भारत के अलावा विश्व के कौन से देशों में रेलवे को प्राइवेट संस्था चलाती है ?

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भारत के अलावा विश्व के कौन से देशों में रेलवे को प्राइवेट संस्था चलाती है ?
भारत के अलावा विश्व के कौन से देशों में रेलवे को प्राइवेट संस्था चलाती है ?

भारत के अलावा विश्व के कौन से देशों में रेलवे को प्राइवेट संस्था चलाती है ? ( Apart from India, in which countries of the world railways are run by private organizations? )

जब भी हम आधुनिक भारत के इतिहास की बात करते हैं. बात करते हैं कि अंग्रेजों ने किस तरह हमारे देश पर शासन किया. इन सब बातों में रेलवे का भी अह्म योगदान है. भारत में पहली यात्री ट्रेन 1853 में बंबई से थाना के बीच चली थी. रेलवे ने हमारे देश के इतिहास में सामाजिक , आर्थिक के अलावा कई तरह के बदलाव करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि रेलवे के आने से हमें फायदा हुआ तथा कुछ इसकी वजह से हमें होने वाले नुकसानों पर प्रकाश डालते हैं. लेकिन इन सब बातों में एक बात तो स्पष्ट है कि रेलवे के आने से बहुत दुर्गामी प्रभाव पड़े. इसी कारण लोगों के मन में रेलवे से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. ये सवाल तब और बढ़ जाते हैं, जब भारत में रेलवे को प्राइवेट करने का मुद्दा शुरू हो चुका हो. इससे संबंधित लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर लोगों के मन में होता है कि भारत के अलावा विश्व के कौन से देशों में रेलवे को प्राइवेट संस्था चलाती है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

भारतीय रेलवे

रेलवे का निजीकरण क्या होता है-

किसी भी देश को चलाने के लिए उनका अपना संविधान होता है. किसी भी देश की व्यवस्था की को संभालने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. अब ये हो सकता है कि उस सरकार की चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से किया गया हो जैसे भारत में किया जाता है. इसके अलावा हो सकता है कि उस देश में राजशाही हो. लेकिन देश की व्यवस्था संभालने के कुछ चीजे सरकार के नियंत्रण में होती हैं. जैसे अभी भारत में रेलवे सरकार के अंतर्गत कार्य करती है. लेकिन जब सरकार इसको अपने नियंत्रण में ना रखकर इसको किसी निजी व्यक्ति को या फिर किसी कंपनी को बेच देती हैं, तो इसे हम रेलवे का नीजीकरण कहते हैं. ऐसे करने में रेलवे सार्वजनिक संपत्ति ना रहकर निजी संपत्ति बन जाती है.

भारतीय रेलवे

भारत के अलावा विश्व के कौन से देशों में रेलवे को प्राइवेट संस्था चलाती हैं-

अगर हमारे देश की बात करें, तो पहले तो हमें यह समझना होगा कि अभी भी हमारे देश मे रेलवे केंद्र सरकार के नियंत्रण में काम करती है. हालांकि कुछ ट्रेनों को प्राइवेट हाथो में देने की बात की जा रही है , ये अलग बात है. अगर विश्व के अन्य देशों की बात करें, तो विश्व के अन्य देशों में भी रेलवे को सरकारी नियंत्रण से प्राइवेट हाथो में जाना और फिर वापिस सरकार के हाथों में आना इसकी एक लंबी लिस्ट मिल जाएगी. लेकिन अगर ऐसे कुछ देशों की बात करें, तो जापान के अंदर रेलवे का निजीकरण किया गया है. वर्तमान में ऐसे हालात हैं कि काफी देशों की रेलवे प्राइवेट हाथों में जा चुकी है.

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अगर कनाडा की बात करें, तो वहां पर पहले रेलवे निजी हाथों में थी. लेकिन पहले विश्व युद्ध के बाद उसके वापिस सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया. लेकिन इसके बाद 1995 में फिर से यह निजी हाथों में चली गई. फ्रांस में एक जमाने में उसकी रेलवे को दस प्राइवेट कंपनियां मिलकर चलाती थीं. 1938 में सरकार ने इन सबको जोड़कर एक पब्लिक सेक्टर की नई कंपनी खड़ी की. इसके 51 फीसदी शेयर अपने पास रखे जबकि बाकी शेयर प्राइवेट हाथों में हैं. ब्रिटेन में भी रेलवे कभी प्राइवेट तथा कभी सरकारी हाथों में आई. लेकिन 1990 के उदारिकरण के दौर में यह प्राइवेट हाथों में है. आयरलैंड में ये प्राइवेट हाथों में है. इटली में रेल नेटवर्क पर सरकारी नियंत्रण है लेकिन जो स्पीड ट्रेनें चल रही हैं, उसे प्राइवेट कंपनी चला रही है.अर्जेंटीना में निजीकरण ने बहुत ही निराश किया तथा 2015 में रेलवे को वापस सरकार के नियंत्रण में लेना पड़ा. रेलवे का निजीकरण तथा सरकार के नियंत्रण में रहने का अपना लंबा इतिहास है. 1990 के दशक के उदारीकरण के दौर में काफी देशों ने रेलवे को प्राइवेट किया. इसके साथ ही वर्तमान में भी रूस और चाइना जैसे देश भी इस बात पर विचार कर रहे हैं.

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