टीम इंडिया में यो यो के बाद अब डेक्सा टेस्ट पास करने पर ही मिलेगी एंट्री, जानें क्या है ये | bcci review meeting know about yo yo test and dexa test for player selection criteria in team india | Patrika News
जानें क्या है यो-यो टेस्ट?
– यो-यो टेस्ट एक बीप टेस्ट के समान है। इसमें दो सेटों के बीच दौड़ना पड़ता है।
– दोनों सेटों की दूरी 20 मीटर होती है, जो कि करीबन क्रिकेट पिच की लंबाई के समान है। – खिलाड़ियों को एक सेट से दूसरे सेट तक दौड़ लगानी होती है और फिर दूसरे से पहले सेट तक पहुंचना होता है।
– एक बार दूरी तय करने पर एक शटल पूर्ण होता है। – यो यो टेस्ट की शुरुआत 5वें लेवल से होती है और यह 23वें लेवल तक चलता है। – हर शटल के बाद दौड़ने का समय तो कम होता है, लेकिन दूरी में कमी नहीं होती।
– यो-यो टेस्ट पास करने के लिए में 23 में से 16.5 स्कोर करना जरूरी है। – इस टेस्ट का आविष्कार डेनमार्क के फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट डॉ. जेंस बैंग्सबो ने 1990 के दशक में किया था।
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जानें क्या है डेक्सा टेस्ट?
– भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी फैट के सही आकलन के लिए पहले भी डेक्सा टेस्ट किया किया जाता था।
– डेक्सा को बाद में बंद कर दिया गया, लेकिन अब फिर से इस टेस्ट की वापसी हो रही है। – डेक्सा स्कैन हड्डियों की मजबूती की जांच के लिए होता है। – डेक्सा के माध्यम से ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटियोमेट्री मशीन की मदद से हड्डियों के डेंसिटी की जांच होती है।
क्यों पड़ी डेक्सा की जरूरत?
आजकल प्लेयर्स के लिए हड्डियों और जोड़ों का दर्द की समस्या आम हो गई है। टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के साथ जसप्रीत बुमराह, दीपक चाहर तक हड्डी में चोट के कारण लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रह रहे हैं। इसलिए बीसीसीआई रिव्यू मिटिंग में इसे अनिवार्य करने का फैसला लिया है।
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