तीन तलाक के ऐतिहासिक फैसलें की जमकर तारीफ की जा रही है। अच्छी बात तो यह है कि इस फैसलें का स्वागत तमाम राजनीतिक पार्टियों ने एक स्वर में किया। यही तो हमारे देश की महानता है। जहां एक तरफ तीन तलाक के फैसलें पर सभी अपनी-अपनी राय दे रहे है, वही बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक फैसला बतातें हुए बड़ा बयान दिया। जी हां, अमित शाह इस फैसलें को नये युग की शुरूआत में देख रहे है।
जानियें, क्या कहा अमित शाह ने?
आपको बता दें कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसे एक नये युग की शुरूआत बताया है। साथ ही अमित शाह ने यह भी कहा कि कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, मुस्लिम महिलाओं के लिए स्वाभिमान के साथ-साथ समानता के एक नए युग की शुरुआत है। फैसलें की तारीफ करते हुए अमित शाह ने यह भी कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकार की विजय है। दुनिया के दूसरे देशों में भी अब तीन तलाक का कानून अब अस्तित्व में नहीं है। अमित शाह यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाकर करोड़ो मुस्लिम महिलाओं को समानता और आत्मसम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है। बीजेपी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही सभी पीड़ित महिलाओं के हक में आए इस फैसले का स्वागत करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।
विपक्ष ने मिलाएं सुर से सुर!
आपको बता दें कि तीन तलाक के फैसलें पर बीजेपी और कांग्रेस ने एक सुर में कहा है कि ये महिलाओं की जीत है। जहाँ एक तरफ बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि ये बहुत अच्छा निर्णय है और लैंगिक न्याय और लैंगिक समानता की ओर एक और कदम है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि ये महिलाओं की जीत है। इसके अलावा कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि जो हमने पहले उम्मीद की थी वो अब हुआ है, एक अच्छा फैसला आया है। साथ ही कांग्रस नेता ने यह भी कहा कि ये फैसला सच्चाई, वास्तविकता और सही इस्लाम को उजागर करता है।
जानियें, कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला?
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया और इस पर 6 महीने की रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि इस मामले पर जल्द से जल्द कानून बनाया जाए। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश की राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रिया आई हैं।
यह भी जानें कि क्या कहा कोर्ट ने?
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि
-एक साथ तीन तलाक असंवैधानिक। सुप्रीम कोर्ट ने तीन – दो के बहुमत से सुनाया फ़ैसला।
-तीन तलाक पर 6 महीने की रोक।
-मुख्य न्यायधीश जेएस खेहर और जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने कहा ये 1400 साल पुरानी प्रथा और मुस्लिम धर्म का अभिन्न हिस्सा। कोर्ट नहीं कर सकता रद।
-जस्टिस कुरियन जोसेफ़, जस्टिस आरएएफ़ नारिमन और जस्टिस यूयू ललित ने एक बार मे तीन तलाक को असंवैधानिक ठहराया और इसे खारिज कर दिया।
-तीनों जजों ने 3 तलाक को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करार दिया। जजों ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार देता है।
-जस्टिस नजीर और चीफ जस्टिस खेहर ने नहीं माना था असंवैधानिक। चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस नजीर ने अल्पमत में दिए फैसले में कहा कि तीन तलाक धार्मिक प्रैक्टिस है, इसलिए कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा। दोनों ने कहा कि तीन तलाक पर छह महीने का स्टे लगाया जाना चाहिए, इस बीच में सरकार कानून बना ले और अगर छह महीने में कानून नहीं बनता है तो स्टे जारी रहेगा। हालांकि, दोनों जजों ने माना कि यह पाप है।
-अगर 6 महीने के अंदर तीन तलाक पर कानून नहीं लाया जाता है तो तीन तलाक पर रोक जारी रहेगी।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महिलाओं की आजादी को एक नया नजरिया देता है।