रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी का यूरोप दौरा, जानें क्यों बढ़ गई है इस दौरे की अहमियत?

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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी का यूरोप दौरा, जानें क्यों बढ़ गई है इस दौरे की अहमियत?

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी का यूरोप दौरा, जानें क्यों बढ़ गई है इस दौरे की अहमियत?

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की यूरोप यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब यूक्रेन पर आक्रमण (Ukraine War) के चलते रूस के खिलाफ अधिकांश यूरोपीय देश एकजुट हैं। इस साल पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है। यूक्रेन-रूस युद्ध पर भारत का स्टैंड अब तक न्यूट्रल रहा है हालांकि रूस के खिलाफ एक बार भी वोटिंग भारत की ओर से नहीं की गई है। प्रधानमंत्री मोदी की यूरोप यात्रा (3 Day 3 Nation Trip To Europe) ऐसे वक्त हो रही है जब इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसका जिक्र स्वयं पीएम मोदी ने किया। जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा से पहले उन्होंने कहा कि उनका यूरोप दौरा ऐसे समय हो रहा है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह भारत के यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहते हैं। विदेश नीति (Foreign Policy) के लिहाज से भी पीएम मोदी की यह यात्रा काफी अहम है।

2 मई से पीएम मोदी का यूरोप दौरा
पीएम मोदी 2 मई से जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। इस दौरान वह इन देशों में लगभग 65 घंटे बिताएंगे और 25 से ज्यादा कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वह जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के निमंत्रण पर 2 मई को बर्लिन का दौरा करेंगे और इसके बाद वह 3-4 मई को डेनमार्क की अपनी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के निमंत्रण पर द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होने के लिए कोपनहेगन की यात्रा करेंगे और द्वितीय भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में वह कुछ समय के लिये फ्रांस में रुकेंगे, जहां मोदी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे।

यूरोप दौरा ऐसे समय हो रहा है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और वह भारत के यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहते हैं। भारत लौटते समय, मैं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक के लिए पेरिस, फ्रांस में कुछ समय के लिए रुकूंगा।

पीएम मोदी

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पिछले साल सत्ता में आए शॉल्ज के साथ मोदी की पहली बैठक
यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्‍ज के साथ वार्ता करेंगे। इस बैठक में दोनों देशों के कई मंत्री भी शामिल होंगे। पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आए शॉल्‍ज के साथ यह मोदी की पहली बैठक होगी। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शॉल्‍ज व्‍यापारिक सम्‍मेलन को भी संयुक्‍त रूप से संबोधित करेंगे। मोदी जर्मनी में भारतीय समुदाय के साथ भी संवाद करेंगे।

2021 में भारत और जर्मनी ने अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया और वर्ष 2000 से दोनों देश सामरिक सहयोगी हैं ।आईजीसी की बैठक को जर्मनी की नयी सरकार के साथ बातचीत के अवसर के रूप में देखते हैं, जो इसके गठन के छह महीने के भीतर हो रही है।

पीएम मोदी

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कोपनहेगन और उसके बाद पेरिस की यात्रा

पीएम मोदी यात्रा के दूसरे चरण में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के निमंत्रण पर कोपनहेगन जाएंगे, जहां वे दूसरे भारत-नॉर्डिक सम्‍मेलन में भागीदारी करेंगे। डेनमार्क में प्रधानमंत्री मोदी अपनी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ चर्चा करेंगे। इसके अलावा दोनों नेता द्विपक्षीय संबंध व दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।पीएम मोदी भारत डेनमार्क बिजनेस लीडर्स के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भी संवाद करूंगा।अंतिम चरण में प्रधानमंत्री कुछ समय के लिए पेरिस में रुककर फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)



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