Ghaziabad रेलवे स्टेशन और नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के बीच बनेगा रोपवे! जानिए क्या चल रही है तैयारी
इसके लिए जीडीए ने नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLM) को पत्र लिखा है। लेटर में इस प्रॉजेक्ट का सर्वे और डीपीआर बनाए जाने की बात कही गई है। खास बात यह है कि इस प्रॉजेक्ट में जीडीए का एक भी पैसा खर्च नहीं होगा और लोगों को आवागमन का एक साधन मिल जाएगा। जीडीए का तर्क है कि अन्य किसी ट्रांसपोर्ट साधन से रेलवे स्टेशन को मेट्रो स्टेशन के साथ जोड़ा जाना कठिन काम है। क्योंकि यह बहुत भीड़भाड़ वाला एरिया है। रोपवे के माध्यम से आसानी से रेलवे स्टेशन को मेट्रो स्टेशन के साथ जोड़ा जा सकता है। इससे पब्लिक को काफी राहत मिल सकती है।
नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन के बीच भीड़भाड़ वाला एरिया होने की वजह से रोपवे के विकल्प पर ही काम करवाने का फैसला किया गया है। इसलिए एनएचएलएम को इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर बनाने के लिए पत्र लिखा गया है।
-आरके गुप्ता, चीफ इंजीनियर, जीडीए
मालूम हो कि जीडीए ने अपनी बोर्ड बैठक में चार रूट पर रोपवे चलाए जाने का अप्रूवल लिया था। इसमें वैशाली से मोहननगर, नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद, नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से रेलवे स्टेशन और हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन से राजनगर एक्सटेंशन के बीच। बोर्ड बैठक में पहले दो रूट का प्रस्ताव यह कहते हुए खारिज किया गया कि मेट्रो रूट के बीच में किसी अन्य परिवहन के साधन को चलाया जाना उचित नहीं है।
यह है जीडीए का प्लान
जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि अभी जीटी रोड पर काफी अधिक जाम रहता है। साथ ही रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के यात्रियों को दोनों जगह पर आने और जाने के लिए प्राइवेट ट्रांसपोर्ट का सहारा लेना पड़ता है। इसकी वजह से उनका टाइम बर्बाद होता है। सड़क पर जाम भी लगता है। लेकिन जब रोपवे का संचालन शुरू होने से मेट्रो का पैसेंजर यदि रेलवे स्टेशन जाना है तो वह रोपवे से आसानी से चला जाएगा। ऐसे ही यदि किसी यात्री को रेलवे स्टेशन से मेट्रो स्टेशन तक आना है तो वह आसानी से आ जाएगा। भविष्य में रोपवे के यात्री हाईस्पीड ट्रेन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के पास ही हाईस्पीड ट्रेन का स्टेशन लिंक होगा।
सर्वे और फिजिबिलिटी के बाद बनेगी डीपीआर
जीडीए के अधिकारियों की मानें तो NHLM की टीम पहले इस पूरे रूट का सर्वे करेगी। इसके बाद इसकी फिजिबिलिटी को चेक किया जाएगा। फिजिबिलिटी फाइनल होते ही इसका डीपीआर तैयार किया जाएगा। डीपीआर तैयार किए जाने के साथ ही NHLM इसका टेंडर जारी कर देगी। जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि रोपवे के लिए यूपी की तरफ से अलग-अलग जिले के लिए 13 प्रस्ताव बनकर एनएचएलएम के पास पहुंचे हैं। वाराणसी में इस प्रॉजेक्ट में काफी प्रगति भी है।
रोपवे की क्षमता का आंकलन
बताया जाता है कि रोपवे की क्षमता का आंकलन दो प्रकार से किया जाता है। पहला टन/ऑवर यह मटेरियल रोपवे की क्षमता को बताता है। मान लें किसी रोपवे की क्षमता 1000 टन/ऑवर है तो इसका मतलब है यह मटीरियल रोपवे एक घंटे में 1000 टन मटीरियल को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचा सकता है। दूसरा पैसेंजर/आवर यह पैसेंजर रोपवे की क्षमता को बताता है। मान लें किसी रोपवे की क्षमता 1000 पैसेंजर/आवर है तो इसका मतलब है यह पैसेंजर रोपवे एक घंटे में 1000 पैसेंजर को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचा सकता है।