Technology से ‘चीनी मिल’ को जोड़ेंगे Yogi, किसानों के अकाउंट में सीधे Cash, Account चेक करना शुरू | CM Yogi connect sugar mill with technology ganna kisan payment cash | Patrika News h3>
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है। वैसे ही हर एक विभाग को अब विभागीय कागजी नीतियों से निकालकर धरातल पर लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सरकार ने अपने 100 दिन के प्लान में गन्ना किसानों को भी राहत देने की तैयारी में ज़ोर दिया है। जिससे उनका समय पर भुगतान, बिचौलियों से मुक्ति, गन्ना से जुड़े प्रोडक्ट के लिए बड़े बाज़ार की तलाश समेत इसके प्रोडक्ट की रेंज भी बढ़ाने की तैयारी बनाई है।
लखनऊ
Published: April 15, 2022 07:19:31 pm
योगी आदित्यनाथ सरकार इस बार एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। जिसमें अब तक टेकनीकी से दूर रहे गन्ना किसान और ‘चीनी मिल’ में टेक्नोलोजी के प्रयोग को बढ़ावा देने की तैयारी है। पूरे प्रदेश में इसे मिलों में न सिर्फ चीनी का उत्पादन होगा, बल्कि अन्य तरह के तमाम उत्पाद भी तैयार होंगे। इनकी पेराई क्षमता बढ़ेगी। पेट्रोलियम पर इनकी निर्भरता भी तय होगी। योगी सरकार चीनी उद्योग को बढ़ावा देकर किसानों की आय में इजाफा करने के अपने अभियान में जुट गई है। इसके तहत सरकार चीनी मिलों का आधुनिकीकरण कराते हुए चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार कर गन्ना उद्योग को बढ़ावा देगी।
File Photo of Ganna Kisan in Uttar Pradesh
भाजपा के लोककल्याण संकल्प पत्र में गन्ना किसानों के लिए बड़ी योजनाओं का वादा उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में भी गन्ना किसानो के विकास के लिए बड़े बड़े वादे किए थे। इसमें फसल का ऑनलाइन नकद भुगतान, चीनी मिलों का विकास जैसे वादे रहे। वहीं सरकार आने पर 5 हजार करोड़ रु की लागत से ‘गन्ना मिल नवीनीकरण मिशन’ का वादा भी किया था। जिसकी शुरुआत अब हो रही है। इसमें नयी सहकारी चीनी मिलों की स्थापना, नवीनीकरण एवं टेक्नोलोजी से जोड़ना भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश सरकार में 100 दिन के प्लान डिस्कशन के दौरान गन्ना मूल्य के बकाए भुगतान पर फोकस रहा। साथ ही बिचौलियों से होने वाले निकसान और लेटलेतीफी पर भी चिंता ज़ाहिर की थी। जिसके बाद से पूरे सिस्टम को ऑनलाइन पर ज़ोर दिया गया।
पहले भी गन्ना किसानों को कर चुके हैं भुगतान इसके पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में 1,69,153 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड भुगतान किया था। बावजूद इस बेहद संवेदनशील मामले में सरकार किसी को मौका नहीं देना चाहती। इसीलिए इस सरकार में 14 दिनों में भुगतान सुनिश्चित करने के साथ भुगतान के लिए लक्ष्य भी रखा गया है। सरकार का प्रयास होगा कि अगले 100 दिन और 6 माह में गन्ना किसानों को क्रमश: 8 हजार करोड़ और 12 हजार करोड़ रुपये भुगतान कर दिया जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगले पांच वर्षों में गन्ने की उत्पादकता वर्तमान के 81.5 हेक्टेयर से बढ़ाकर 84 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य के साथ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी के तथा डिजिटल सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने संकल्पपत्र के वायदों के अनुसार, बिलासपुर (रामपुर), सेमिखेड़ा (बरेली), पूरनपुर (पीलीभीत) की सहकारी चीनी मिलों के आधुनिकीकरण, ननोता, साथा और सुल्तानपुर चीनी मिलों के सु²ढ़करण का भी निर्देश दिया। छाता (मथुरा) में मॉडल के तौर पर सुगर काम्प्लेक्स की स्थापना खुद में एक अभिनव पहल होगी। मालूम हो कि गन्ना प्रदेश की सबसे प्रमुख नकदी फसल है। प्रदेश में करीब 65 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं। इनका हित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमकिता रही है। योगी सरकार-1 में गन्ना मूल्य बकाए का रिकॉर्ड भुगतान, नयी चीनी मिलों की स्थापना, खांडसारी इकाइयों के लाइसेंसिंग प्रक्रिया का सरलीकरण, प्रति कुंतल गन्ना मूल्य में 25 रुपए की वृद्धि जैसे काम इसका सबूत हैं। योगी-2 में भी गन्ना किसानों का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है। वैसे ही हर एक विभाग को अब विभागीय कागजी नीतियों से निकालकर धरातल पर लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सरकार ने अपने 100 दिन के प्लान में गन्ना किसानों को भी राहत देने की तैयारी में ज़ोर दिया है। जिससे उनका समय पर भुगतान, बिचौलियों से मुक्ति, गन्ना से जुड़े प्रोडक्ट के लिए बड़े बाज़ार की तलाश समेत इसके प्रोडक्ट की रेंज भी बढ़ाने की तैयारी बनाई है।
लखनऊ
Published: April 15, 2022 07:19:31 pm
योगी आदित्यनाथ सरकार इस बार एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। जिसमें अब तक टेकनीकी से दूर रहे गन्ना किसान और ‘चीनी मिल’ में टेक्नोलोजी के प्रयोग को बढ़ावा देने की तैयारी है। पूरे प्रदेश में इसे मिलों में न सिर्फ चीनी का उत्पादन होगा, बल्कि अन्य तरह के तमाम उत्पाद भी तैयार होंगे। इनकी पेराई क्षमता बढ़ेगी। पेट्रोलियम पर इनकी निर्भरता भी तय होगी। योगी सरकार चीनी उद्योग को बढ़ावा देकर किसानों की आय में इजाफा करने के अपने अभियान में जुट गई है। इसके तहत सरकार चीनी मिलों का आधुनिकीकरण कराते हुए चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार कर गन्ना उद्योग को बढ़ावा देगी।
File Photo of Ganna Kisan in Uttar Pradesh
भाजपा के लोककल्याण संकल्प पत्र में गन्ना किसानों के लिए बड़ी योजनाओं का वादा उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में भी गन्ना किसानो के विकास के लिए बड़े बड़े वादे किए थे। इसमें फसल का ऑनलाइन नकद भुगतान, चीनी मिलों का विकास जैसे वादे रहे। वहीं सरकार आने पर 5 हजार करोड़ रु की लागत से ‘गन्ना मिल नवीनीकरण मिशन’ का वादा भी किया था। जिसकी शुरुआत अब हो रही है। इसमें नयी सहकारी चीनी मिलों की स्थापना, नवीनीकरण एवं टेक्नोलोजी से जोड़ना भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश सरकार में 100 दिन के प्लान डिस्कशन के दौरान गन्ना मूल्य के बकाए भुगतान पर फोकस रहा। साथ ही बिचौलियों से होने वाले निकसान और लेटलेतीफी पर भी चिंता ज़ाहिर की थी। जिसके बाद से पूरे सिस्टम को ऑनलाइन पर ज़ोर दिया गया।
पहले भी गन्ना किसानों को कर चुके हैं भुगतान इसके पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में 1,69,153 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड भुगतान किया था। बावजूद इस बेहद संवेदनशील मामले में सरकार किसी को मौका नहीं देना चाहती। इसीलिए इस सरकार में 14 दिनों में भुगतान सुनिश्चित करने के साथ भुगतान के लिए लक्ष्य भी रखा गया है। सरकार का प्रयास होगा कि अगले 100 दिन और 6 माह में गन्ना किसानों को क्रमश: 8 हजार करोड़ और 12 हजार करोड़ रुपये भुगतान कर दिया जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगले पांच वर्षों में गन्ने की उत्पादकता वर्तमान के 81.5 हेक्टेयर से बढ़ाकर 84 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य के साथ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी के तथा डिजिटल सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने संकल्पपत्र के वायदों के अनुसार, बिलासपुर (रामपुर), सेमिखेड़ा (बरेली), पूरनपुर (पीलीभीत) की सहकारी चीनी मिलों के आधुनिकीकरण, ननोता, साथा और सुल्तानपुर चीनी मिलों के सु²ढ़करण का भी निर्देश दिया। छाता (मथुरा) में मॉडल के तौर पर सुगर काम्प्लेक्स की स्थापना खुद में एक अभिनव पहल होगी। मालूम हो कि गन्ना प्रदेश की सबसे प्रमुख नकदी फसल है। प्रदेश में करीब 65 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं। इनका हित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमकिता रही है। योगी सरकार-1 में गन्ना मूल्य बकाए का रिकॉर्ड भुगतान, नयी चीनी मिलों की स्थापना, खांडसारी इकाइयों के लाइसेंसिंग प्रक्रिया का सरलीकरण, प्रति कुंतल गन्ना मूल्य में 25 रुपए की वृद्धि जैसे काम इसका सबूत हैं। योगी-2 में भी गन्ना किसानों का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
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