बेटी बोली- 100 एकड़ जमीन के लिए किए 8 कत्ल: एक मारूं या 8, सजा तो होनी ही है; कैसे सुलझा हिसार मर्डर केस, आज पार्ट-2 h3>
23 अगस्त 2001 को हरियाणा के हिसार जिले में पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया की कोठी में 8 कत्ल हुए। एक प्रेमी जोड़े ने 68 साल के रेलू राम पूनिया, उनकी 60 साल की पत्नी कृष्णा, 27 साल का बेटा सुनील, 25 साल की बहू शकुंतला, 14 साल की बेटी पम्मा, 4 साल का पोत
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सुबह पुलिस कोठी पहुंची, तो 8 लाशें, 21 साल की जहर खाई हुई एक बेहोश लड़की, एक चिट्ठी, खून से सनी 50 किलोग्राम की लोहे की रॉड और मर्डर करने के तरीके से जुड़ी किताबें मिलीं।
दैनिक NEWS4SOCIALकी सीरीज ‘मृत्युदंड’ में हिसार मर्डर केस के पार्ट-1 में इतनी कहानी तो आप जान ही चुके हैं। आज पार्ट-2 में आगे की कहानी…
पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया समेत उनके परिवार के 8 लोगों के शव। इसमें 68 साल के बुजुर्ग से लेकर सवा महीने तक की बच्ची की लाश शामिल है।
पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया की बेटी सोनिया के मुंह से झाग निकल रहा था। सामने कमरे के एक कोने में जहर की शीशी मिली। पुलिस को शक हुआ, कहीं सोनिया ने जहर तो नहीं खा लिया। उसे हिसार के जनता हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया।
इधर, पुलिस ने आठों लाशों का पोस्टमॉर्टम कोठी के ही आंगन में करवाने का फैसला किया। ये हिसार का पहला मामला था, जिसमें घर के भीतर ही डेड बॉडी का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा था। पूरा हिसार हाई-अलर्ट पर था। कोठी के बाहर भीड़ जमा हो चुकी थी।
दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक 3 डॉक्टरों ने मिलकर एक-एक लाश का पोस्टमॉर्टम करना शुरू किया। पोस्टमॉर्टम के बाद कोठी से सटे खेत में ही सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
एक अकेली जिंदा सोनिया, संजीव के नाम की चिट्ठी और 8 कत्ल… पुलिस के लिए ये सब एक पहेली की तरह था।
पुलिस सोनिया के होश में आने का इंतजार कर रही थी। देर शाम डॉक्टर ने बताया कि सोनिया ठीक है, बातचीत कर सकती है। इसके बाद हिसार के DSP मान सिंह ने उससे पूछताछ शुरू की। इसी बीच फोरेंसिक टीम ने चिट्ठी पर लिखी हैंडराइटिंग मैच कराई, पता चला कि यह लेटर सोनिया ने ही लिखा था।
हालांकि सोनिया बार-बार कह रही थी कि उसने चिट्ठी नहीं लिखी है। पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई, तब सोनिया रोने लगी। अपने इकबालिया बयान में चीखते हुए बोली- ‘हां, मैंने ही आठों को मारा है। ये लोग मुझसे और मेरे पति से नफरत करते थे। मुझे प्रॉपर्टी नहीं देना चाहते थे। उस रात सभी को मारने के बाद मैं खुद को भी खत्म करना चाहती थी। काश! मर गई होती।’
पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया की कोठी के आंगन में ही सभी 8 लाशों का पोस्टमॉर्टम किया गया। स्केच-संदीप पाल
‘तुमने अकेले सभी को मारा है?’ पुलिस ने जोर देकर सोनिया से पूछा।
सोनिया ने कहा-
हां, हां मैंने ही मारा है, मैंने ही मारा है।
पुलिस को सोनिया की बातों पर यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि डेड बॉडी की इंजरी और रॉड देखने के बाद पोस्टमॉर्टम करने वाली टीम ने कहा था- ‘50 किलो के रॉड से 8 कत्ल, अकेली लड़की तो नहीं कर सकती।
हिसार कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने सोनिया की 7 दिन की कस्टडी मांगी। कोर्ट ने दे दी। फिर सोनिया से पूछताछ शुरू हुई।
सोनिया ने बताया- ‘मां-पापा के बीच अक्सर लड़ाई होती थी। बात मार-पीट तक पहुंच जाती थी। झगड़े की जड़ थी, जमीन-जायदाद, संपत्ति। पापा जब नशे में होते थे तो बोलते थे कि उनके भाई राम सिंह की पत्नी के साथ उनका अवैध संबंध है। चचेरी बहन रोजी भी मेरे पिता की बेटी है। मां के भी राम चंद्र दाहिया नाम के एक शख्स के साथ अवैध संबंध था। दाहिया की वजह से मां ने एक बार मुझ पर गोली भी चला दी थी, लेकिन मैं बच गई।’
पुलिस, सोनिया का बयान रिकॉर्ड करती हुई। स्केच-संदीप पाल
संजीव कौन है? पुलिस के सवाल पर सोनिया ने बताया- ‘मैं यमुना नगर के एक इंस्टीट्यूट में मार्शल आर्ट सीखती थी। वहां सहारनपुर का संजीव कोच था। धीरे-धीरे हम दोनों के बीच प्यार बढ़ने लगा। एक रोज मैंने पापा से कहा- ‘मैं संजीव से शादी करना चाहती हूं।’ उन्होंने चिल्लाते हुए कहा- ‘उसकी औकात नहीं है। मैं अपने से ऊंचे परिवार में तुम्हारी शादी कराऊंगा।
मैं जिद पर अड़ी रही। आखिर में 29 सितंबर 1998 को मेरी शादी संजीव से हो गई। उस वक्त मैं 18 साल की थी और संजीव 25 साल का।
शादी के बाद मैं सहारनपुर चली गई। कुछ दिन बाद मां का फोन आया, कहने लगीं कि तुम्हारे पापा फरीदाबाद वाली कोठी बेच रहे हैं। तुम ये कोठी उनसे मांग लो। मैंने पापा को फोन किया और उनसे कोठी मांग ली। पापा ने वो कोठी मुझे दे दी।
सोनिया और संजीव। ये तस्वीर दोनों की शादी के वक्त की है। 1998 में इनकी शादी हुई थी।
जब कोठी दे दी, फिर क्यों मारा?
सोनिया ने पुलिस को बताया- ‘मेरे खर्चे ज्यादा थे। शुरुआत में पापा पैसे देते थे, बाद में बंद कर दिया। संजीव को बिजनेस के लिए भी पापा ने पैसे नहीं दिए। मेरी मां संजीव को भड़का रही थीं। वो हर रोज कॉल करके उससे कहतीं- ‘सोनिया का किसी और के साथ अफेयर चल रहा है।
मां चाहती थी कि मेरा रिश्ता टूट जाए। पापा भी ऐसा ही चाहते थे। वे मेरे सास-ससुर को फोन करके कहते- ‘सोनिया को कंट्रोल में रखिए। अगर कंट्रोल नहीं कर सकते, तो उसे काटकर नहर में फेंक दीजिए। मैं कुछ नहीं कहूंगा।’
पापा सारी प्रॉपर्टी मेरे सौतेले भाई सुनील को देना चाहते थे। उन्होंने कागज भी तैयार करवा लिए थे। उनके पास 100 एकड़ जमीन, दिल्ली के नांगलोई में 13 दुकानें, फरीदाबाद वाली कोठी समेत कई कोठियां और 3 कार थीं।
मैं नहीं चाहती थी कि सारी प्रॉपर्टी सुनील को मिले। इसलिए सबको मारने का प्लान बनाया। मैंने सोचा- ‘एक को मारूं या 8 को, सजा तो होनी ही है। इसलिए पूरे परिवार को मार डाला।’
पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया, उनकी पहली पत्नी और गोद में सुनील।
मर्डर का प्लान कैसे किया?
सोनिया ने बताना शुरू किया- ‘23 अगस्त को मेरा बर्थडे था। मैं संजीव के साथ दोपहर में सहारनपुर से हिसार के लिए निकली। रास्ते में पटाखे भी खरीदे। हिसार के एक बोर्डिंग स्कूल में मेरी बहन पम्मा पढ़ती थी।
हम उसे लेने उसके हॉस्टल पहुंचे। पम्मा गाड़ी में बैठते ही कहने लगी- ‘दीदी, तुम्हारा राजीव के साथ अफेयर है क्या?’ पम्मा ने ये बात संजीव के सामने कह दी। संजीव आगबबूला हो गया। जबकि राजीव सिर्फ मेरा दोस्त था।
संजीव ने गुस्से में कहा- ‘सोनिया, मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं है। तुम अकेली जाओ।’
वह गाड़ी से उतर गया। उसके बाद मैं पम्मा के साथ कोठी आ गई। घर पहुंची तो पापा नाराज हो गए कि तुम ‘पम्मा को साथ लेकर क्यों आई हो। तुम्हें ये हक किसने दिया।’
मैंने कुछ नहीं कहा। बस सुनती रही…मन मारकर बर्थडे सेलिब्रेट किया। चिकन-रोटी खाई। तब तक 12 बज चुके थे। पापा के कमरे में गई तो वो मां के साथ लड़ रहे थे। गाली-गलौज कर रहे थे। मुझे भी गाली दे रहे थे। तभी मैंने सोच लिया कि आज या तो ये दोनों जिंदा रहेंगे या मैं।
सबसे पहले मैंने पापा को मारा। फिर मुझे लगा कि अब सजा तो मिलनी ही है, तो क्यों न सभी को मार दूं। उसके बाद मां और उनके साथ सो रही सवा महीने की प्रीति को रॉड से कुचल डाला।
सुनील के कमरे में मेरी बहन पम्मा थी। मैं उसे बुलाकर दूसरे कमरे में ले गई। उससे कहा कि जल्द तैयार हो जाओ। पानीपत चलना है। तुम्हारा टूर्नामेंट में सिलेक्शन करवाना है। जैसे ही उसने ड्रेस पहना, उसे वहीं खत्म कर दिया। फिर सुनील और उसकी पत्नी को मारा। उसके बाद बाकी लोगों का कत्ल किया।
सभी को खत्म करने के बाद मैं खुद को भी मारना चाहती थी। मैं गाड़ी लेकर घर से निकली। सोचा एक्सीडेंट से खुद को भी खत्म कर देती हूं, फिर लगा कि बच गई तो…? वापस कोठी आ गई। सुसाइड नोट लिखा और आधा शीशी जहर खा लिया।’
पम्मा ने सोनिया से उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा। इसी बात पर सोनिया और उसके पति संजीव में बहस हो गई। स्केच- संदीप पाल
संजीव कहां गया?
सोनिया ने झल्लाते हुए कहा- ‘मुझे नहीं पता कहां गया, हो सकता है अपने घर सहारनपुर गया हो।’
पूर्व विधायक रेलू राम का बचपन तंगहाली में गुजरा था। वे भैंस चराया करते थे। बाद में वे दिल्ली आ गए। वहां रेलू राम ने ट्रक साफ करने का काम शुरू कर दिया। फिर ट्रक चलाने लगे। कुछ साल बाद एक सेठ को देखकर उन्होंने कच्चे तेल का कारोबार शुरू कर दिया। इससे उन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनाई। 100 एकड़ जमीन खरीदी। फरीदाबाद और दिल्ली में कोठी और 13 दुकानें।
1996 में रेलू राम पूनिया बरवाला से निर्दलीय चुनाव में उतरे। उनका चुनाव चिह्न रेलगाड़ी था। उस चुनाव में एक नारा खूब चला था- ‘रेलू राम की रेल चलेगी, बिन पानी बिन तेल चलेगी।’
रेलू राम चुनाव जीत गए। उन्होंने 2 एकड़ जमीन में ये कोठी बनवाई थी। ऐसी हवेली पूरे हिसार में नहीं थी। इसके दूसरे फ्लोर के कमरे तक कार चली जाती थी।
रेलू राम की अकूत संपत्ति उनके कुनबे के खात्मे की वजह हो सकती है, लेकिन अकेले सोनिया ऐसा नहीं कर पाएगी। पुलिस को शक था कि उसके साथ कोई मर्द भी था।
पुलिस ने कोठी में काम करने वाले सभी नौकरों और चौकीदार का बयान दर्ज किया। चौकीदार अमर सिंह ने बताया- ‘उस रोज सोनिया दीदी का बर्थडे था। रात के करीब साढ़े 9 बजे उन्होंने टाटा सूमो गाड़ी नंबर HR-20E/0019 गेट से एंट्री की और सीधे दूसरे फ्लोर पर चली गईं। उनके साथ मालिक की सबसे छोटी बेटी पम्मा भी थी।
रात के 12 बजे अचानक स्टोर रूम की लाइट जली। यहीं पर ट्रैक्टर के स्पेयर पार्ट्स, कबाड़ रखे हुए थे। मैंने पूछा- ‘कौन है? सोनिया दीदी ने कहा- मैं हूं। फिर थोड़ी देर बाद लाइट बंद हो गई। सुबह 4 बजे सोनिया दीदी ने मुझसे गेट खुलवाया। वो टाटा सूमो से निकलीं और आधे घंटे बाद वापस आ गईं।’
पुलिस के सामने बयान देता हुआ रेलू राम का चौकीदार अमर सिंह। स्केच-संदीप पाल
रेलू राम के परिवार में अनबन क्यों रहती थी?
अमर सिंह ने पुलिस को बताया- ‘पूर्व विधायक के बेटे सुनील की उसकी सौतेली मां कृष्णा के साथ अनबन थी। रेलू राम ने कृष्णा को मेंटेनेंस के लिए 25 एकड़ जमीन दी थी। बाकी जमीन पर वो सुनील के साथ मिलकर खेती करते थे। सुनील का कहना था कि रेलू राम ने सारी संपत्ति, गाड़ी, कोठी, पैसा, सब कुछ संजीव और बेटी सोनिया को दे दिया है। उधर, सोनिया कहती थी कि उसके पापा सारी प्रॉपर्टी सुनील के नाम कराने जा रहे हैं। इसी बात को लेकर परिवार में आए दिन कलह होती थी।’
पुलिस ने सोनिया, संजीव और उसके ससुराल वालों के खिलाफ धारा 302, 120B, 212 और 201 के तहत केस दर्ज किया। ड्रग्स एक्ट और आर्म्स एक्ट की धाराएं भी लगाईं, क्योंकि घटनास्थल से जहर की शीशी मिली थी, लेकिन पुलिस को अब तक रिवॉल्वर नहीं मिली थी। जबकि सोनिया ने कहा था कि उसने सुनील की पत्नी शकुंतला पर बंदूक तानी थी।
पुलिस को अब संजीव की तलाश थी। उसका इस खूनी खेल में इन्वॉल्वमेंट था या नहीं? क्या सच में सोनिया का कोई प्रेमी था और उसी के साथ मिलकर उसने कत्ल किए… ये सारे सवाल अब भी बने हुए थे।
कल यानी रविवार को पढ़िए हिसार मर्डर केस पार्ट-3
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सोनिया ने अपना जुर्म कबूल लिया था, लेकिन पुलिस का मानना था कि एक अकेली लड़की 50 किलो के रॉड से 8 कत्ल नहीं कर सकती। इसके साथ कोई मर्द भी जरूर रहा होगा। पुलिस ने उस मर्द को कैसे पकड़ा। बिना चश्मदीद गवाह के कोर्ट में पुलिस ने कैसे गुनाह साबित किया? रेलू राम की संपत्ति और कोठी का क्या हुआ? पूरी कहानी कल यानी रविवार को पढ़िए हिसार मर्डर केस पार्ट-3 में…