चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन विशेष श्रृंगार: इंदौर के प्राचीन कालका धाम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़, सवा लाख मंत्रों का जाप – Indore News

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चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन विशेष श्रृंगार:  इंदौर के प्राचीन कालका धाम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़, सवा लाख मंत्रों का जाप – Indore News

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन विशेष श्रृंगार: इंदौर के प्राचीन कालका धाम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़, सवा लाख मंत्रों का जाप – Indore News

कालका धाम मंदिर स्थापित मां कालका देवी

चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है। विजयनगर चौक स्थित कालका धाम माता मंदिर में भी दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। सुबह से ही श्रद्धालु कालका स्वरूप मां के दर्शन के लिए लंबी कतारों में नजर आए। नवरात्रि के नौ दिनों तक यहां माता के नौ स्वरूपों क

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कालका मंदिर के मुख्य सेवादार राहुल यादव हैं, जो सेवक परिवार की चौथी पीढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि नवों दिन माता का अलग-अलग श्रृंगार होता है। आज तीसरा दिन है। नीलवर्णों से माता का श्रृंगार किया गया है। मंदिर में नौ दिनों तक सवा लाख अखंड दुर्गा पाठ रखा गया है।

विजयनगर चौक स्थित कालका धाम मंदिर में दर्शन के लिए लगी भक्तों की कतार।

नवों दिन सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लोग यहां पहुंचकर दर्शन करते हैं और प्रांगण में बैठकर दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं। नवमी के दिन विशाल भंडारे का आयोजन भी रखा गया है, जिसमें विशेष रूप से कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है।

मंदिर के पास में फूल-माला, नारियल चुनरी और प्रसाद की कई दुकानें भी सजी है। इंद्रा शर्मा 30 सालों से दुकान लगा रहीं हैं, उन्होंने बताया कि नवरात्रि में ज्यादा श्रद्धालुओं के आने के कारण बिक्री बढ़ गई है। कुछ दिनों के लिए आस-पास कुछ कई दुकानें भी लगी हैं।

मंदिर के पास नारियल-चुनरी, पूजा सामग्री से सजी दुकानें।

माता का श्रृंगार और भोग मुख्य सेवादार 9 दिन माता की साधना करते हैं। उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्रि के इन नौ दिनों में विशेष पूजा होती है। कालका माता को नींबू का हार भी विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाता है। मिश्री, पंचामृत, फल, मिष्ठान, चना, पूड़ी, खीर और हलवा का भोग लगता है

मंदिर का इतिहास यह मंदिर करीब 115 साल पुराना है, वट वृक्ष के नीचे कालका माता की प्रतिमा स्थापित थी। 1984 में ताराचंद यादव ने भव्य मंदिर का निर्माण कराया। यह मंदिर शहर के मुख्य प्राचीन मंदिरों में से एक है। इसके अलावा शहर के हरसिद्धी माता मंदिर, अन्नपूर्णा माता मंदिर, बिजासन माता मंदिर, कालका मंदिर खजराना, वैष्णो धाम माता मंदिर जैसे अतिप्राचीन मंदिरों, में भक्त बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

सवा लाख मंत्रो का जाप किया जा रहा है। दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु जाप करते हुए।

नवरात्रि में मां को कैसे प्रसन्न करें नवरात्रि के दौरान सच्चे मन से पूजा करने पर माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं। आप नौ दिनों तक उपवास रहकर या फलाहार करते हुए हर दिन एक विशेष देवी के रूप की पूजा कर सकते हैं। “ॐ दुं दुर्गायै नम:” ” ॐ हिम् क्लीम चामुंडायै विच्चे नमः” मंत्रों का जाप करें और माँ को फूल, फल, मिष्ठान्न अर्पित करें।

तीसरे दिन की पूजा विधि चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन माता के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है। प्रात:काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को स्वच्छ करके, देवी चंद्रघंटा का ध्यान करें। देवी चंद्रघंटा की तस्वीर या मूर्ति को शुद्ध जल, दूध, और फूलों से स्नान कराएं। “ॐ देवी चंद्रघंटा नम:।” इस मंत्र का 108 बार जाप करें। माता को शुद्ध घी का दीपक अर्पित करें और उन्हें लाल फूल, नैवेद्य (मिष्ठान्न, फल) अर्पित करें।

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