Gurugram News : 25 तरह की बीमारियों के इलाज के लिए एक लाख रुपये तक अकाउंट में डालेगी सरकार, जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन h3>
प्रमुख संवाददाता, गुड़गांवः मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता दिलाने के लिए प्रशासन ने जिला स्तरीय कमिटी का गठन किया है। सरल केंद्र से आवेदन करने के 15 दिन के भीतर 25 बीमारियों के लिए आर्थिक सहायता मिल सकेगी। इसमें इलाज खर्च का 25 प्रतिशत अधिकतम एक लाख रुपये तक मिलेगा। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से इलाज के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता की सेवा को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। सरल पोर्टल http://saralharyana.gov.in पर आवेदन भेज सकते हैं। योजना में किए गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में कवर नहीं हो रही है तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को भी इसके तहत लाभ मिलेगा।
यह है कमिटीः
आर्थिक सहायता के लिए जिला स्तरीय कमिटी का गठन किया गया है। इसमें संबंधित एमपी, एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद/नगर पालिका अध्यक्ष, जिला परिषद/पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उपायुक्त ने बताया कि जैसे ही आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर आवेदन डालेगा, वैसे ही इसे संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा। जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर सिफारिशों के साथ इसे उपायुक्त कार्यालय भेजेंगे।
निर्धारित समय में लगेगी रिपोर्ट
उपायुक्त कार्यालय से इसे तहसीलदार को भेजा जाएगा। वहां से आवेदक की चल -अचल संपत्ति व सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। संपत्ति की जांच 4 दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए पांच दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है। दोनों विभागों की रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमिटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर अकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद राशि लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।
अस्पताल को भी जा सकती है रकम
डीसी ने कहा कि आर्थिक सहायता सीधे आवेदक या लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यदि कोई आवेदक दूसरे राज्य में इलाज करा रहा है और चाहता है कि राशि अस्पताल को मिले तो वह संबंधित अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स साझा कर सकता है। आर्थिक सहायता के लिए आवेदक को इलाज से पूर्व अथवा इलाज के उपरांत के विकल्प दिए गए हैं। इलाज से पूर्व एस्टिमेट देना होगा। उपचार के बाद इससे जुड़े सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
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यह है कमिटीः
आर्थिक सहायता के लिए जिला स्तरीय कमिटी का गठन किया गया है। इसमें संबंधित एमपी, एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद/नगर पालिका अध्यक्ष, जिला परिषद/पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उपायुक्त ने बताया कि जैसे ही आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर आवेदन डालेगा, वैसे ही इसे संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा। जनप्रतिनिधि पांच दिन के भीतर सिफारिशों के साथ इसे उपायुक्त कार्यालय भेजेंगे।
निर्धारित समय में लगेगी रिपोर्ट
उपायुक्त कार्यालय से इसे तहसीलदार को भेजा जाएगा। वहां से आवेदक की चल -अचल संपत्ति व सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। संपत्ति की जांच 4 दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए पांच दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है। दोनों विभागों की रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमिटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर अकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद राशि लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।
अस्पताल को भी जा सकती है रकम
डीसी ने कहा कि आर्थिक सहायता सीधे आवेदक या लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यदि कोई आवेदक दूसरे राज्य में इलाज करा रहा है और चाहता है कि राशि अस्पताल को मिले तो वह संबंधित अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स साझा कर सकता है। आर्थिक सहायता के लिए आवेदक को इलाज से पूर्व अथवा इलाज के उपरांत के विकल्प दिए गए हैं। इलाज से पूर्व एस्टिमेट देना होगा। उपचार के बाद इससे जुड़े सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।