Bhindranwalen Village Ground Report: भिंडरावाले के जिस रोडे गांव से अमृतपाल बना वारिस वहां कैसा है माहौल?
Amritpal Singh: खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजबा दे का मुखिया अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है। पुलिस 8 दिन बीत जाने के बाद भी उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इसी बीच अमृतपाल के समर्थक भी चाहते हैं कि उसे सरेंडर कर देना चाहिए।
दस्तारबंदी के इस गुरुद्वारे को क्यों चुना
शिरोणति अकाली दल से जुड़े और भिंडरवाला के परिवार के करीबी गुरजंत सिंह का कहना है कि हमारा गांव शांत है। हम भाई बलविंदर के लिए अधिक चिंतित हैं, क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। इस गुरुद्वारे से अमृतपाल का उदय हुआ, लेकिन जब उनके अनुयायियों ने जालंधर के एक गुरुद्वारे में कुर्सियों (बुजुर्गों के लिए रखी गई) को फेंक दिया और फिर जब वह पालकी साहिब के साथ अजनाला थाने गए, तो उनका पतन शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि वे अभी भी हैरान हैं कि अमृतपाल ने अपनी दस्तरबंदी के लिए रोडे स्थित गुरुद्वारे को क्यों चुना और इसके पीछे कौन था। हमें लगता है कि वह तुरंत लाइमलाइट चाहता था, जो उसे मिल गया। लेकिन अब जो लोग नशामुक्ति के बारे में बोलने के लिए शुरू में अमृतपाल की तारीफ करते नहीं थकते थे, वे अब शांत हैं।
19 फरवरी को गुरजंट सिंह के गांव आया था अमृतपाल
बुद्ध सिंह वाला के रहने वाले दर्शन सिंह कहते हैं कि अमृतपाल 19 फरवरी को जब गुरजंट सिंह बुध सिंह वाला को एक गेट समर्पित करने उनके गांव पहुंचे थे, तब उन्होंने उन्हें पहली बार व्यक्तिगत रूप से उसे देखा था।29 जुलाई, 1992 को लुधियाना में एक पुलिस मुठभेड़ में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के तीसरे प्रमुख गुरजंट सिंह की मौत हो गई थी। वे अमृतपाल के भाषण से कुछ हद तक प्रभावित हुए थे क्योंकि वह युवाओं को नशे से दूर करने की बात कर रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे चीजें सामने आईं, हम यह समझने में नाकाम रहे कि वह अपनी बातों को कैसे सही ठहरा सकते हैं।
अमृतपाल को बदनाम कर रही पुलिस: ग्रामीण
नाम न छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने कहा कि राज्य सरकार अमृतपाल को लेकर बहुत झूठ बोल रही है और उसकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। ग्रामीण ने कहा कि अमृतपाल के अनुयायी इससे नाराज हैं। एक अन्य ग्रामीण, जो नाम नहीं बताना चाहता था, ने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस अमृतपाल को बदनाम कर रही है। राज्य को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उसे गिरफ्तार किया गया है, जैसा कि कई अटकलें हैं।
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