कभी 70 किलोमीटर साइकिल चलाकर राजकुमार राव जाते थे थिएटर, पारलेजी से ही भरते पेट h3>
‘ट्रैप्ड’, ‘शादी में जरूर आना’, ‘स्त्री’, ‘न्यूटन’, ‘सिटीलाइट्स’, ‘अलीगढ़’ जैसी तमाम हिट फिल्में देने वाले बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव की जबरा फैन फॉलोइंग है। उन्हें और उनकी फिल्में हर कोई पसंद करता है। चाहे वह लीड रोल में हों या फिर सपोर्टिंग में, सभी में उन्होंने दर्शकों को जबरदस्त एंटरटेन किया है। कभी लोगों को अपनी परफॉर्मेंस से निराश नहीं किया। उनकी कोई भी फिल्म देख लीजिए, सभी में बेहतरीन काम देखने को मिलेगा। वैसे ये सब उन्होंनें यूं ही हासिल नहीं किया। इसके लिए राजकुमार राव को काफी जूते घिसने पड़े। उनकी इस चकाचौंध वाली जिंदगी के पीछे ऐसे-ऐसे दर्द भरे किस्से छिपे हैं, जिनके बारे में शायद की कोई जानता हो। हालांकि अब उन्होंने खुद अपनी इस दास्तां को बयां किया है।
‘हम दो हमारे दो’ और ‘बधाई दो’ में नजर आए राजकुमार राव (RajKummar Rao) इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2022 के लिए कोलकाता पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ और स्ट्रगल के कई चौंकाने वाली बातें बताईं, जिन्हें सुनकर आपके कान खड़े हो जाएंगे और आंखें निकल आएंगी। एक्टर ने बताया कि उनका जन्म गुरुग्राम के एक जॉइन्ट फैमिली में हुआ था। उस वक्त वह छोटा शहर था। वहीं पले-बढ़े। एक्टर ने बताया कि उन्हें बचपन से ही सिनेमा और एक्टिंग से बेहद प्यार था। वह उसी में करियर भी बनाना चाहते थे। इसलिए जब बड़े हुए तो उन्होंने दिल्ली का एक थिएटर जॉइन कर लिया।
राजकुमार राव बचपन से ही बनना चाहते थे एक्टर।
राजकुमार राव 70 किमी चलाते थे साइकिल
राजकुमार राव ने बताया कि वह रोजाना गुरुग्राम से दिल्ली के बीच 70 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करते थे। लेकिन वह कभी थके नहीं। क्योंकि वह जिस चीज से प्यार करते थे उसे पूरा करने में जुटे हुए थे। फिर वह पूणे आए। वहां उन्होंने FTII स्कूल जॉइन किया। यहां खूब महेनत की। काफी कुछ सीखा। क्योंकि वह चाहते थे कि जब वह मुंबई आएं तो उसके पहले जितना सीख सकते हैं, सीख लें।
राजकुमार राव ने लाइफ में बहुत स्ट्रगल किया।
राजकुमार राव के पास नहीं होते थे खाने के लिए पैसे
राजकुमार राव (RajKumar Rao) ने बताया कि मुंबई आने पर उनके शुरुआती दो साल काफी मुश्किल भरे रहे। आर्थिक तंगी रही। ‘उस वक्त मेरे पास एक पार्लेजी का पैकेट हुआ करता था, जो मेरा लंच था। क्योंकि ज्यादा पैसे नहीं होते थे। एक समय ऐसा भी था जब मेरे बैंक अकाउंट में सिर्फ 18 रुपये थे। अब रात का खाना कहां से आएगा ये पता नहीं होता था। लेकिन किस्मत से मेरे कई सारे दोस्त थे, वह बहुत अच्छे थे। तो वो लोग खिला देते थे। मैं कोई डींग नहीं हांक रहा लेकिन यह मेरी जर्नी का ही हिस्सा था।’
राजकुमार राव को पहली फिल्म भी बड़ी मशक्कत के बाद मिली थी।
राजकुमार राव एक्टिंग में ही बनाना चाहते थे करियर
एक्टर ने कहा कि उनके पास कोई प्लान बी नहीं था कि अगर वह एक्टर नहीं बन पाए तो क्या करेंगे। उनका कहना है कि अगर उन्हें दो साल के बजाय 4-5 साल भी लग जाते तो वह यही काम करते रहते। क्योंकि इसके अलावा कुछ और नहीं करना था। वह एक्टिंग ही करना चाहते थे। ‘अगर फिल्म में नहीं, तो मैं थिएटर करता रहता। शॉर्ट फिल्म कर लेता या फिर अपना ही कुछ कर लेता। लेकिन करना तो यही था।’
राजकुमार राव ने अब तक के फिल्मी करियर में खूब हिट फिल्में दीं।
पार्ले जी बिस्कुट से राजकुमार भरते थे पेट
हालांकि बाद में ऐसा भी वक्त आया जब उन्हें पैसों की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राजकुमार ने बताया, ‘एक समय ऐसा आया जब मेरे पास एक पार्ले जी बिस्कुट का पैकेट हुआ करता था और अकाउंट में सिर्फ 18 रुपये। ऐसे में गुजारा कैसे होगा, ये बड़ी चिंता थी। लेकिन मेरे दोस्त थे कुछ, जिन्होंने मदद की और उनकी वजह से मुझे ज्यादा मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ा ‘
राजकुमार राव को एक्टर ही बनना था।
राजकुमार राव को ऐसे मिली पहली फिल्म LSD
बता दें कि राजकुमार जब मुंबई पहुंचे थे तब वह डायरेक्टर्स और कास्टिंग डायरेक्टर्स से मिलने लगे। जगह-जगह ऑडिशन देने लगे। ऐसे में जब उन्होंने डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी का एड देखा जिसमें लिखा था कि उन्हें अपनी फिल्म के लिए एक एक्टर की तलाश है तो एक्टर सीधे उनके दफ्तर पहुंच गए। वहां उन्होंने अपना हुनर दिखाया, जिसे देख वह इम्प्रेस हुए और एक्टर को ‘लव सेक्स और धोखा’ ऑफर कर दी। ऐसे इन्हें अपनी पहली फिल्म मिल गई। फिर तो उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘काई पो चे’, ‘रागिनी एमएमएस’, ‘शाहिद’ जैसी झामफाड़ फिल्में दीं और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
राजकुमार राव बचपन से ही बनना चाहते थे एक्टर।
राजकुमार राव 70 किमी चलाते थे साइकिल
राजकुमार राव ने बताया कि वह रोजाना गुरुग्राम से दिल्ली के बीच 70 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करते थे। लेकिन वह कभी थके नहीं। क्योंकि वह जिस चीज से प्यार करते थे उसे पूरा करने में जुटे हुए थे। फिर वह पूणे आए। वहां उन्होंने FTII स्कूल जॉइन किया। यहां खूब महेनत की। काफी कुछ सीखा। क्योंकि वह चाहते थे कि जब वह मुंबई आएं तो उसके पहले जितना सीख सकते हैं, सीख लें।
राजकुमार राव ने लाइफ में बहुत स्ट्रगल किया।
राजकुमार राव के पास नहीं होते थे खाने के लिए पैसे
राजकुमार राव (RajKumar Rao) ने बताया कि मुंबई आने पर उनके शुरुआती दो साल काफी मुश्किल भरे रहे। आर्थिक तंगी रही। ‘उस वक्त मेरे पास एक पार्लेजी का पैकेट हुआ करता था, जो मेरा लंच था। क्योंकि ज्यादा पैसे नहीं होते थे। एक समय ऐसा भी था जब मेरे बैंक अकाउंट में सिर्फ 18 रुपये थे। अब रात का खाना कहां से आएगा ये पता नहीं होता था। लेकिन किस्मत से मेरे कई सारे दोस्त थे, वह बहुत अच्छे थे। तो वो लोग खिला देते थे। मैं कोई डींग नहीं हांक रहा लेकिन यह मेरी जर्नी का ही हिस्सा था।’
राजकुमार राव को पहली फिल्म भी बड़ी मशक्कत के बाद मिली थी।
राजकुमार राव एक्टिंग में ही बनाना चाहते थे करियर
एक्टर ने कहा कि उनके पास कोई प्लान बी नहीं था कि अगर वह एक्टर नहीं बन पाए तो क्या करेंगे। उनका कहना है कि अगर उन्हें दो साल के बजाय 4-5 साल भी लग जाते तो वह यही काम करते रहते। क्योंकि इसके अलावा कुछ और नहीं करना था। वह एक्टिंग ही करना चाहते थे। ‘अगर फिल्म में नहीं, तो मैं थिएटर करता रहता। शॉर्ट फिल्म कर लेता या फिर अपना ही कुछ कर लेता। लेकिन करना तो यही था।’
राजकुमार राव ने अब तक के फिल्मी करियर में खूब हिट फिल्में दीं।
पार्ले जी बिस्कुट से राजकुमार भरते थे पेट
हालांकि बाद में ऐसा भी वक्त आया जब उन्हें पैसों की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राजकुमार ने बताया, ‘एक समय ऐसा आया जब मेरे पास एक पार्ले जी बिस्कुट का पैकेट हुआ करता था और अकाउंट में सिर्फ 18 रुपये। ऐसे में गुजारा कैसे होगा, ये बड़ी चिंता थी। लेकिन मेरे दोस्त थे कुछ, जिन्होंने मदद की और उनकी वजह से मुझे ज्यादा मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ा ‘
राजकुमार राव को एक्टर ही बनना था।
राजकुमार राव को ऐसे मिली पहली फिल्म LSD
बता दें कि राजकुमार जब मुंबई पहुंचे थे तब वह डायरेक्टर्स और कास्टिंग डायरेक्टर्स से मिलने लगे। जगह-जगह ऑडिशन देने लगे। ऐसे में जब उन्होंने डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी का एड देखा जिसमें लिखा था कि उन्हें अपनी फिल्म के लिए एक एक्टर की तलाश है तो एक्टर सीधे उनके दफ्तर पहुंच गए। वहां उन्होंने अपना हुनर दिखाया, जिसे देख वह इम्प्रेस हुए और एक्टर को ‘लव सेक्स और धोखा’ ऑफर कर दी। ऐसे इन्हें अपनी पहली फिल्म मिल गई। फिर तो उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘काई पो चे’, ‘रागिनी एमएमएस’, ‘शाहिद’ जैसी झामफाड़ फिल्में दीं और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।