एक अफसर के यहां था फर्जी महिला एसडीएम का आना-जाना | Fake female SDM was visiting an officer | Patrika News h3>
चार दिन पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने फर्जी महिला एसडीएम पाराशर को गिरफ्तार किया था। पीएससी परीक्षा में असफल होने के बाद महिला ठगी करने लग गई। फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को नौकरी लगवाने का झांसा देती थी और उनसे लाखों रुपए वसूलती थी। शातिर नीलम ने बकायदा गनमैन, ड्राइवर और किराए पर गाड़ी भी रखी थी, जिससे कि लोगों पर रौब झाड़ सके। उसने कलेक्टोरेट को अपनी ठगी का अड्डा बना रखा था। अपने शिकार को वहां बुलाती थी ताकि उस पर वे तुरंत यकीन कर ले। पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद अब तक नीलम के 70 से अधिक पीडि़त निकलकर सामने आ चुके हैं।
जैसे ही नीलम की असलियत खुलकर सामने आई और फोटो जगजाहिर हुआ तो एक ओर राज सामने आया। कुछ महीनों पहले तक नीलम कलेक्टोरेट में पदस्थ एक अफसर के कमरे में आतीजाती थी और काफी देर तक बैठी भी रहती थी। कई बार अफसर अपने कमरे में नहीं होते थे तो वह वहां बैठी भी पाई जाती थी चूंकि अधीनस्थ कर्मचारी इसलिए भी कुछ नहीं बोल पाते थे कि अफसर से अच्छी बातचीत थी। कहीं रोका टोकी कर दे तो साहब नाराज न हो जाएं। कई बार मिलने वालों को कमरे के बाहर बुलाकर भी बात करती थी, लेकिन इस पर कर्मचारियों का कभी ध्यान नहीं गया। अब तक राजफाश हो गया है तो वे बता रहे हैं। हालांकि अधिकारी का इंदौर से तबादला हो चुका है।
पति को था सब मालूम
नीलम के पति अनिरूद्ध को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। आठवीं पास अनिरूद्ध खुद को निर्दोष बताकर पुलिस को बरगला रहा है। कहना है कि वह भी नीलम को असली एसडीएम समझता था। वास्तविकता में कई लोगों को नौकरी दिलाने के लिए वह भी लेकर पहुंचा। नीलम ने उसे पीडल्यूडी में लगा दिया था। बताया जा रहा है कि पति के साथ में तीन-चार ओर लोग थे जो कि नीलम की मदद करते थे जो नियमित उसके संपर्क में भी थे। नीलम के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली जाएगी तो कई राज ओर भी खुल सकते हैं।
बोलती थी काम बताओ
कलेक्टोरेट में जब नीलम ने अपना डेरा जमा रखा था तब कई लोगों को काम लाने का भी बोलती थी। कहना था कि सरकारी जमीन को निजी कराना हो तो भी लेकर आ जाओ। पैसा और समय दोनों लगेगा, लेकिन काम गारंटी से करा के देगी। ये भी दावा करती था कि कई लोगों के काम उसने करा भी दिए हैं। आज उनकी जमीन बेशकीमती हो गई है।
कम समय में खरीदा आलीशान बंगला
गौरतलब है कि पुलिस को अब तक ये मालूम है कि फर्जी एसडीएम नीलम बायपास स्थित शिखरजी कॉलोनी में रहती है। ये मकान कुछ वर्ष पहले खरीदा था। बाद में जब मोटी कमाई होने लगी तो नीलम ने श्री विनायक कॉलोनी में बड़ा भारी एक बंगला खरीद लिया था। उस पर कुछ दिनों से इंटीरियर का काम चल रहा है जिसमें लाखों रुपए लगाए जा चुके हैं। कई महंगी वस्तुओं से भी घर को सजाया जा रहा है।
चार दिन पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने फर्जी महिला एसडीएम पाराशर को गिरफ्तार किया था। पीएससी परीक्षा में असफल होने के बाद महिला ठगी करने लग गई। फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को नौकरी लगवाने का झांसा देती थी और उनसे लाखों रुपए वसूलती थी। शातिर नीलम ने बकायदा गनमैन, ड्राइवर और किराए पर गाड़ी भी रखी थी, जिससे कि लोगों पर रौब झाड़ सके। उसने कलेक्टोरेट को अपनी ठगी का अड्डा बना रखा था। अपने शिकार को वहां बुलाती थी ताकि उस पर वे तुरंत यकीन कर ले। पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद अब तक नीलम के 70 से अधिक पीडि़त निकलकर सामने आ चुके हैं।
जैसे ही नीलम की असलियत खुलकर सामने आई और फोटो जगजाहिर हुआ तो एक ओर राज सामने आया। कुछ महीनों पहले तक नीलम कलेक्टोरेट में पदस्थ एक अफसर के कमरे में आतीजाती थी और काफी देर तक बैठी भी रहती थी। कई बार अफसर अपने कमरे में नहीं होते थे तो वह वहां बैठी भी पाई जाती थी चूंकि अधीनस्थ कर्मचारी इसलिए भी कुछ नहीं बोल पाते थे कि अफसर से अच्छी बातचीत थी। कहीं रोका टोकी कर दे तो साहब नाराज न हो जाएं। कई बार मिलने वालों को कमरे के बाहर बुलाकर भी बात करती थी, लेकिन इस पर कर्मचारियों का कभी ध्यान नहीं गया। अब तक राजफाश हो गया है तो वे बता रहे हैं। हालांकि अधिकारी का इंदौर से तबादला हो चुका है।
पति को था सब मालूम
नीलम के पति अनिरूद्ध को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। आठवीं पास अनिरूद्ध खुद को निर्दोष बताकर पुलिस को बरगला रहा है। कहना है कि वह भी नीलम को असली एसडीएम समझता था। वास्तविकता में कई लोगों को नौकरी दिलाने के लिए वह भी लेकर पहुंचा। नीलम ने उसे पीडल्यूडी में लगा दिया था। बताया जा रहा है कि पति के साथ में तीन-चार ओर लोग थे जो कि नीलम की मदद करते थे जो नियमित उसके संपर्क में भी थे। नीलम के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली जाएगी तो कई राज ओर भी खुल सकते हैं।
बोलती थी काम बताओ
कलेक्टोरेट में जब नीलम ने अपना डेरा जमा रखा था तब कई लोगों को काम लाने का भी बोलती थी। कहना था कि सरकारी जमीन को निजी कराना हो तो भी लेकर आ जाओ। पैसा और समय दोनों लगेगा, लेकिन काम गारंटी से करा के देगी। ये भी दावा करती था कि कई लोगों के काम उसने करा भी दिए हैं। आज उनकी जमीन बेशकीमती हो गई है।
कम समय में खरीदा आलीशान बंगला
गौरतलब है कि पुलिस को अब तक ये मालूम है कि फर्जी एसडीएम नीलम बायपास स्थित शिखरजी कॉलोनी में रहती है। ये मकान कुछ वर्ष पहले खरीदा था। बाद में जब मोटी कमाई होने लगी तो नीलम ने श्री विनायक कॉलोनी में बड़ा भारी एक बंगला खरीद लिया था। उस पर कुछ दिनों से इंटीरियर का काम चल रहा है जिसमें लाखों रुपए लगाए जा चुके हैं। कई महंगी वस्तुओं से भी घर को सजाया जा रहा है।