विधेयक आज पास और लाभ 10 साल बाद, महिला आरक्षण पर तेजस्वी ने मोदी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

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विधेयक आज पास और लाभ 10 साल बाद, महिला आरक्षण पर तेजस्वी ने मोदी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

विधेयक आज पास और लाभ 10 साल बाद, महिला आरक्षण पर तेजस्वी ने मोदी सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

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महिला आरक्षण विधेयक नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रूप में संसद से पारित हो चुका है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से इसे पास किया जा चुका है। लेकिन, इस पर राजनीति थम नहीं रही है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। विपक्षी दलों की ओर से केंद्र की सत्तादारी बीजेपी और मोदी सरकार पर हमले का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस कानून को लागू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले उनकी मां और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने भी महिला आरक्षण विधेयक पेश होने के बाद विरोध किया था। 


तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावना का इजहार किया है। आरजेडीके ऑफिशल हैंडल पर तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार की मंशा महिलाओं को आरक्षण देने के सवाल पर ठीक नहीं है। अगर उनके विचार अच्छे होते हैं तो पहले जनगणना कराए जाते। 2 सालों में केंद्र सरकार ने जनगणना क्यों नहीं कराया। यह तो बेवकूफ बनाने वाली बात है. इसका कोई फायदा फिलहाल महिलाओं को मिलने नहीं जा रहा है।

तेजस्वी ने कहा कि 2021 में कायदे से राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना होना चाहिए था जिसे भारत नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा नहीं कराया गया। यह बिल भले ही पास हो गया हो लेकिन इसके बाद अब जनगणना कराई जाएगी, फिर परिसीमन होगा उसके बाद इस बिल का लाभ देश की महिलाओं को मिल पाएगा। इसकी तैयारी पहले नहीं की गई।

कटाक्ष के अंदाज में तेजस्वी यादव ने कहा कि आज तक ऐसा तो कोई बिल ही नहीं देखा कि आज पास हो और उसका लाभ 10 साल बाद मिले। उनके द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि 29 30 के बाद इसका लाभ मिलेगा। पता नहीं तभी इसका लाभ मिल पाएगा या नहीं।

इधर बिहार राजद की ओर से यह भी कहा गया है कि जातिगत जनगणना की मांग पर देश के पिछड़े, अति पिछड़े, दलित, आदिवासी अल्पसंख्यक वर्गों को मोदी सरकार लाल आंखें दिखातती रही है। महिला आरक्षण में भी ठीक उसी प्रकार नरेंद्र मोदी की सरकार देश की पिछड़ी जाति की महिलाओं और बेटियों को किसी लायक नहीं समझती।

इससे पहले जिस दिन यह बिल लोकसभा में पेश किया गया था तो राबड़ी देवी ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग की थी। इधर महागठबंधन में उनके साथी जेडीयू और नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया। हालांकि उनकी ओर से पिछड़े वर्ग की महिलाओं का सवाल उठाया गया था।

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