sidhi: 20 बेड के एनआरसी में केवल एक कुपोषित बच्चा | sidhi: only one malnourished child in 20 bed NRC | Patrika News

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sidhi: 20 बेड के एनआरसी में केवल एक कुपोषित बच्चा | sidhi: only one malnourished child in 20 bed NRC | Patrika News


sidhi: 20 बेड के एनआरसी में केवल एक कुपोषित बच्चा | sidhi: only one malnourished child in 20 bed NRC | Patrika News

सतनाPublished: May 17, 2023 09:50:11 pm

पत्रिका पड़ताल…….
-कुपोषित बच्चों को पोषित करने खोले गए एनआरसी में नहीं भर्ती कराए जा रहे बच्चे
-जिले में सैकड़ों बच्चे अति कम वजन के, पोषण पुनर्वास केंद्रों के संचालन में खर्च हो रहे लाखों रुपए
-केंद्रों के एसी-पंखे भी खराब

sidhi: only one malnourished child in 20 bed NRC

sidhi: only one malnourished child in 20 bed NRC

सीधी। अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकार द्वारा जिला मुख्यालय सहित विकासखंड स्तर पर एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) खोले जाकर वहां के स्टाफ व अन्य व्यवस्थाओं में लाखों रुपये प्रति माह खर्च किये जा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते पोषण पुनर्वास केंद्रों में अति कुपोषित बच्चे भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। जिला मुख्यालय में 20 बेड तथा विकासखंड मुख्यालयों में 15 बेड के एनआरसी संचालित किये जा रहे हैं। लेकिन कहीं एक बच्चा भर्ती है, कहीं केंद्रों में ताला लटका हुआ है।
हकीकत जानने पत्रिका द्वारा जिला अस्पताल परिसर में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया गया तो, 20 बेड वाले इस केंद्र में मात्र एक बच्चा मिला। उसे भी मंगलवार को ही जिला अस्पताल के पीआईसीयू वार्ड से एनआरसी में शिफ्ट किया गया था। इसके पहले एनआरसी में एक भी बच्चा नहीं था। केंद्र में कार्यरत एएनएम ममता तिवारी ने बताया कि यहां कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने की जिम्मेदारी महिला बाल विकास विभाग के मैदानी अमले की है। लेकिन जबसे शासन स्तर से प्रेरक राशि 900 रुपये प्रति बच्चे से घटाकर 100 रुपये कर दी गई है तब से मैदानी अमले द्वारा भर्ती कराने को लेकर रुचि नहीं दिखाई जा रही है। अब इक्का दुक्का बच्चे ही भर्ती कराये जाते हैं। यही स्थिति जिले के विकासखंड मुख्यालयों में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्रों की भी है।
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नहीं चलता एसी, पंखे दे रहे गर्म हवा-
जिला मुख्यालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में कहने को तो एसी लगाया गया है, लेकिन इस गर्मी अभी तक एसी नहीं चला। बच्चे कमलनाथ को लेकर भर्ती जोरौंधा कोठार निवासी नीलम पति शिवनाथ प्रजापति ने बताया कि वार्ड में एसी लगी है, लेकिन चलती नहीं। पंखे गर्म हवा देते हैं। एएनएम ममता तिवारी ने बताया कि एसी पहले चलती थी, अभी खराब है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
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रहने, खाने की व्यवस्था के साथ प्रतिदिन 120 रुपये का भत्ता-
अतिकुपोषित बच्चे को लेकर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने वाली मां को रहने, खाने की नि:शुल्क सुविधा के साथ ही शासन द्वारा 120 रुपये प्रति दिवस के मान से भत्ता दिये जाने का भी प्रावधान है। कुपोषित बच्चे को कम से कम 10 दिन केंद्र में लेकर रहना होता है, यदि इसके बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता तो अधिकतम 14 दिवस तक रखे जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद जानकारी के अभाव में अतिकुपोषित बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र नहीं पहुंच पा रहे हैं।
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सेमरिया में नहीं एक भी बच्चे, केंद्र में लटका मिला ताला-
फोटो नं.-एसडी 1804
कैप्सन- पोषण पुनर्वास केंद्र में लटका ताला।
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया परिसर में संचालित 15 बेड वाले पोषण पुनर्वास केंद्र का बुधवार को जायजा लिया गया तो यहां एक भी बच्चा भर्ती नहीं मिला। केंद्र में ताला लटका हुआ था, और कार्यरत कर्मचारी नदारद थे। जिले के अन्य केंद्रों में भी वर्तमान में एक भी बच्चे भर्ती नहीं बताए गए हैं।
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जिले में अति कुपोषित (गंभीर) बच्चों की स्थिति पर एक नजर-
*अब तक कुल पंजीकृत- 5637
*अति गंभीर से सामान्य हुए- 4682
*अति गंभीर से मध्यम हुए- 590
*वर्तमान में अति कुपोषित- 365
*कुल मृत्यु- 21
*साप्ताहिक फालोअप में मृत्यु- 20
*मासिक फॉलोअप में मृत्यु- 01
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जिले में कुपोषित बच्चों की स्थिति पर एक नजर-
*अब तक कुल पंजीकृत- 14381
*कुपोषित से सामान्य हुए- 13109
*कुपोषित से अति कुपोषित हुए- 97
*वर्तमान में कुपोषित- 1175
*कुल मृत्यु- 08
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एनआरसी में भर्ती कुपोषित बच्चों की स्थिति-
एनआरसी – भर्ती संख्या
सीधी – 01
सेमरिया – 00
रामपुर नैकिन- 00
मझौली – 00
कुसमी – 00
सिहावल – 00
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नोडल अधिकारी के पास नहीं जानकारी-
पोषण पुनर्वास केंद्र का नोडल अधिकारी डॉ.नितिन सिंह परिहार को बनाया गया है। अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ ही ही पूरे जिले के केंद्रों में भर्ती होने वाले अति कुपोषित बच्चों के मॉनीटरिंग की भी जिम्मेदारी उन्हीं को सौंपी गई है। लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं है कि जिले के पोषण पुनर्वास केंद्रों में वर्तमान में कितने अतिकुपोषित बच्चे भर्ती हैं। या फिर केंद्रों में बच्चों की भर्ती की स्थिति शून्य होने के कारण वह जानकारी देने से टालमटोल करते रहे।
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मैदानी अमले को दिये गए हैं निर्देश-
मैदानी अमले को निर्देशित किया गया है कि अति कुपोषित बच्चों के अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर उन्हें एनआरसी केंद्र में भर्ती कराने के लिए प्रेरित करें। उन्हें प्रतिदिन के भत्ते के संबंध में भी जानकारी देने के निर्देश दिये गए हैं ताकि वह प्रोत्साहित होकर बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराएं। यदि एनआरसी खाली हैं तो परियोजना अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किये जाएंगे।
आरसी त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास
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