परिवार के मुखिया को संपत्ति के कारण अपने दे रहे दर्द | The pain you are giving to the head of the family due to property | Patrika News

45
परिवार के मुखिया को संपत्ति के कारण अपने दे रहे दर्द | The pain you are giving to the head of the family due to property | Patrika News

परिवार के मुखिया को संपत्ति के कारण अपने दे रहे दर्द | The pain you are giving to the head of the family due to property | Patrika News

बुजुर्गों की समस्याओं के हल के लिए शहर में सीनियर सिटीजन पंचायत व आलंबन वरिष्ठ नागरिक परामर्श केंद के जरिये काम किया जा रहा है। पंचायत में एडिशनल डीसीपी के नेतृत्व में काउंसलर होते हैं, जबकि परामर्श केंद्र में रिटायर्ड सरकारी अधिकारी बुजुर्गों को न्याय दिला रहे हैं।

एक बेटे ने किया दुकान पर कब्जा, दो खाना नहीं दे रहे
छावनी इलाके के एक व्यापारी ने तीन बेटों की शिकायत की। पिता ने तीनों का पालन पोषण किया और व्यापार आगे बढ़ाया। उनके पास मकान, दुकान हैं। अधिक उम्र होने से काम नहीं होता है। स्थिति यह है कि एक बेटे ने दुकान पर कब्जा कर लिया, दो बेटे भी ध्यान नहीं देते। दो समय के खाने के मोहताज हो गए हैं। परामर्श केंद्र में शिकायत की तो अध्यक्ष एनएस जौदान, डॉ. आरके शर्मा, केके बिड़ला, जीएम पाठक, वासुदेव रावल, महेश गोयल, एडी पाटिल, एमसी शर्मा, ब्रजेश शर्मा, रामेश्वर कुशवाह, आनंद श्रीवास्तव, अनिल चितांबरे, ओम दरबार, राकेश अजमेरा की टीम ने काउंसलिंग की। बेटों को कानूनी प्रावधान बताए तो भरण-पोषण देने को तैयार हुए।
बेटी ने कर लिया मकान पर कब्जा
रिटायर्ड अफसर व उनकी पत्नी ने पुलिस पंचायत में बेटी की शिकायत की। माता-पिता भोपाल में हैं और इंदौर के मकान पर बेटी ने कब्जा कर लिया। मकान बुढ़ापे का सहारा था, लेकिन बेटी वहां फटकने नहीं दे रही। पंचायत की सख्त समझाइश से दंपती को राहत मिली। दूसरे मामले में बेटी पति के साथ मायके में आकर रहने लगी और बैंक खाते तक कब्जे में कर लिए। पंचायत ने कानूनी प्रावधान बताए तो दामाद दूसरी जगह मकान लेकर परिवार सहित चला गया।
बेटे व पोते ने कर दिया परेशान
पुलिस के पास पहुंचे बुजुर्ग बेटे व पोते से परेशान थे। रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि बेटे काे व्यापार स्थापित करके दिया। अब बेटा पोते के साथ मिलकर परेशान करता है। पोता घर छोड़कर जाने को कहता है, नहीं जाने पर जहर देकर मारने की धमकी देता है। पुलिस ने समझाया तो दोनों भरण-पोषण के लिए तैयार हुए। एक मामले में बुजुर्ग ने बेटे की कोराना से मौत के बाद बहू की शादी कर दी तो वह दूसरे पति के साथ मकान पर कब्जे की साजिश में जुट गई। पुलिस की सख्ती से बुजुर्ग को राहत मिली।
———-

आलंबन वरिष्ठ नागरिक परामर्श केंद्र (पलासिया व कलेक्टोरेट परिसर) परामर्श केंद्र में पिछले सालों में 995 शिकायतें आईं। उसमें 65 से 70 प्रतिशत मामले में बुजुर्ग बेटे-बहू से परेशान थे। अधिकांश केस में बेटा-बहू उनकी जमा पूंजी व मकान हड़पने के प्रयास में थे।

संपत्ति बनी बड़ी परेशानी
बुजुर्गों की जमा पूंजी व संपत्ति परेशानी बन गई है। संतान संपत्ति हड़पने के लिए बुजुर्गों को परेशान करती है। काउंसलिंग में समझाइश देते हैं। कानूनी प्रावधान की सख्ती दिखाते हैं तब बुजुर्गों काे राहत मिलती है।
एनएस जादौन, रिटायर्ड डीएसपी
आमने-सामने बैठाकर समझाते हैं
सीनियर सिटीजन की अधिकांश शिकायतें, बेटा-बहू व बेटी को लेकर आ रही हैं। इन केस में आमने-सामने बैठाकर समझाइश दी जाती है। अधिकांश में राहत मिल जाती है। जिन केस मेें समझौता नहीं होता, उसमें कानूनी मदद कराई जाती है।
प्रशांत चौबे, एडिशनल डीसीपी (नोडल अधिकारी)



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News