फटे कपड़े और गिरे चश्मे, जयपुर पुलिस ने डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा… राइट टू हेल्थ बिल पर राजस्थान में आक्रोश
राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हैं डॉक्टर्स
दरअसल राजस्थान में निजी अस्पताल के संचालक और डॉक्टर लगातार राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हैं। पिछले दो दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की गई। रविवार को प्रदेश के 85 फीसदी निजी अस्पताल बंद रहे। आपातकाल सेवाओं को भी बंद रखने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। डॉ. संजीव गुप्ता का कहना है कि क्वालिटी और विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा मुफ्त में या सरकारी पैकेज में नहीं दी जा सकती।
अगर सरकार राइट टू हेल्थ कानून बनाकर निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज थोपना चाहती है कि राइट टू फूड के तहत प्रदेश की सभी होटलों में भी सभी प्रदेशवासियों के लिए खाना फ्री क्यों नहीं कर देती। निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि राइट टू हेल्थ बिल ना तो जनता के हित में है और ना ही डॉक्टरों के हित में है।
राज्यभर के डॉक्टर शामिल हुए घेराव में
विधानसभा घेराव करने जा रहे डॉक्टरों में प्रदेश के कई जिलों से आए सैंकड़ों की संख्या में डॉक्टर शामिल हुए। इनमें कई महिला डॉक्टर भी शामिल थी। लाठीचार्ज और धक्का – मुक्की के दौरान कई महिलाओं को भी चोटें लगी। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि वे शांति पूर्वक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराने के लिए विधानसभा की ओर जा रहे थे लेकिन पुलिस ने सरकार के इशारे पर डॉक्टर्स की आवाज को कुचलने के लिए षड़यंत्र के तहत पीटा।
डॉ. विजय कपूर का आरोप है कि वे सबसे आगे चल रहे थे। तीन चार पुलिसकर्मियों ने उन्हें खींचकर नीचे गिराया और जमकर पीटा। गंगानगर से आए डॉ. हरीश रहेजा और सुभाष राजोतिया सहित कई डॉक्टरों के चोटें आई। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)