जानिए, कौन हैं कुलभूषण जाधव और पाकिस्तान की गिरफ्त में कैसे पहुचे?

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kulbhushan jadhav

भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना कमांडर कुलभूषण जाधव इन दिनों चर्चा में हैं। 17 जुलाई 2019 को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) ने कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान की ओर से लगाई गई फांसी की सजा पर रोक लगा दी। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कुलभूषण जाधव कौन हैं, कैसे पाकिस्तान के कब्जे में पहुंचे और यह पूरा मामला क्या है।

नौसेना अधिकारी रहे

16 अप्रैल 1970 को महाराष्ट्र के मुंबई में जन्मे कुलभूषण जाधव एक भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर हैं। वह 1987 से 2001 तक इस पद रहे। मगर भारतीय सरकार की इन जानकारियों से अलग पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान कुछ और ही जानकारी पूरी दुनिया को दिखाता है।

पाकिस्तान जेल में कैसे पहुंचे

तीन मार्च 2016 को पाकिस्तान के अधिकारियों ने जाधव को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए जाधव पर पाकिस्तान का दावा है कि वह बलूचिस्तान में विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त थे और भारत की खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसि विंग’ (RAW) के कर्मचारी हैं। वहीं, भारत सरकार का कहना है कि इनका अपहरण किया गया है।

ईरान में था अपना व्यापार

कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी पर भारत की केन्द्र सरकार कहती है कि जाधव का ईरान में अपना व्यापार था और उनका वहीं से अपहरण किया गया है। वहीं, पाक ने एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें इन्होंने अपने बारे में बयान देते हुए भी दिखाया गया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने मानता है कि जाधव एक भारतीय नौसेना अधिकारी थे जो समय से पहले सेवानिवृत्त हुए, लेकिन उनका सरकार के साथ कोई संबंध नहीं था। भारतीय उच्चायोग ने जाधव को भी कॉन्सूल पहुंच की मांग की है, लेकिन पाकिस्तान इससे सहमत नहीं है। भारतीय सूत्रों के मुताबिक, जाधव को पाकिस्तान की सेना ने ईरान-पाकिस्तान सीमा से अपहरण कर लिया था और पाकिस्तान ने अपने दस्तावेजों का निर्माण किया था और यह महसूस किए बिना उन्हें लीक कर दिया था कि इसमें बहुत सी खामियां थीं। भारतीय मीडिया के अनुसार, सुन्नी समूह जैश उल-एडीएल ईरान-पाकिस्तान सीमा से जाधव के अपहरण के लिए जिम्मेदार है।

पाक ने सुनाई मौत की सजा

10 अप्रैल 2017 को, पाकिस्तान में फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) ने मजिस्ट्रेट और अदालत के सामने कबूलनामे के बाद, जाधव को मौत की सजा सुनाई। जाधव का मुकदमा साढ़े तीन महीने तक चला और आरोपों में उन्हें भारत के लिए जासूसी, पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध, आतंकवाद को प्रायोजित करने और राज्य को अस्थिर करने के लिए दोषी ठहराया गया।

फांसी की सजा पर रोक

पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा जाने के खिलाफ भारत सरकार ने अतंर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपील की। पीटीआई के मुताबिक, नीदरलैंड में स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इस मामले में पाकिस्तान से ये सुनिश्चित करने को कहा कि कुलभूषण सुधीर जाधव को सभी विकल्पों पर विचार करने से पहले फांसी न दी जाए। हालांकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की तरफ़ से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। 

इसके बाद 17 जुलाई 2019 को इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने फिरसे सुनवाई की और वहाँ मौजूद 16 में से 15 जजों ने यह माना कि पाकिस्तान को जाधव को फांसी देने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसा कहकर उन्होंने पाकिस्तान की दलील को ख़ारिज कर दिया है। केवल पाकिस्तान के एडहॉक जज जिलानी ने अपना विरोध जताया है।

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