सरकारी स्कूलों को गोद लेने में लखनऊ पिछड़ा तो बांदा अव्वल, शासन की अपील हुई फेल | Adopting government schools Lucknow is backward and Banda on top | Patrika News h3>
अब तक बांदा में सर्वाधिक 199 स्कूलों को गोद लिया गया है। कानपुर व बरेली महानगर भी सरकारी स्कूलों को गोद लेने में आगे हैं। लखनऊ में 35 और गोरखपुर में दस से भी कम स्कूल गोद लिए गए हैं। ये जिले फिसड्डी हो गए। वहीं, शामली सबसे पीछे है। वहां अब तक सिर्फ दो स्कूल गोद लिए गए हैं। कुल 75 में 16 जिलो ही ऐसे हैं, जिन्होंने सौ या इससे अधिक स्कूलों को गोद लिया गया है।
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शासन स्तर से हुई थी अपील
शासन स्तर से लगातार समीक्षा करके इस ओर प्रयास के लिए कहा जा रहा है। इसी महीने की शुरुआत में हुई प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा की समीक्षा में सामने आया था कि प्रदेश में मात्र 2223 परिषदीय विद्यालयों को ही राजपत्रित अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है। इसके बाद शासन ने इस दिशा में और प्रयास करने और अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों, प्राइवेट संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं को विद्यालय गोद लेने के लिए प्रेरित करने को कहा था। इसमें भी कुछ जिले आगे बढ़कर आए हैं।
50 से कम संख्या वाले जिले
गोंडा-11, प्रयागराज व एटा-14-14, अलीगढ़ व बलिया में 12-12, हापुड़, हरदोई, बुलंदशहर में 19-19, सीतापुर-20, रामपुर-25, अंबेडकरनगर- 29, बहराइच-30, लखीमपुर खीरी-31, श्रावस्ती व बागपत में 32-32, लखनऊ-35, महोबा व अमेठी में 37-37, झांसी-39, कानपुर देहात-40, सोनभद्र-47, चित्रकूट-48
यहां संख्या सौ भी कम स्कूल लिए गोद
कौशांबी-49, फतेहपुर-50, कुशीनगर-51, अयोध्या-52, उन्नाव-53, सहारनपुर व गौतमबुद्धनगर में 53-53, संतकबीरनगर व देवरिया में 59-59, जालौन-60, कन्नौज-65, कासगंज व आजमगढ़ में 67-67, अमरोहा-69, वाराणसी व गाजियाबाद में 72-72, ललितपुर-74, मेरठ-75, आगरा-77, गाजीपुर-78, चंदौली-81, संभल व मुरादाबाद में 82-82, बस्ती-85, बिजनौर-88, बलरामपुर-89, भदोही-94, सिद्धार्थनगर-95, सुल्तानपुर- 98, हाथरस-99
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इन जिलों ने बढ़ाए कदम
औरैया व मऊ में 100-100, मीरजापुर-101, पीलीभीत-103, इटावा-108, बाराबंकी-113, हमीरपुर व बदायूं में 114-114, बरेली-122, मथुरा-126, मैनपुरी-146, फर्रुखाबाद-147, शाहजहांपुर-150, जौनपुर-181, कानपुर-188, बांदा-199
इन जिलों की हालत है सबसे बुरी
शामली-2, मुजफ्फरनगर व रायबरेली में 6-6, प्रतापगढ़ व गोरखपुर में 7-7, महाराजगंज-8, फिरोजाबाद-9
अब तक बांदा में सर्वाधिक 199 स्कूलों को गोद लिया गया है। कानपुर व बरेली महानगर भी सरकारी स्कूलों को गोद लेने में आगे हैं। लखनऊ में 35 और गोरखपुर में दस से भी कम स्कूल गोद लिए गए हैं। ये जिले फिसड्डी हो गए। वहीं, शामली सबसे पीछे है। वहां अब तक सिर्फ दो स्कूल गोद लिए गए हैं। कुल 75 में 16 जिलो ही ऐसे हैं, जिन्होंने सौ या इससे अधिक स्कूलों को गोद लिया गया है।
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शासन स्तर से हुई थी अपील
शासन स्तर से लगातार समीक्षा करके इस ओर प्रयास के लिए कहा जा रहा है। इसी महीने की शुरुआत में हुई प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा की समीक्षा में सामने आया था कि प्रदेश में मात्र 2223 परिषदीय विद्यालयों को ही राजपत्रित अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है। इसके बाद शासन ने इस दिशा में और प्रयास करने और अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों, प्राइवेट संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं को विद्यालय गोद लेने के लिए प्रेरित करने को कहा था। इसमें भी कुछ जिले आगे बढ़कर आए हैं।
50 से कम संख्या वाले जिले
गोंडा-11, प्रयागराज व एटा-14-14, अलीगढ़ व बलिया में 12-12, हापुड़, हरदोई, बुलंदशहर में 19-19, सीतापुर-20, रामपुर-25, अंबेडकरनगर- 29, बहराइच-30, लखीमपुर खीरी-31, श्रावस्ती व बागपत में 32-32, लखनऊ-35, महोबा व अमेठी में 37-37, झांसी-39, कानपुर देहात-40, सोनभद्र-47, चित्रकूट-48
यहां संख्या सौ भी कम स्कूल लिए गोद
कौशांबी-49, फतेहपुर-50, कुशीनगर-51, अयोध्या-52, उन्नाव-53, सहारनपुर व गौतमबुद्धनगर में 53-53, संतकबीरनगर व देवरिया में 59-59, जालौन-60, कन्नौज-65, कासगंज व आजमगढ़ में 67-67, अमरोहा-69, वाराणसी व गाजियाबाद में 72-72, ललितपुर-74, मेरठ-75, आगरा-77, गाजीपुर-78, चंदौली-81, संभल व मुरादाबाद में 82-82, बस्ती-85, बिजनौर-88, बलरामपुर-89, भदोही-94, सिद्धार्थनगर-95, सुल्तानपुर- 98, हाथरस-99
सेंट्रल, जंक्शन, टर्मिनल और स्टेशन…क्यों दिए गए ये नाम, क्या है बड़ा अंतर
इन जिलों ने बढ़ाए कदम
औरैया व मऊ में 100-100, मीरजापुर-101, पीलीभीत-103, इटावा-108, बाराबंकी-113, हमीरपुर व बदायूं में 114-114, बरेली-122, मथुरा-126, मैनपुरी-146, फर्रुखाबाद-147, शाहजहांपुर-150, जौनपुर-181, कानपुर-188, बांदा-199
इन जिलों की हालत है सबसे बुरी
शामली-2, मुजफ्फरनगर व रायबरेली में 6-6, प्रतापगढ़ व गोरखपुर में 7-7, महाराजगंज-8, फिरोजाबाद-9