डोकलाम में क्या है सेना की ताजा स्थिति?

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ख़बर के अनुसार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात के बाद दोनों देशों की सेनाएं अब 150 मीटर पीछे खिसक गई हैं, हालांकि वो अभी भी डोकलाम पठार पर बनी हुई हैं।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अख़बार ने कई सूत्रों के हवाले से कहा है कि दोनों देशों की सेनाएं अपना टेंट और रोड बनाने का सामान ले कर डोकलाम में तनाव की जगह से कुछ दूर चली गई हैं और अब एक दूसरे से लगभग 300 मीटर की दूरी पर हैं। लेकिन ये दूरी इतनी नहीं कि दोबारा तनाव बढ़े तो सेनाएं फिर आगे न आ सकें या एक-दूसरे की सीमा में हस्तक्षेप न कर सकें।

हाल में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाक़ात हुई थी। दोनों नेताओं ने सीमाओं पर शांति बनाए रखने के लिए आपसी भरोसे को और मज़बूत बनाने की दिशा में काम करने के बारे में बात की थी।

इधर सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान अभी भी भारत के लिए ख़तरा बने हुए हैं

दैनिक भस्कर में छपी ख़बर के मुताबिक बिपिन रावत ने साफ़ तौर पर चीन या पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया, लेकिन पश्चिम और उत्तरी सीमा मोर्चे शब्द का इस्तेमाल ख़तरा बताने के लिए किया।

उन्होंने कहा कि ये मुमकिन है कि चीन के साथ टकराव का फ़ायदा पाकिस्तान उठाने की कोशिश करे। लिहाज़ा, भारत को दोनों फ्रंट पर जंग के लिए तैयार रहना होगा।

दिल्ली में एक कार्यक्रम में रावत ने कहा कि चीन धीरे-धीरे भारत की सीमाओं के क़रीब आने की कोशिश कर रहा है। उसने ताकत दिखाने की कोशिश की है।

पाकिस्तान नॉदर्न बॉर्डर पर होने वाले टकराव का फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए हमें दो मोर्चों पर जंग के लिए तैयार रहना होगा।