ज्यादा टैक्स देने वाले उपेक्षित, कम टैक्स वालों की मौज | High tax payers neglected, low tax payers enjoy | Patrika News h3>
ऐसे समझें पूरा संपत्तिकर देने वाले क्षेत्रों की स्थिति
– तुलसी नगर, शिवाजी नगर, न्यू मार्केट, चूनाभट्टी से जुड़े जोन क्रमांक सात में अप्रेल 2022 से अब तक 6.08 करोड़ रुपए संपत्तिकर जमा किया। यहां निगम कोई काम नहीं कराता। पीडब्ल्यूडी के मकान हैं और वही देखरेख करता है।- एमपी नगर, दस नंबर, अरेरा कॉलोनी, बिट्टन मार्केट से जुड़े जोन क्रमांक नौ के रहवासियों ने 11.79 करोड़ रुपए संपत्तिकर जमा किया। स्थिति ये है कि पानी और सीवेज निकासी तक की व्यवस्था के लिए रहवासी परेशान हैं।
– नर्मदापुरम रोड पर सावरकर ब्रिज से लेकर मिसरोद, कटारा हिल्स, बाग मुगालिया, अरविंद विहार, 11 मिल बायपास तक की कॉलोनियों वाले जोन क्रमांक 13 और जोन क्रमांक 19 ने मिलकर 18.59 करोड़ रुपए से अधिक टैक्स जमा किया। यहां कॉलोनियों में कोई विकास काम निगम नहीं करता।- कोलार के सर्वधर्म से लेकर मंदाकिनी, राजहर्ष और आगे तक के क्षेत्रों से जुड़े जोन क्रमांक 18 के रहवासियों ने 8.62 करोड़ रुपए जमा किए। सीएम इंफ्रा में बमुश्किल दो करोड़ रुपए मिले थे।
– गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, भेल क्षेत्र से जुड़े जोन क्रमांक 14, 15 व 16 ने मिलकर करीब 17 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया। यानि हर जोन ने औसतन साढ़े पांच करोड़ रुपए टैक्स जमा किए। बावजूद इसके उद्योग विभाग ओर भेल कंपनी के ही भरोसे हैं लोग।
यहां समझें सरकारी जमीन पर अवैध कॉलोनियां, फिर भी टैक्स ही नहीं ले पा रहा निगम- गांधी नगर से लेकर संत हिरदाराम नगर, पुराने शहर जुड़े जोन क्रमांक एक, दो, तीन, चार, पांच ने मिलकर ने 12.15 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया। इसकी तुलना जोन क्रमांक नौ से करें तो उसका अकेले का टैक्स 12 करोड़ रुपए के करीब है। यानि टैक्स के मामले में पांच जोन पर एक जोन भारी है।
– अशोका गार्डन से जुड़े जोन 10, 11 की बात करें तो दोनों को मिलाकर 2.92 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई। इस क्षेत्र की 80 फीसदी कॉलोनियां अवैध है। सीएम इंफ्रा में 200 करोड़ रुपए से अधिक का काम यहीं हुआ।
जोन नंबर- वसूली राशि01- 2.99 करोड़
02- 3.20 करोड़03- 1.03 करोड़
04- 2.62 करोड़05- 2.31 करोड़
06- 2.80 करोड़07- 6.08 करोड़
08- 2.46 करोड़09- 11.79 करोड़
10- 1.75 करोड़11- 1.17 करोड़
12- 3.78 करोड़13- 10.55 करोड़
14- 4.28 करोड़15- 5.95 करोड़
16- 6.38 करोड़17- 3.18 करोड़
18- 8.62 करोड़19- 8.60 करोड़
कुल- 86.04 करोड़नोट- राशि रुपए में। ये अप्रेल 2022 से अब तक की वसूली का आंकड़ा है।
——————————–कोट्स
हम सभी क्षेत्रों में वसूली बढ़ाने की कवायद कर रहे हैं। विकास भी एक समान ही है। जहां जैसी जरूरत रहती है, वहां उसके ही अनुसार विकास कराया जाता है।- केवीएस चौधरी, निगमायुक्त
ऐसे समझें पूरा संपत्तिकर देने वाले क्षेत्रों की स्थिति
– तुलसी नगर, शिवाजी नगर, न्यू मार्केट, चूनाभट्टी से जुड़े जोन क्रमांक सात में अप्रेल 2022 से अब तक 6.08 करोड़ रुपए संपत्तिकर जमा किया। यहां निगम कोई काम नहीं कराता। पीडब्ल्यूडी के मकान हैं और वही देखरेख करता है।- एमपी नगर, दस नंबर, अरेरा कॉलोनी, बिट्टन मार्केट से जुड़े जोन क्रमांक नौ के रहवासियों ने 11.79 करोड़ रुपए संपत्तिकर जमा किया। स्थिति ये है कि पानी और सीवेज निकासी तक की व्यवस्था के लिए रहवासी परेशान हैं।
– नर्मदापुरम रोड पर सावरकर ब्रिज से लेकर मिसरोद, कटारा हिल्स, बाग मुगालिया, अरविंद विहार, 11 मिल बायपास तक की कॉलोनियों वाले जोन क्रमांक 13 और जोन क्रमांक 19 ने मिलकर 18.59 करोड़ रुपए से अधिक टैक्स जमा किया। यहां कॉलोनियों में कोई विकास काम निगम नहीं करता।- कोलार के सर्वधर्म से लेकर मंदाकिनी, राजहर्ष और आगे तक के क्षेत्रों से जुड़े जोन क्रमांक 18 के रहवासियों ने 8.62 करोड़ रुपए जमा किए। सीएम इंफ्रा में बमुश्किल दो करोड़ रुपए मिले थे।
– गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, भेल क्षेत्र से जुड़े जोन क्रमांक 14, 15 व 16 ने मिलकर करीब 17 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया। यानि हर जोन ने औसतन साढ़े पांच करोड़ रुपए टैक्स जमा किए। बावजूद इसके उद्योग विभाग ओर भेल कंपनी के ही भरोसे हैं लोग।
यहां समझें सरकारी जमीन पर अवैध कॉलोनियां, फिर भी टैक्स ही नहीं ले पा रहा निगम- गांधी नगर से लेकर संत हिरदाराम नगर, पुराने शहर जुड़े जोन क्रमांक एक, दो, तीन, चार, पांच ने मिलकर ने 12.15 करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया। इसकी तुलना जोन क्रमांक नौ से करें तो उसका अकेले का टैक्स 12 करोड़ रुपए के करीब है। यानि टैक्स के मामले में पांच जोन पर एक जोन भारी है।
– अशोका गार्डन से जुड़े जोन 10, 11 की बात करें तो दोनों को मिलाकर 2.92 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई। इस क्षेत्र की 80 फीसदी कॉलोनियां अवैध है। सीएम इंफ्रा में 200 करोड़ रुपए से अधिक का काम यहीं हुआ।
जोन नंबर- वसूली राशि01- 2.99 करोड़
02- 3.20 करोड़03- 1.03 करोड़
04- 2.62 करोड़05- 2.31 करोड़
06- 2.80 करोड़07- 6.08 करोड़
08- 2.46 करोड़09- 11.79 करोड़
10- 1.75 करोड़11- 1.17 करोड़
12- 3.78 करोड़13- 10.55 करोड़
14- 4.28 करोड़15- 5.95 करोड़
16- 6.38 करोड़17- 3.18 करोड़
18- 8.62 करोड़19- 8.60 करोड़
कुल- 86.04 करोड़नोट- राशि रुपए में। ये अप्रेल 2022 से अब तक की वसूली का आंकड़ा है।
——————————–कोट्स
हम सभी क्षेत्रों में वसूली बढ़ाने की कवायद कर रहे हैं। विकास भी एक समान ही है। जहां जैसी जरूरत रहती है, वहां उसके ही अनुसार विकास कराया जाता है।- केवीएस चौधरी, निगमायुक्त