Aman Rathod: क्रिकेट का स्टारडम छोड़ बॉडी बिल्डर में नाम कमा रहा कार मैकेनिक का बेटा, मोदी भी कर चुके हैं तारीफ h3>
नई दिल्ली: कहते हैं कोशिश करने वालों की हार नहीं होती… कुछ ऐसा ही तो हुआ अमन राठौड के साथ। बचपन से सपना देश के लिए सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी और विराट कोहली की तरह क्रिकेट में नाम रोशन करने का था, लेकिन तकदीर को कुछ और ही लिखा था। तमाम दिक्कतों और मुश्किलों को झेलने के बाद अमन ने क्रिकेट छोड़ दिया, लेकिन एथलीट तो एथलीट होता है। वह हारता नहीं। उसके खून में कमबैक होता है। परिस्थितियों के मारे हताश, निराश को खुद पर विश्वास था। खुद के शरीर पर विश्वास था। फिर शुरू हुई बॉडी बिल्डर बनने की जंग।
जब तक तोड़ूंगा नहीं, तब तक छोड़ूंगा नहीं
नया संघर्ष था और नया खेल, लेकिन खिलाड़ी पुराना था। जिम और अखाड़े में जब दंड बैठक मारने लगा तो शरीर रंग में आने लगा। तस्वीर देख सकते हैं। सिक्स पैक एब्स, गठीला बदन और लोहे के जिगर ने अपना रूप दिखाया तो अमन ने मिस्टर गुजरात 2022 टूर्नामेंट में रनर-अप का खिताब अपने नाम करने में सफल रहे। यह तो शुरुआत है। अमन का लक्ष्य अभी दूर है। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से खास बातचीत में वह कहते हैं- जो सोचा है वह अभी मिला नहीं। तब तक लोहा तोड़ूंगा, जब तक मैं अपने लक्ष्य को पा नहीं लेता।
मोदी ने 2013 में की थी तारीफ
वड़ोदरा जिले के अल्कापुरी में रहने वाले अमन क्रिकेट छोड़ने के बारे में कहते हैं- 2014 तक मैंने अपने सपने को खूब जिया। दिन-रात लगा दी लक्ष्य को पाने में। 2013 में टीम वैलिएंट की ओर से गुजरात में हुए टूर्नामेंट में खेला तो तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी। वह दिन खास था। मौजूदा पीएम के पत्र को फ्रेम में जड़कर रखा हुआ है। लेकिन तकदीर को कुछ ही मंजूर था। 2014 के बाद क्रिकेट से दूर होना पड़ा। घर की बिगड़ती आर्थिक स्थिति की वजह से खेल से दूर होना पड़ा।
2014 में पंजाब किंग्स टीम में कैंप
अमन इंडियन प्रीमियर लीग में प्रीति जिंटा की फ्रेंचाइजी वाली टीम पंजाब किंग्स का कैंप भी कर चुके हैं। वह बताते हैं- पंजाब किंग्स (तब किंग्स इलेवन पंजाब) के कैंप के लिए मुझे सिलेक्ट किया गया था। वीरेंद्र सहवाग तब टीम का हिस्सा थे। उस कैंप को करने के बाद मुझे लगा था कि IPL में मैं भी खेल सकता हूं। कोचिंग स्टाफ मेरे प्रदर्शन से प्रभावित भी दिखा था। इसके बाद मुझे खेल से दूर होना पड़ा। दरअसल, पिता गैरेज में गाड़ियां (कार मैकेनिक) ठीक करते हैं और उस वक्त परिस्थिति ऐसी थी कि मैं खेल में आगे नहीं बढ़ सकता था।
पिता हैं मैकेनिक, 2022 में बना मिस्टर गुजरात रनर-अप
उन्होंने बताया- वह बताते हैं पिता प्रवीण भाई राठौड आज भी वही काम करते हैं। मैंने सेल्स में जॉब की तो घर की माली हालत कुछ ठीक हुई। 2019 में मुझे लगा कि मैं एक बार फिर स्पोर्ट्स को शुरू कर सकता हूं तो जॉब करते हुए जिम जॉइन किया और बॉडी बिल्डिंग शुरू की। क्रिकेट के दिनों में भी मुझे जिमिंग का शौक था और बॉडी बिल्डिंग मुझे पसंद भी आती थी। बीच में कोविड की वजह से लॉकडाउन लगा तब भी मैं फिटनेस पर लगातार काम करता रहा। यही वजह है कि 2022 फरवरी में मिस्टर गुजरात चैंपियनशिप हुई तो मैंने रनर-अप का खिताब जीता। अगली बार इससे आगे जाना है।
Exclusive: टीम इंडिया की जीत के ये 4 हीरो, जिनके आगे बांग्लादेश ने टेके घुटने
जब तक तोड़ूंगा नहीं, तब तक छोड़ूंगा नहीं
नया संघर्ष था और नया खेल, लेकिन खिलाड़ी पुराना था। जिम और अखाड़े में जब दंड बैठक मारने लगा तो शरीर रंग में आने लगा। तस्वीर देख सकते हैं। सिक्स पैक एब्स, गठीला बदन और लोहे के जिगर ने अपना रूप दिखाया तो अमन ने मिस्टर गुजरात 2022 टूर्नामेंट में रनर-अप का खिताब अपने नाम करने में सफल रहे। यह तो शुरुआत है। अमन का लक्ष्य अभी दूर है। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से खास बातचीत में वह कहते हैं- जो सोचा है वह अभी मिला नहीं। तब तक लोहा तोड़ूंगा, जब तक मैं अपने लक्ष्य को पा नहीं लेता।
मोदी ने 2013 में की थी तारीफ
वड़ोदरा जिले के अल्कापुरी में रहने वाले अमन क्रिकेट छोड़ने के बारे में कहते हैं- 2014 तक मैंने अपने सपने को खूब जिया। दिन-रात लगा दी लक्ष्य को पाने में। 2013 में टीम वैलिएंट की ओर से गुजरात में हुए टूर्नामेंट में खेला तो तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी। वह दिन खास था। मौजूदा पीएम के पत्र को फ्रेम में जड़कर रखा हुआ है। लेकिन तकदीर को कुछ ही मंजूर था। 2014 के बाद क्रिकेट से दूर होना पड़ा। घर की बिगड़ती आर्थिक स्थिति की वजह से खेल से दूर होना पड़ा।
2014 में पंजाब किंग्स टीम में कैंप
अमन इंडियन प्रीमियर लीग में प्रीति जिंटा की फ्रेंचाइजी वाली टीम पंजाब किंग्स का कैंप भी कर चुके हैं। वह बताते हैं- पंजाब किंग्स (तब किंग्स इलेवन पंजाब) के कैंप के लिए मुझे सिलेक्ट किया गया था। वीरेंद्र सहवाग तब टीम का हिस्सा थे। उस कैंप को करने के बाद मुझे लगा था कि IPL में मैं भी खेल सकता हूं। कोचिंग स्टाफ मेरे प्रदर्शन से प्रभावित भी दिखा था। इसके बाद मुझे खेल से दूर होना पड़ा। दरअसल, पिता गैरेज में गाड़ियां (कार मैकेनिक) ठीक करते हैं और उस वक्त परिस्थिति ऐसी थी कि मैं खेल में आगे नहीं बढ़ सकता था।
पिता हैं मैकेनिक, 2022 में बना मिस्टर गुजरात रनर-अप
उन्होंने बताया- वह बताते हैं पिता प्रवीण भाई राठौड आज भी वही काम करते हैं। मैंने सेल्स में जॉब की तो घर की माली हालत कुछ ठीक हुई। 2019 में मुझे लगा कि मैं एक बार फिर स्पोर्ट्स को शुरू कर सकता हूं तो जॉब करते हुए जिम जॉइन किया और बॉडी बिल्डिंग शुरू की। क्रिकेट के दिनों में भी मुझे जिमिंग का शौक था और बॉडी बिल्डिंग मुझे पसंद भी आती थी। बीच में कोविड की वजह से लॉकडाउन लगा तब भी मैं फिटनेस पर लगातार काम करता रहा। यही वजह है कि 2022 फरवरी में मिस्टर गुजरात चैंपियनशिप हुई तो मैंने रनर-अप का खिताब जीता। अगली बार इससे आगे जाना है।
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