‘बिना कापी का सेट लिए…किताब नहीं मिलेंगी’: आगरा में बुक स्टोर संचालकों की मनमानी, पेरेंट्स बोले-जानबूझकर घंटों इंतजार कर रहे – Agra News

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‘बिना कापी का सेट लिए…किताब नहीं मिलेंगी’:  आगरा में बुक स्टोर संचालकों की मनमानी, पेरेंट्स बोले-जानबूझकर घंटों इंतजार कर रहे – Agra News

‘बिना कापी का सेट लिए…किताब नहीं मिलेंगी’: आगरा में बुक स्टोर संचालकों की मनमानी, पेरेंट्स बोले-जानबूझकर घंटों इंतजार कर रहे – Agra News

दुकान खुलने का इंतजार करते पेरेंट्स

‘हमें कॉपियां नहीं चाहिए…तो पांच दिन बाद आना। हम तीन घंटे से इंतजार कर रहे हैं….बिना कॉपियों के सेट नहीं मिलेगा’ यह डॉयलॉग वो हैं, जो आज दोपहर आगरा में संजय प्लेस के माई बुक शॉप पर सुनाई दे रहे थे। पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए किताबों का सेट खरीदन

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स्कूल में खुलने वाले हैं। इसके चलते किताबों-कॉपियों की दुकानों पर पेरेंट्स की लाइनें लगी हुई हैं। संजय प्लेस में माई बुक शॉप पर सुबह 10 बजे से पेरेंट्स खड़े थे। दुकान खुली 12:15 बजे के बाद। दुकान खुलते ही काउंटर पर पेरेंट्स की भीड़ लग गई।

कुछ पेरेंट्स चुपचाप किताबों का सेट खरीद कर जा रहे थे। तो कुछ पेरेंट्स सिर्फ किताबें लेना चाहते थे। इसे लेकर कई पेरेंट्स की बुक स्टोर संचालक से बहस भी हुई। बुक स्टोर संचालक ने साफ कह दिया कि बिना कॉपियों के सेट नहीं मिलेगा।

इतना सुनते ही एक मां बिफर गई। बोलीं- सुबह से दुकान के आगे खड़ी हूं। मुझे कॉपियां नहीं चाहिए तो क्यों खरीदूं। बुक स्टोर संचालक ने कहा कि पांच दिन बाद आना। ऐसा ही जवाब एक और पेरेंट को दिया गया।

एक बच्चे के पिता का कहना था बुक स्टोर संचालकों की मनमानी चल रही है। हमारी मजबूरी है। हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इसी बात का फायदा यह दुकान वाले उठाते हैं।

माता-पिता किताबें खरीद रहे थे और बच्चा वहीं सो गया।

बदल दी हैं किताबें पब्लिशर्स ने हर साल की तरह इस साल भी किताबें बदल दी हैं। सेंट पीटर्स कॉलेज की पांचवी की किताबें बदली हुई हैं। एक पिता ने बताया कि उनका बेटा अब छठवीं में आया है। लेकिन वो दुकान पर पांचवी क्लास की किताबें देख रहे हैं, जो पूरी तरह से अलग है। यह पब्लिशर्स की मनमानी है, जिससे बच्चे पुरानी किताबों को इस्तेमाल नहीं कर पाए।

नहीं बेच सकते नाम लिखी पॉलीथिन पापा संस्था के संस्थापक दीपक सरीन ने बताया कि किताबों या कॉपियों पर स्कूल के नाम की पॉलीथिन नहीं चढ़ाई जा सकती है। स्कूल संचालक अपने नाम की कॉपियां नहीं दे सकते हैं। यह नियमों के खिलाफ है।

इसके बावजूद स्कूलों के नाम की पॉलीथिन और कवर के साथ ही कॉपियां और नेम स्लिप बिकती है। किताबों, कॉपियों, पॉलीथिन, ब्राउन कलर के साथ ही नेम स्लिप भी स्कूल के नाम की ही मिलती है।

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