Rajendra Nagar Seat: CM का नाम और सरकार का काम बना ‘आप की जीत का सबसे बड़ा हथियार h3>
नई दिल्ली: राजेंद्र नगर विधानसभा उप-चुनाव में मिली जीत को आम आदमी पार्टी सीएम अरविंद केजरीवाल के नाम और उनके नेतृत्व में दिल्ली सरकार के द्वारा किए जा रहे कामों पर लगी जनता की मुहर के तौर पर देख रही है। रविवार की सुबह काउंटिंग की शुरुआत के बाद मुकाबला दिलचस्प लग रहा था। कुल 17 राउंड में से 7-8 राउंड की काउंटिंग खत्म होने तक बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना नजर आ रही थी, लेकिन उसके बाद दुर्गेश पाठक ने ऐसी बढ़त बनाई कि नतीजों की औपचारिक घोषणा होने से पहले ही बीजेपी के उम्मीदवार राजेश भाटिया और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता काउंटिंग सेंटर से एक-एक करके निकलते चले गए।
इन चुनावों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दिल्ली की झुग्गी बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों में अब भी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। राजेंद्र नगर में पानी की समस्या को चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाने की बीजेपी की तमाम कोशिशें केजरीवाल सरकार की ‘बिजली हाफ, पानी माफ’ की स्कीम के सामने धाराशायी हो गई। विधानसभा उप-चुनाव के दौरान राजेंद्र नगर समेत पूरी दिल्ली में पीने के पानी का भीषण संकट चल रहा था। ऐसे में हरियाणा सरकार से बात करके दिल्ली को अतिरिक्त पानी दिलवाने और चुनाव में उसका फायदा उठाने की चाल भी बीजेपी के काम नहीं आ सकी।
चुनाव प्रचार के दौरान जरूर कुछ ऐसे मौके आए, जब बीजेपी को लग रहा था कि उसका कैंपेन आप पर दबाव बनाने में कामयाब साबित हो रहा है। मगर आप की रणनीति कुछ अलग थी। पार्टी ने पहले दुर्गेश पाठक को अपने उम्मीदवार के रूप में इंट्रोड्यूस करने के लिए क्षेत्र में जमकर प्रचार प्रसार किया और चप्पे-चप्पे पर उनके नाम और फोटो वाले पोस्टर और होर्डिंग्स लगवा दिए। मगर जब प्रचार का आखिरी दौर आया, तो अचानक गियर बदलते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल के चेहरे को सामने लाते हुए पूरे एरिया में नए पोस्टर बैनर और होर्डिंग लगा दिए गए और सिर्फ यह कहते लोगों से वोट मांगा कि दिल्ली में जिस पार्टी की सरकार है, विधायक भी अगर उसी पार्टी का होगा, तो लोगों के काम आसानी से होंगे।
वोटिंग से ठीक पहले सीएम ने खुद लगातार तीन दिनों तक राजेंद्र नगर के अलग-अलग इलाकों में रोड शो निकाल कर लोगों को यह संदेश देने का काम किया कि राजेंद्र नगर चुनाव को वह कतई हल्के में नहीं ले रहे हैं। यहां तक कि इलाके में पानी की समस्या की बात को स्वीकार करके और उसे दूर करने के लिए जल्द ही सभी जरूरी कदम उठाने का वादा करके केजरीवाल ने बीजेपी के पानी की किल्लत के मुद्दे का भी तोड़ निकालने का काम किया।
आप चुनाव भले ही जीत गई हो, लेकिन उसे कुछ विषयों पर विचार भी करना होगा। राजेंद्र नगर में पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार पार्टी को मिले वोट में करीब डेढ़ प्रतिशत की कमी आई है और यह सारा वोट बीजेपी के खाते में गया है। ऐसे में आप को अब यह देखना होगा कि और किन-किन इलाकों में ऐसी स्थिति बन रही है, जहां आगे चलकर बीजेपी बढ़त ले सकती है और उसके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
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चुनाव प्रचार के दौरान जरूर कुछ ऐसे मौके आए, जब बीजेपी को लग रहा था कि उसका कैंपेन आप पर दबाव बनाने में कामयाब साबित हो रहा है। मगर आप की रणनीति कुछ अलग थी। पार्टी ने पहले दुर्गेश पाठक को अपने उम्मीदवार के रूप में इंट्रोड्यूस करने के लिए क्षेत्र में जमकर प्रचार प्रसार किया और चप्पे-चप्पे पर उनके नाम और फोटो वाले पोस्टर और होर्डिंग्स लगवा दिए। मगर जब प्रचार का आखिरी दौर आया, तो अचानक गियर बदलते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल के चेहरे को सामने लाते हुए पूरे एरिया में नए पोस्टर बैनर और होर्डिंग लगा दिए गए और सिर्फ यह कहते लोगों से वोट मांगा कि दिल्ली में जिस पार्टी की सरकार है, विधायक भी अगर उसी पार्टी का होगा, तो लोगों के काम आसानी से होंगे।
वोटिंग से ठीक पहले सीएम ने खुद लगातार तीन दिनों तक राजेंद्र नगर के अलग-अलग इलाकों में रोड शो निकाल कर लोगों को यह संदेश देने का काम किया कि राजेंद्र नगर चुनाव को वह कतई हल्के में नहीं ले रहे हैं। यहां तक कि इलाके में पानी की समस्या की बात को स्वीकार करके और उसे दूर करने के लिए जल्द ही सभी जरूरी कदम उठाने का वादा करके केजरीवाल ने बीजेपी के पानी की किल्लत के मुद्दे का भी तोड़ निकालने का काम किया।
आप चुनाव भले ही जीत गई हो, लेकिन उसे कुछ विषयों पर विचार भी करना होगा। राजेंद्र नगर में पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार पार्टी को मिले वोट में करीब डेढ़ प्रतिशत की कमी आई है और यह सारा वोट बीजेपी के खाते में गया है। ऐसे में आप को अब यह देखना होगा कि और किन-किन इलाकों में ऐसी स्थिति बन रही है, जहां आगे चलकर बीजेपी बढ़त ले सकती है और उसके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
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