कमलनाथ का सरकार से सवाल- सेना में भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ है या ‘अग्निकुंड’, शुरु हुआ हिंसक प्रदर्शन | kamalnath question is recruitment scheme agnipath or agnikund | Patrika News h3>
सीएम शिवराज द्वारा की गई तारीफों पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना की खामी गिनाते हुए कहा,’देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है। इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और अग्रणी है। देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले 70 साल की व्यवस्था चल रही है। सैनिक रिटायरमेंट तक या 14 साल तक देश की सेवा और सुरक्षा करें, भरपूर वेतन और सम्मानजनक रोजगार पाए, फिर सुरक्षित भविष्य के साथ घर जाएं।’
कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए लिखा कि, रोजगार बढ़ाने के दिखावे में सेना भर्ती की नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। ‘अग्निपथ’ केवल 4 साल अल्प वेतन देने वाली ‘शॉर्ट टर्म’ सैनिक भर्ती व्यवस्था और फिर घर जाइए। अब क्या ऐसी ‘टेंपरेरी अप्रोच’ से भारत भूमि की रक्षा होगी और ऐसे भारत माता के सम्मान की सुरक्षा होगी? असली राष्ट्रभक्ति सामने आ रही है? ये अग्निपथ है या अग्निकुंड?
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देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है और इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और अग्रणी है।
देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले 70 साल की व्यवस्था –
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 16, 2022
अब क्या ऐसी “टेंपरेरी अप्रोच” से भारत भूमि की रक्षा होगी और ऐसे भारत माता के सम्मान की सुरक्षा होगी ?
असली राष्ट्रभक्ति सामने आ रही है ?
यह अग्निपथ है या अग्निकुंड ?— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 16, 2022
सीएम शिवराज ने इस घोषणा पर किया था बड़ा ऐलान
वहीं एक दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार की इस योजना की तारीफ करते हुए कहा था कि, चार साल बाद रिटायर होने वाले ‘अग्निवीर’ को मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की इस योजना को देश हित के लिए बड़ा कदम बताया था।
बिहार से उठी विरोध की आंच मध्य प्रदेश पहुंची
यहां बता दें कि बिहार सहित कुछ राज्यों में युवाओं द्वारा भी इस योजना का विरोध शुरु हो गया है। कई पूर्व सैन्य अधिकारी भी आशंका जता चुके हैं कि चार साल की नौकरी होने की वजह से सैनिकों में असुरक्षा की भावना होगी। वहीं, ताजा घटनाक्रम मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी गुरुवार को भड़के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया है। यहां करीब 4 हजार से ज्यादा की भीड़ ने जगह जगह आगजनी और हिंसक उपद्रव किया है। इसके साथ साथ ग्वालियर के बिरला नगर स्टेशन पर तोड़फोड़ करके भारी मात्रा में सामान ट्रेक पर फैंक दिया है, जिससे दक्षिण भारत की रेल यातायात प्रभावित हो गई है। यही नहीं उपद्रवियों मे स्वणजयंती ट्रेन में भी तोड़फोड़ की है। हालात नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।
हमीदिया अस्पताल अधीक्षक के खिलाफ नर्सों ने कराया छेड़छाड़ और रेप का केस दर्ज़, देखें वीडियो
सीएम शिवराज द्वारा की गई तारीफों पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना की खामी गिनाते हुए कहा,’देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है। इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और अग्रणी है। देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले 70 साल की व्यवस्था चल रही है। सैनिक रिटायरमेंट तक या 14 साल तक देश की सेवा और सुरक्षा करें, भरपूर वेतन और सम्मानजनक रोजगार पाए, फिर सुरक्षित भविष्य के साथ घर जाएं।’
कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए लिखा कि, रोजगार बढ़ाने के दिखावे में सेना भर्ती की नई व्यवस्था शुरू की जा रही है। ‘अग्निपथ’ केवल 4 साल अल्प वेतन देने वाली ‘शॉर्ट टर्म’ सैनिक भर्ती व्यवस्था और फिर घर जाइए। अब क्या ऐसी ‘टेंपरेरी अप्रोच’ से भारत भूमि की रक्षा होगी और ऐसे भारत माता के सम्मान की सुरक्षा होगी? असली राष्ट्रभक्ति सामने आ रही है? ये अग्निपथ है या अग्निकुंड?
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देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है और इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और अग्रणी है।
देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले 70 साल की व्यवस्था –
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 16, 2022
अब क्या ऐसी “टेंपरेरी अप्रोच” से भारत भूमि की रक्षा होगी और ऐसे भारत माता के सम्मान की सुरक्षा होगी ?
असली राष्ट्रभक्ति सामने आ रही है ?
यह अग्निपथ है या अग्निकुंड ?— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 16, 2022
सीएम शिवराज ने इस घोषणा पर किया था बड़ा ऐलान
वहीं एक दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार की इस योजना की तारीफ करते हुए कहा था कि, चार साल बाद रिटायर होने वाले ‘अग्निवीर’ को मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की इस योजना को देश हित के लिए बड़ा कदम बताया था।
बिहार से उठी विरोध की आंच मध्य प्रदेश पहुंची
यहां बता दें कि बिहार सहित कुछ राज्यों में युवाओं द्वारा भी इस योजना का विरोध शुरु हो गया है। कई पूर्व सैन्य अधिकारी भी आशंका जता चुके हैं कि चार साल की नौकरी होने की वजह से सैनिकों में असुरक्षा की भावना होगी। वहीं, ताजा घटनाक्रम मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी गुरुवार को भड़के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया है। यहां करीब 4 हजार से ज्यादा की भीड़ ने जगह जगह आगजनी और हिंसक उपद्रव किया है। इसके साथ साथ ग्वालियर के बिरला नगर स्टेशन पर तोड़फोड़ करके भारी मात्रा में सामान ट्रेक पर फैंक दिया है, जिससे दक्षिण भारत की रेल यातायात प्रभावित हो गई है। यही नहीं उपद्रवियों मे स्वणजयंती ट्रेन में भी तोड़फोड़ की है। हालात नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।
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