सीकर में NSUI जिलाध्यक्ष ने किया सरेंडर: CM भजनलाल शर्मा को दिखाए थे काले झंडे, 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड – Sikar News

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सीकर में NSUI जिलाध्यक्ष ने किया सरेंडर:  CM भजनलाल शर्मा को दिखाए थे काले झंडे, 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड – Sikar News

सीकर में NSUI जिलाध्यक्ष ने किया सरेंडर: CM भजनलाल शर्मा को दिखाए थे काले झंडे, 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड – Sikar News

उद्योग नगर थाने में सरेंडर करने जाते हुए जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा (सफेद शर्ट) में।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को काले झंडे दिखाने के मामले में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के सीकर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने बुधवार सुबह उद्योग नगर थाने में सरेंडर कर दिया। नागा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला, प्रवक्ता गोविंद

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19 अप्रैल को NSUI के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने सीएम को काले झंडे दिखाए थे।

कांग्रेस का बयान: विरोध है संवैधानिक अधिकार

सरेंडर के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने कहा- हम कानून का सम्मान करते हैं। NSUI जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा ने स्वेच्छा से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। काले झंडे दिखाना कोई गंभीर अपराध नहीं है। प्रजातंत्र में विरोध-प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है और इसी के तहत नागा ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया। गठाला ने विश्वास जताया कि कोर्ट में पेशी के बाद नागा को जमानत मिल जाएगी।

सुरक्षा चूक पर पुलिस और प्रशासन सख्त

मुख्यमंत्री के काफिले में सुरक्षा चूक के चलते पुलिस ने तीन कांस्टेबलों हेमराज (सीकर), कोमल (सीकर), और मेघराज (बीकानेर) को निलंबित कर दिया है। प्रारंभिक जांच के आधार पर बजरंग कांटा से डिपो तिराहे तक तैनात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू की गई है। जांच में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं इसी मामले में काफिले के बीच सांड घुसने की घटना को गंभीरता से लेते हुए नगर परिषद ने जोन निरीक्षक को चार्जशीट जारी की है। जिला कलक्टर मुकुल शर्मा ने नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है।

इससे पहले 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई।

पहले भी हुई थी गिरफ्तारी, विरोध के बाद रिहाई

इससे पहले काले झंडे दिखाने के आरोप में NSUI के छह कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, कांग्रेस के भारी विरोध-प्रदर्शन के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर रिहा कर दिया गया। NSUI और अन्य संगठनों ने मुख्यमंत्री के शेखावाटी दौरे से पहले ही विरोध की घोषणा की थी। जिसमें ‘सीकर संभाग बहाल करो’ जैसे नारे प्रमुख थे। इसके बावजूद, पुलिस को इसकी पूर्व सूचना नहीं मिली जिसे सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक माना जा रहा है।

पुलिस और प्रशासन की जांच जारी

पुलिस और जिला प्रशासन ने इस मामले में अलग-अलग जांच शुरू की है। सुरक्षा में चूक और विरोध-प्रदर्शन की जानकारी न मिलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं।

यह है पूरा मामला

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के तीन दिवसीय शेखावाटी दौरे के दौरान NSUI कार्यकर्ताओं ने 19 अप्रैल को उनके काफिले में घुसकर सीएम को काले झंडे दिखाकर विरोध जताया था। इस घटना को लेकर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। लेकिन काफिले में सांड घुसने और विरोध की सूचना न मिलने से प्रशासन की किरकिरी हुई। अब नागा के सरेंडर और पुलिस की कार्रवाई ने इस मामले को और चर्चा में ला दिया है।

यह घटना न केवल राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करती है।

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