69 वर्षीय प्रतिभा ने 1835 में बने रामबाग पैलेस से दिखाया जयपुर का शाही रंग, जीता पहला पुरस्कार – Jaipur News h3>
सिटी रिपोर्टर | आज वर्ल्ड आर्ट डे है। इस मौके पर दैनिक NEWS4SOCIALकी ओर से पेंटिंग कॉम्पीटिशन ‘मेरे शहर का रंग’ आयोजन किया गया। 3 से 11 अप्रैल तक चले इस ऑनलाइन कॉम्पीटिशन में 8 दिन में 5484 एंट्रीज प्राप्त हुईं। सबसे ज्यादा उत्साह जयपुर के कलाकारों ने दि
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कई चरणों में पेंटिंग को देखने के बाद 3 विजेता तय करना मुश्किल था, लेकिन यह प्रक्रिया का एक हिस्सा है इसलिए विजेता घोषित किए गए। ज्यूरी में राजस्थान यूनिवर्सिटी के चित्रकला विभाग के सहायक प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त वरिष्ठ चित्रकार डॉ. नाथूलाल वर्मा, राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स में चित्रकला विभाग के एचओडी पंकज यादव और कलानेरी आर्ट गैलरी एवं अकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स की डायरेक्टर सौम्या शर्मा शामिल थीं। चयनित सभी पेंटिंग्स की मंगलवार से कलानेरी आर्ट गैलरी में दो दिवसीय प्रदर्शनी लगेगी। प्रदर्शनी का उद्घाटन शाम 4 बजे होगा। इस मौके पर प्रथम पुरस्कार 21 हजार, द्वितीय पुरस्कार 11 हजार और तृतीय पुरस्कार 5100 रुपए दिए जाएंगे।
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पहला पुरस्कार : प्रतिभा की पेंटिंग में वास्तुकला का सुंदर चित्रण
प्रथम पुरस्कार की विजेता प्रतिभा गोयल ने अपनी पेंटिंग यथार्थवादी शैली में बनाई है। इसमें रंगों का संयोजन विषयानुगत है। इसमें जयपुर के वास्तु को बखूबी उकेरा है। 1835 में बने रामबाग पैलेस को ऑयल कलर से कैनवास पर उकेरा है। 69 वर्षीय प्रतिभा ने कला का बेहतर संयोजन दिखाया है। जयपुर के स्थापत्य की छवि को कलाकार ने प्रमुखता दी है। इसमें उस समय के आतिथ्य सत्कार को दिखाया है। रॉयल लाउंज के बाहर शाही सवारी बग्घी को उकेरा है।
तीसरी पुरस्कार : पोस्टर के आकार की पेंटिग में कई विषयों का समावेश
तीसरा पुरस्कार जीतने वाली साक्षी छीपा ने अपनी पेंटिंग में पोस्टर का आकार देकर एक जगह कई विषयों का समावेश किया है। इसमें रंगों का विषयों के साथ बेहतर संयोजन है। मिक्स मीडियम में सिटी पैलेस, हवामहल के पारंपरिक झरोखों के जरिए शहर की आत्मा को उकेरा है। इसमें एक संदेश है कि कैसे शहर में विरासत के हर आंगन को सहेजकर हम जयपुर को दुनिया का बेहतरीन शहर बनाए रख सकते हैं।
दूसरा पुरस्कार : हवामहल के साथ हाथी की सवारी और संस्कृति का संयोजन
दूसरा पुरस्कार पूर्वा कंवर की पेंटिंग को मिला है, जिसमें शहर की विश्व विरासत के बीच मौजूद हवामहल का सुंदर चित्रण किया है। एक्रेलिक कलर से ट्रंक ऑफ ट्रेडिशन की पेंटिंग बनाई है। गहराई दिखाने के लिए लाल, भूरे, काले, ग्रे और सफेद रंग का प्रयोग किया है। पेंटिंग में बने हवामहल के अग्रभाग में आमेर से सैलानियों की सवारी कराकर लौटते हाथी तो वहीं राजस्थानी परिवेश और पहनावे को दिखाती महिला के चित्र के संयोजन से यहां की कला और संस्कृति का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।