टीम इंडिया में यो यो के बाद अब डेक्सा टेस्ट पास करने पर ही मिलेगी एंट्री, जानें क्या है ये | bcci review meeting know about yo yo test and dexa test for player selection criteria in team india | Patrika News

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टीम इंडिया में यो यो के बाद अब डेक्सा टेस्ट पास करने पर ही मिलेगी एंट्री, जानें क्या है ये | bcci review meeting know about yo yo test and dexa test for player selection criteria in team india | Patrika News


टीम इंडिया में यो यो के बाद अब डेक्सा टेस्ट पास करने पर ही मिलेगी एंट्री, जानें क्या है ये | bcci review meeting know about yo yo test and dexa test for player selection criteria in team india | Patrika News

भारतीय क्रिकेट में यो-यो टेस्ट को कई वर्षों से महत्वपूर्ण माना गया है। कोरोना महामारी से पूर्व भारतीय टीम में सिलेक्शन के लिए यो यो टेस्ट पास करना अनिवार्य था। हालांकि कोरोना के चलते इसमें कुछ ढील दी जा रही थी, लेकिन एक बार फिर से इसे जरूरी कर दिया गया है। यो-यो टेस्ट के चलते ही भारतीय क्रिकेटर्स की सेहत में काफी सुधार भी आया है। आईपीएल के 15वें सीजन से पहले हार्दिक पांड्या और पृथ्वी शॉ समेत कई प्लेयर्स ने यो-यो टेस्ट दिया था। हार्दिक तो पास हो गए, लेकिन पृथ्वी फेल हो गए थे। इससे पहले युवराज सिंह, अंबाती रायुडू, मोहम्मद शमी, सुरेश रैना, वरुण चक्रवर्ती और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी यो यो में फेल हो चुके हैं। अब आईपीएल के लिए भी यो यो टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।

जानें क्या है यो-यो टेस्ट?

– यो-यो टेस्ट एक बीप टेस्ट के समान है। इसमें दो सेटों के बीच दौड़ना पड़ता है।

– दोनों सेटों की दूरी 20 मीटर होती है, जो कि करीबन क्रिकेट पिच की लंबाई के समान है। – खिलाड़ियों को एक सेट से दूसरे सेट तक दौड़ लगानी होती है और फिर दूसरे से पहले सेट तक पहुंचना होता है।

– एक बार दूरी तय करने पर एक शटल पूर्ण होता है। – यो यो टेस्ट की शुरुआत 5वें लेवल से होती है और यह 23वें लेवल तक चलता है। – हर शटल के बाद दौड़ने का समय तो कम होता है, लेकिन दूरी में कमी नहीं होती।

– यो-यो टेस्ट पास करने के लिए में 23 में से 16.5 स्कोर करना जरूरी है। – इस टेस्ट का आविष्कार डेनमार्क के फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट डॉ. जेंस बैंग्सबो ने 1990 के दशक में किया था।

– भारतीय क्रिकेट टीम में यो यो टेस्ट की शुरुआत 2017 में की गई थी।

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जानें क्या है डेक्सा टेस्ट?

– भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी फैट के सही आकलन के लिए पहले भी डेक्सा टेस्ट किया किया जाता था।

– डेक्सा को बाद में बंद कर दिया गया, लेकिन अब फिर से इस टेस्ट की वापसी हो रही है। – डेक्सा स्कैन हड्डियों की मजबूती की जांच के लिए होता है। – डेक्सा के माध्यम से ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटियोमेट्री मशीन की मदद से हड्डियों के डेंसिटी की जांच होती है।

– डेक्सा टेस्ट से हड्डियों की कमजोरी की वजह का पता आसानी से लगाया जा सकता है। – डेक्सा से हड्डियों में मौजूद कैल्शियम और अन्य मिनरल्स से संबंधित जानकारी मिलती है। – डेक्सा से शरीर में बोन मास, फैट टिशू और मांसपेशियों के स्वास्थ्य की जानकारी भी मिलती है।

क्यों पड़ी डेक्सा की जरूरत?

आजकल प्लेयर्स के लिए हड्डियों और जोड़ों का दर्द की समस्या आम हो गई है। टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के साथ जसप्रीत बुमराह, दीपक चाहर तक हड्डी में चोट के कारण लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रह रहे हैं। इसलिए बीसीसीआई रिव्यू मिटिंग में इसे अनिवार्य करने का फैसला लिया है।

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