वीडियो वायरल में डॉक्टर आरिंजय जैन ने जो भ्रांति फैलाई कि मोदी नगर में प्लांट में ऑक्सीजन समाप्त हो गया है वह जनमानस में हितकारी नहीं है इसी के तहत महामारी एक्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।



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