ओबीसी आरक्षण विसंगति मामलाः अपने विधायकों के दबाव में गहलोत सरकार, जल्द बुलाएगी कैबिनेट बैठक | Gehlot cabinet meeting will be held soon regarding OBC reservation | Patrika News h3>
ओबीसी विसंगतियां दूर करने को लेकर अब तक ओबीसी वर्ग से आने वाले कांग्रेस के एक दर्जन विधायकों ने मुखर होकर अपनी ही सरकार के खिलाफ आर-पार का ऐलान कर दिया है। बायतु से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी तो खुलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ हो गए हैं, जबकि हरीश चौधरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कट्टर समर्थक माना जाता है।
इधर चर्चा है कि अपने विधायकों के बढ़ते दबाव के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुला सकते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाकर ओबीसी आरक्षण विसंगति दूर करने का प्रस्ताव बैठक में लाया जा सकता है, सरकार से जुड़े सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं।
हरीश चौधरी ने मंत्रियों से मांगा समर्थन
इधर ओबीसी आरक्षण विसंगति आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बायतु से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने शुक्रवार को जहां प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से मिलकर ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को कैबिनेट की बैठक बुलाकर दूर करने की मांग की थी तो वहीं शनिवार को भी हरीश चौधरी ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात करके समर्थन मांगा था और कैबिनेट की बैठक बुलाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की अपील भी की थी।
एजेंडे के बावजूद कैबिनेट में नहीं हुई चर्चा
विश्वस्त सूत्रों की माने तो हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण विसंगति का मामला कैबिनेट के एजेंडे में शामिल था लेकिन कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई जबकि ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े नेताओं की माने तो जयपुर में हुए विशाल धरने के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में संगठन से जुड़े पदाधिकारियों और सरकार के बीच हुई वार्ता में यह आश्वासन दिया गया था कि कैबिनेट की बैठक के जरिए ओबीसी आरक्षण विसंतगियों को दूर किया जाएगा, जिसके बाद ओबीसी संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था लेकिन बैठक में चर्चा नहीं होने के बाद कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
हरीश चौधरी के अलावा दिव्या मदेरणा, मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया था और सरकार को चुनाव में अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली थी।
गौरतलब है कि साल 2018 में पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय कार्मिक विभाग ने ओबीसी 21 फीसदी आरक्षण कोटे में भूतपूर्व सैनिकों को शामिल कर लिया था, जिससे राज्य सरकार की ओर से निकाली जाने वाली भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं, जबकि ओबीसी वर्ग के योग्य अभ्यार्थियों को भी नौकरियों का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसे लेकर लंबे समय ओबीसी आरक्षण की विसंगतियां दूर करने के लिए प्रदेश में आंदोलन चल रहे थे, जिन्हें सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों का भी समर्थन मिल रहा था।
वीडियो देखेंः- पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी से ख़ास बातचीत
ओबीसी विसंगतियां दूर करने को लेकर अब तक ओबीसी वर्ग से आने वाले कांग्रेस के एक दर्जन विधायकों ने मुखर होकर अपनी ही सरकार के खिलाफ आर-पार का ऐलान कर दिया है। बायतु से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी तो खुलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ हो गए हैं, जबकि हरीश चौधरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कट्टर समर्थक माना जाता है।
इधर चर्चा है कि अपने विधायकों के बढ़ते दबाव के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुला सकते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले बुधवार को कैबिनेट की बैठक बुलाकर ओबीसी आरक्षण विसंगति दूर करने का प्रस्ताव बैठक में लाया जा सकता है, सरकार से जुड़े सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं।
हरीश चौधरी ने मंत्रियों से मांगा समर्थन
इधर ओबीसी आरक्षण विसंगति आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बायतु से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने शुक्रवार को जहां प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से मिलकर ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को कैबिनेट की बैठक बुलाकर दूर करने की मांग की थी तो वहीं शनिवार को भी हरीश चौधरी ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात करके समर्थन मांगा था और कैबिनेट की बैठक बुलाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की अपील भी की थी।
एजेंडे के बावजूद कैबिनेट में नहीं हुई चर्चा
विश्वस्त सूत्रों की माने तो हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण विसंगति का मामला कैबिनेट के एजेंडे में शामिल था लेकिन कैबिनेट की बैठक में ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई जबकि ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े नेताओं की माने तो जयपुर में हुए विशाल धरने के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में संगठन से जुड़े पदाधिकारियों और सरकार के बीच हुई वार्ता में यह आश्वासन दिया गया था कि कैबिनेट की बैठक के जरिए ओबीसी आरक्षण विसंतगियों को दूर किया जाएगा, जिसके बाद ओबीसी संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था लेकिन बैठक में चर्चा नहीं होने के बाद कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
हरीश चौधरी के अलावा दिव्या मदेरणा, मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया था और सरकार को चुनाव में अंजाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली थी।
गौरतलब है कि साल 2018 में पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय कार्मिक विभाग ने ओबीसी 21 फीसदी आरक्षण कोटे में भूतपूर्व सैनिकों को शामिल कर लिया था, जिससे राज्य सरकार की ओर से निकाली जाने वाली भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं, जबकि ओबीसी वर्ग के योग्य अभ्यार्थियों को भी नौकरियों का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इसे लेकर लंबे समय ओबीसी आरक्षण की विसंगतियां दूर करने के लिए प्रदेश में आंदोलन चल रहे थे, जिन्हें सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों का भी समर्थन मिल रहा था।
वीडियो देखेंः- पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी से ख़ास बातचीत