भगवान राम में शक्ति होती तो मन्दिर बन जाता हनुमान जी दलित थे लेकिन मनुवादियों के गुलाम थे

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भारतीय जनता पार्टी की सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि राम भगवान होते, शक्ति होती तो अपने आप मन्दिर बन जाना चाहिए, मन्दिर से देश की भलाई होने वाली नहीं, हमको अयोध्या में राम मन्दिर नहीं चाहिए, भारत में भारत का सविंधान चाहिए।

हनुमान जी दलित थे लेकिन मनुवादियों के गुलाम थे- सावित्री बाई फुले

उन्होंने आगे कहा कि हनुमान जी दलित थे लेकिन मनुवादियों के गुलाम थे और मैं कहना चाहती हूँ कि दलित थे लेकिन एक इन्सान थे तो उनको पूंछ क्यों लगाया गया, मुँह पर कालिख क्यों? राम का बेड़ा पार कराने का उन्होंने काम किया उन्हें बन्दर क्यों बनाया गया, उनको बन्दर का रूप इसलिए दिया गया क्योंकि वह दलित समाज के थे।

कुम्भ मेले में जो पैसा खर्च हो रहा है अगर यह गरीबों में बांट दिया जाता तो तो देश आगे बढ़ जाता। मन्दिर बनता है तो सिर्फ 3% ब्राह्मण मन्दिर के पुजारी होते है और आस्था के नाम पर जो पैसा आता है सब पण्डित का होता है, इसलिए पण्डित आस्था के नाम पर कमाई करके धन्धा कर रहे हैं।

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