Crop Damage: दुर्लभ होंगे आम-लीची के दर्शन! सब्जियां हो सकती हैं बेकाबू, बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान
देश में इस साल जनवरी में गेहूं की कीमत रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। इसे काबू में करने के लिए सरकार ने 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में उतारने का फैसला किया था। समय से पहले तापमान बढ़ने से गेहूं किसान पहले ही चिंता में थे और अब बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में शनिवार को कई इलाकों में भारी बारिश के साथ ओले भी पड़े। यूपी और हरियाणा के कई जिलों में बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है। देश के कई इलाकों में गुरुवार और शुक्रवार को भारी बारिश हुई थी। इससे गेहूं, मक्का, दलहन और सब्जी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। आम और लीची के बौर भी गिरे हैं।
किन-किन फसलों को हुआ है नुकसान
जानकारों का कहना है कि अगर मौसम का मिजाज अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही बना रहता है तो इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कई इलाकों में गेहूं की फसल पककर तैयार खड़ी है और बेमौसम हो रही बरसात और ओला गिरने से फसल खराब भी हो सकती है। पंजाब मे अमृतसर और तरनतारन जिलों के कई गांवों में गुरुवार रात को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। इससे गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। इसी तरह मध्य प्रदेश में इंदौर और मालवा-निमाड़ के जिलों में तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश हुई। उत्तर प्रदेश में किसान अभी सरसों की कटाई और आलू की खुदाई कर रहे हैं। बेमौसम बरसात से खेतों पर खुदे पड़े आलू के ढेर को तिरपाल से ढक रहे हैं।
दक्षिणी राज्य तेलंगाना में भी शुक्रवार को ओलावृष्टि से 20,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मक्का, चना, पपीता और आम की फसलों को नुकसान हुआ है। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक केवल खम्मम जिले में ही मक्के की 18,826 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। मिर्च और धान की फसलें भी प्रभावित हुई है। बिहार में मुजफ्फरपुर, शिवहर और सीतामढ़ी में सबसे अधिक ओलावृष्टि हुई है। शिवहर में करीब सात हजार एकड़ गेहूं की खेती प्रभावित हुई है। बेमौसम आंधी और वर्षा से खेतों में खड़ी और काटकर रखी फसलों को भारी नुकसान होने का अनुमान है।