अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में CCTV लगाने वाला टेक्निशयन अरेस्ट , हिस्ट्रीशीटर विक्रम नांदिया से जानिए क्या है कनेक्शन h3>
अजमेर: हाई सिक्योरिटी जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने आए एक तकनीकी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। यहां युवक को अपराधियों के फोटो खींचकर उनके परिजन को भेजना भारी पड़ गया। फोटो खींचने वाले युवक को जेल प्रशासन ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस ने आरोपी युवक और बंदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
जोधपुर का रहने वाला है आरोपी
आरोपी युवक के खिलाफ जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दी। जिस पर पुलिस ने गुरुवार को उसे शांतिभंग करने और शुक्रवार को उसे दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया। उसे गुरुवार रात को ही हिरासत में लिया गया था। पकड़ा गया आरोपी युवक चांदना भाखर, जोधपुर निवासी अनिल है। उसे जोधपुर जेल से ही दो साथियों के साथ हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किए गए बंदी रघुवीर सिंह और उसके साथियों के सेल में फोटो खींचकर उसके मामा के पुत्र निखिल सिंह को भेजने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ऐसा हुआ पूरा खेल
सूत्रों के अनुसार सामने आया कि हाई सिक्योरिटी जेल में बंद खतरनाक अपराधी और सीसीटीवी लगाने आया आरोपी अनिल जोधपुर के ही निवासी हैं। जब अनिल उनके सेल के बाहर कैमरे फिट करने के बाद अपनी कंपनी के अधिकारियों को भेजने के लिए फोटो खींच रहा था। तब अनिल के साथ सुरक्षा के लिहाज से तैनात संतरी भी किसी काम से इधर-उधर चला गया। उस दौरान सेल में बंद बंदियों ने अनिल से बातचीत शुरू करते हुए अपना परिचय दिया। वे भी जोधपुर के ही निकले तो अनिल हार्डकोर बदमाशों की बातों में आ गया। बंदियों ने उसे कहा कि वह लोग ‘जल्द ही जेल से बाहर निकलेंगे। जोधपुर में कभी उसे कोई भी काम पड़े तो वे उसकी मदद करेंगे। फिर रघुवीर सिंह और उसके साथी जेल की सेल में एक साथ खड़े हो गए। अनिल ने सेल की सलाखों के पीछे हाथ ले जाकर अपने आईफोन से तीनों की फोटो खींच दी। फिर रघुवीर के बताए उसके मामा के पुत्र निखिल सिंह के वाट्सएप पर फोटो भेज दी। निखिल सिंह ने वह फोटो अपने वाट्सएप स्टेटस पर लगाकर वायरल कर दी।
जेल प्रशासन ने आरोपी को पुलिस को भेजा जेल
इसी बीच दोपहर करीब सवा तीन बजे जेल प्रशासन ने अनिल को पकड़ लिया और उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी गई। तब उसने स्पष्ट किया कि वह हार्डकोर बदमाशों की बातों में आकर दोपहर करीब पौने बारह बजे उनका फोटो खींचकर उसके ममेरे भाई निखिल सिंह को भेज बैठा था। बदमाशों ने उसे उनसे संपर्क करने के लिए उनके बाहरी साथियों के फोन नंबर भी दिए थे लेकिन उसने अपने मोबाइल फोन से सब डिलीट कर दिए। लंबी पूछताछ के बाद जेल अधीक्षक जांगिड़ ने अनिल को सिविल लाइंस थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवा दिया।
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जोधपुर का रहने वाला है आरोपी
आरोपी युवक के खिलाफ जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दी। जिस पर पुलिस ने गुरुवार को उसे शांतिभंग करने और शुक्रवार को उसे दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया। उसे गुरुवार रात को ही हिरासत में लिया गया था। पकड़ा गया आरोपी युवक चांदना भाखर, जोधपुर निवासी अनिल है। उसे जोधपुर जेल से ही दो साथियों के साथ हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किए गए बंदी रघुवीर सिंह और उसके साथियों के सेल में फोटो खींचकर उसके मामा के पुत्र निखिल सिंह को भेजने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ऐसा हुआ पूरा खेल
सूत्रों के अनुसार सामने आया कि हाई सिक्योरिटी जेल में बंद खतरनाक अपराधी और सीसीटीवी लगाने आया आरोपी अनिल जोधपुर के ही निवासी हैं। जब अनिल उनके सेल के बाहर कैमरे फिट करने के बाद अपनी कंपनी के अधिकारियों को भेजने के लिए फोटो खींच रहा था। तब अनिल के साथ सुरक्षा के लिहाज से तैनात संतरी भी किसी काम से इधर-उधर चला गया। उस दौरान सेल में बंद बंदियों ने अनिल से बातचीत शुरू करते हुए अपना परिचय दिया। वे भी जोधपुर के ही निकले तो अनिल हार्डकोर बदमाशों की बातों में आ गया। बंदियों ने उसे कहा कि वह लोग ‘जल्द ही जेल से बाहर निकलेंगे। जोधपुर में कभी उसे कोई भी काम पड़े तो वे उसकी मदद करेंगे। फिर रघुवीर सिंह और उसके साथी जेल की सेल में एक साथ खड़े हो गए। अनिल ने सेल की सलाखों के पीछे हाथ ले जाकर अपने आईफोन से तीनों की फोटो खींच दी। फिर रघुवीर के बताए उसके मामा के पुत्र निखिल सिंह के वाट्सएप पर फोटो भेज दी। निखिल सिंह ने वह फोटो अपने वाट्सएप स्टेटस पर लगाकर वायरल कर दी।
जेल प्रशासन ने आरोपी को पुलिस को भेजा जेल
इसी बीच दोपहर करीब सवा तीन बजे जेल प्रशासन ने अनिल को पकड़ लिया और उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी गई। तब उसने स्पष्ट किया कि वह हार्डकोर बदमाशों की बातों में आकर दोपहर करीब पौने बारह बजे उनका फोटो खींचकर उसके ममेरे भाई निखिल सिंह को भेज बैठा था। बदमाशों ने उसे उनसे संपर्क करने के लिए उनके बाहरी साथियों के फोन नंबर भी दिए थे लेकिन उसने अपने मोबाइल फोन से सब डिलीट कर दिए। लंबी पूछताछ के बाद जेल अधीक्षक जांगिड़ ने अनिल को सिविल लाइंस थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवा दिया।