आम आदमी पार्टी में टिकट को लेकर मचा घमासान: किसको मिलेगी राज्यसभा सीट?

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कुमार विश्वास, इस शख्सियत को कौन नहीं पहचानता, कौन नहीं जानता की वो देश के मौजूदा सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक है? लेकिन आजकल वो अपनी कविताओं से ज्यादा सुर्खियां आम आदमी पार्टी के साथ चल रही उनकी नाराजगी से बना रहे हैं. चलिए आपको समझाते हैं पूरा किस्सा राज्यसभा सीटों में दावेदारी के लिए घमासान का.

2018 में राज्य सभा के खाली होने वाली सीटों में से 3 सीटें दिल्ली से आनी हैं. चूँकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकर है और उनके पास 66 विधायक हैं तो गणित के हिसाब से उन्हें  व्यक्तियों का चयन करके राज्यसभा भेजना है. अमूमन राजनितिक दल अपने दल में अच्छा ख़ासा प्रभाव रखने वाले अथवा किसी शख्सियत को लुभाने के उद्देश्य से उसे राज्यसभा भेज देते हैं. चूँकि राज्यसभा में जाने के लिए चुनाव प्रक्रिया प्रदेश के उस सदन में होती जहाँ चुने हुए प्रतिनिधि बैठते हैं (विधानसभा) तो यह जाहिर है की प्रदेश विधानसभा में जिस दल को बहुमत प्राप्त होगा वह दल अपने विधायक को व्हिप जारी करके अपने पसंदीदा व्यक्ति को राज्यसभा भेज सकती है. बता दें कांग्रेस के तीन सांसदों जनार्दन द्विवेदी, कर्ण सिंह और परवेज हाशमी 27 दिसंबर को अपना कार्यकाल पूरा कर राज्य सभा से रिटायर हो गए और अब यह तीन सीटों पर नामांकन होना है, जिसकी आखिरी तारिख 5 जनवरी है.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के विषय में यह अटकलें थी की उनके द्वारा राज्यसभा में भेजे जाने हेतु चयनित तीन नामों में से एक नाम कुमार विश्वास का अवश्य होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और अब वो एक तरह से किनारे करदिये गए हैं. आम आदमी पार्टी ने पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन से लेकर भाजपा नेता यशवंत सिन्हा तक को राज्यसभा सीट की पेशकश की जिन्होंने इसको ठुकरा दिया है. एक सीनियर पार्टी नेता ने यह बताया है की राज्यसभा के लिए दिए नामों में कुछ पार्टी के अंदर तो कुछ बाहर के हो सकते हैं, हालाँकि यह तय है की कुमार विश्वास के नामित होने की आशंका बेहद कम है जिस वजह से कुमार विश्वास पार्टी और खास कर के केजरीवाल से नाराज चल रहे हैं. केजरीवाल ने हाल ही में ट्वीट करके कुमार विश्वास पर निशाना साधा था. देखें ट्वीट.

अब आम आदमी पार्टी में जो इस पद के प्रबल माने जा रहे हैं, वो हैं संजय सिंह और आशुतोष, हालाँकि अरविन्द केजरीवाल ने यह बताया की अंतिम फैसला पार्टी की ‘पार्लियामेंट्री कमिटी’ करेगी. यह बात रोचक हो सकती है की अरविन्द केजरीवाल किसी ऐसे नाम को आगे बढ़ा पाएं जिसके नामित होने के बाद कुमार विश्वास की नाराजगी भी खत्म हो जाये और पार्टी के अंदर विरोधी स्वर भी न उठें, हालाँकि इसकी उम्मीद बेहद कम है. तीन नामों के पब्लिक में आ जाने के बाद यह तो तय है की पार्टी और कुमार विश्वास के बीच की दूरी बढ़ने के आसार हैं.