Sudhir Parmar: पंचकूला का जज क्यों हो गया अरेस्ट, ईडी के शिकंजे में रहेंगे 6 दिन, जानिए कौन हैं सुधीर परमार h3>
चंडीगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने पंचकूला स्पेशल कोर्ट के सस्पेंड जज सुधीर परमार को अरेस्ट कर लिया है। ईडी ने यह कार्रवाई कथित रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के सिलसिले में की है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व जज को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के नियमों के तहत गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया। उन्हें अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने पूर्व जज को 6 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया। एजेंसी ने पहले इस मामले में पूर्व जज के भतीजे अजय परमार, रियल एस्टेट कंपनी ‘एम3एम’ के दो प्रमोटर्स बसंत बंसल और पंकज बंसल और एक अन्य रियल्टी समूह ‘आईआरईओ’ के मालिक और प्रबंध निदेशक (एमडी) ललित गोयल को गिरफ्तार किया था।
पूर्व जज को 6 दिन की ED रिमांड पर भेजा
पूर्व जज सुधीर परमार को शुक्रवार को पंचकूला जिला अदालत में पेश किया गया। यहां पर ईडी ने पूर्व जज की रिमांड मांगी। इस पर कोर्ट ने पूर्व जज को 6 दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया। 17 अगस्त को फिर से उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। बताया गया कि 5 से 6 बजे के बीच दो वकील और परिवार के सदस्य जज से मिल सकेंगे।
क्या है पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की ओर से पंचकूला में स्पेशल पीएमएलए अदालत में तैनात पूर्व विशेष सीबीआई और ईडी जज सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के तीसरे प्रमोटर के रूप कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। ईडी ने कहा था कि एसीबी की एफआईआर के अनुसार विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि सुधीर परमार ईडी के आपराधिक मामलों और सीबीआई के अन्य लंबित मामलों में आरोपियों-रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और आईआरईओ के ललित गोयल की ‘तरफदारी’ कर रहे थे।
सुधीर परमार पर है यह आरोप
ईडी ने एक बयान में कहा कि एसीबी की एफआईआर में कहा गया है कि विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक (जज मामले में) गंभीर कदाचार, आधिकारिक पद का दुरुपयोग और उनकी अदालत में लंबित मामलों में आरोपी व्यक्तियों से अनुचित लाभ देने का आरोप है। केस दर्ज होने के बाद पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुधीर परमार को निलंबित कर दिया था।
रोहतक जिला बार के वकीलों ने वर्क सस्पेंड रखा
पंचकूला की विशेष अदालत के अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) सुधीर परमार की गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार की सुबह रोहतक जिला बार के वकीलों ने वर्क सस्पेंड कर दिया। वकील तो दूर, मुंशी तक को अदालत में नहीं जाने दिया गया। रोहतक बार असोसिएशन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सीबीआई की पंचकूला स्थित विशेष अदालत के निलंबित जज सुधीर परमार की गिरफ्तारी का विरोध किया। वकीलों ने कोर्ट परिसर के बाहर बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया।
‘सुधीर परमार को गलत तरीके से फंसाया’
वकीलों का कहना है कि सुधीर परमार को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। बार एसोसिएशन रोहतक के प्रधान लोकेंद्र फौगाट ने कहा कि ईडी के जरिए न्यायपालिका को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सुधीर परमार जैसे ईमानदार जज के खिलाफ गहरी साजिश रची गई है। न्यायपालिका में आने से पहले सुधीर परमार रोहतक बार एसोसिएशन के सदस्य रहे हैं।
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पूर्व जज को 6 दिन की ED रिमांड पर भेजा
पूर्व जज सुधीर परमार को शुक्रवार को पंचकूला जिला अदालत में पेश किया गया। यहां पर ईडी ने पूर्व जज की रिमांड मांगी। इस पर कोर्ट ने पूर्व जज को 6 दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया। 17 अगस्त को फिर से उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। बताया गया कि 5 से 6 बजे के बीच दो वकील और परिवार के सदस्य जज से मिल सकेंगे।
क्या है पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की ओर से पंचकूला में स्पेशल पीएमएलए अदालत में तैनात पूर्व विशेष सीबीआई और ईडी जज सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के तीसरे प्रमोटर के रूप कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है। ईडी ने कहा था कि एसीबी की एफआईआर के अनुसार विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि सुधीर परमार ईडी के आपराधिक मामलों और सीबीआई के अन्य लंबित मामलों में आरोपियों-रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और आईआरईओ के ललित गोयल की ‘तरफदारी’ कर रहे थे।
सुधीर परमार पर है यह आरोप
ईडी ने एक बयान में कहा कि एसीबी की एफआईआर में कहा गया है कि विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक (जज मामले में) गंभीर कदाचार, आधिकारिक पद का दुरुपयोग और उनकी अदालत में लंबित मामलों में आरोपी व्यक्तियों से अनुचित लाभ देने का आरोप है। केस दर्ज होने के बाद पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुधीर परमार को निलंबित कर दिया था।
रोहतक जिला बार के वकीलों ने वर्क सस्पेंड रखा
पंचकूला की विशेष अदालत के अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) सुधीर परमार की गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार की सुबह रोहतक जिला बार के वकीलों ने वर्क सस्पेंड कर दिया। वकील तो दूर, मुंशी तक को अदालत में नहीं जाने दिया गया। रोहतक बार असोसिएशन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सीबीआई की पंचकूला स्थित विशेष अदालत के निलंबित जज सुधीर परमार की गिरफ्तारी का विरोध किया। वकीलों ने कोर्ट परिसर के बाहर बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया।
‘सुधीर परमार को गलत तरीके से फंसाया’
वकीलों का कहना है कि सुधीर परमार को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। बार एसोसिएशन रोहतक के प्रधान लोकेंद्र फौगाट ने कहा कि ईडी के जरिए न्यायपालिका को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सुधीर परमार जैसे ईमानदार जज के खिलाफ गहरी साजिश रची गई है। न्यायपालिका में आने से पहले सुधीर परमार रोहतक बार एसोसिएशन के सदस्य रहे हैं।