Sahara India Victims : ’30 लाख फंसे हैं, इलाज भी नहीं करवा पा रहा… सहारा इंडिया ने मुझे तबाह कर दिया’

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Sahara India Victims : ’30 लाख फंसे हैं, इलाज भी नहीं करवा पा रहा… सहारा इंडिया ने मुझे तबाह कर दिया’

Sahara India Victims : ’30 लाख फंसे हैं, इलाज भी नहीं करवा पा रहा… सहारा इंडिया ने मुझे तबाह कर दिया’

जबलपुर : सहारा इंडिया (Sahara India destroyed me) और सेबी के बीच चल रहे विवाद के चलते निवेश करने वालों की जमा पूंजी अभी में खतरे में पड़ी हुए है। जमाकर्ता जब अपने रुपये के लिए सहारा इंडिया के ऑफिस जाते हैं तो उन्हें वापस लौटा दिया जाता है। एमपी के हजारों लोग सहारा इंडिया के चक्कर में बर्बाद हो गए हैं। उन्हीं लोग में से एक जबलपुर के कन्हैया लाल बुधरानी हैं। कन्हैया लाल बुधरानी सहारा इंडिया के एजेंट भी हैं और 1995 से यहां निवेश भी कर रहे थे। एक बार उन्हें सिर्फ मकान बनाने के लिए तीन लाख रुपये मिले थे। अब उनके खुद के 30 लाख रुपये (30 lakhs stranded in sahara india) के करीब फंसे हैं।


अपनी आपबीती में जबलपुर के कन्हैया लाल बुधरानी ने बताया कि 1995 में सहारा में एजेंट के तौर पर काम शुरू किया था। सहारा में ही अपनी मेहनत की कमाई का कुछ हिस्सा निवेश भी किया था। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें उनकी जमा पूंजी सहारा से नहीं मिल पा रही है। कन्हैया लाल बुधरानी आज 68 साल के हो चुके है और अपनी पत्नी के साथ जबलपुर में रहते हैं। बच्चे शादी के बाद दूसरे शहरों सेट हो गए हैं। कन्हैयालाल तनाव की वजह से कई बीमारियों की चपेट में आ गए हैं।

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कुछ दिन पहले ही कन्हैया लाल अस्पताल से डिस्चार्च होकर आए हैं। इलाज के लिए उनके पास रुपये नहीं हैं, जैसे तैसे किसी से कर्ज लेकर वो अपना इलाज करा रहे हैं। नवभारत टाइम्स.कॉम से उन्होंने पूरी बात की है। उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया के स्थानीय ऑफिस में जब भी वो अपनी जमा पूंजी लेने के लिए जाते हैं तो उन्हें सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का हवाला देकर वापस भेज दिया जाता है। कन्हैयालाल बुधरानी बताते हैं कि उन्होंने 1995 में अपने परिवार के भविष्य को देखकर सहारा इंडिया में रुपया निवेश किया था ताकि आने वाले समय में उन रुपयों से वो अपने बच्चों का और अपना भविष्य सुरक्षित रखेंगे। अब उनका भविष्य अंधकार से घिरा दिख रहा है।

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उन्होंने शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से भी सहारा में जमा पूंजी को दिलाने के लिए कई बार लिखित शिकायत की। कोई भी उनकी मदद करने में सक्षम साबित नहीं हुआ। कन्हैया लाल को उम्मीद है कि समय रहते शीघ्र ही उनकी जमा पूंजी उन्हें वापस मिलेगी।

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