हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक कारों में कौन सी लेना ज्यादा फायदेमंद है ? ( Which is more beneficial to take in hydrogen and electric cars? )
कार लेना सबका सपना होता है. लेकिन जब हम कार लेते हैं, तो हमारे सामने कई तरह के सवाल पैदा हो जाता है. जैसे कि कौन सी कंपनी की कार लेनी चाहिए. किस कार में कौन सी सुविधा अच्छी होगी, कार लेने के बाद कौन सी कम खर्चे में चल पाएगी. भविष्य की कारों की बात करें, तो उसमें हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक कारों के बीच एक जबरदस्त प्रतियोगिता होने वाली है. इसी कारण कार लेने में रूचि रखने वाले लोगों के मन में कार से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल है, जो आमतौर पर पूछा जाता है कि हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक कारों में कौन सी लेना ज्यादा फायदेमंद है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक कौन सी कार बेहतर-
सभी कारों की अपनी अपनी खूबी होती हैं. वर्तमान समय में दोनों कारों के प्राइस की बात करें, तो इलेक्ट्रिक कारों का प्राइस आमतौर पर 12-15 लाख के आस पास होता है तथा हाइड्रोजन कार का प्राइस 50-60 लाख के आस पास होता है. तो प्राइस के मामले में हाइड्रोजन कारें बहुत महंगी पड़ती है. वहीं अगर ईंधन के खर्च की बात करें, तो इलेक्ट्रिक कार चलाने पर औसत 1 रूपया प्रति किलोमिटर खर्च आता है.वहीं हाइड्रोजन कार चलाने में औसत 2 रूपया प्रति किलोमिटर खर्च आता है. हाइड्रोजन कारों में ज्यादा खर्च का कारण यह है कि इस गैस का उत्पादन तथा इसका ट्रांसपोर्ट बहुत ही महंगा होता है. अगर दोनों तरह की कारों की तुलना प्रदूषण के आधार पर करते हैं, तो इसमें हाइड्रोजन कारें ज्यादा बेहतर होती है क्योंकि इनसे ना तो वायु प्रदूषण होता है तथा ऩा ही ध्वनि प्रदूषण होता है. वैसे इलेक्ट्रिक कारों की वजह से भी बहुत कम होता है, लेकिन इन कारों में जो लीथियम आयन बैटरी लगी होती है, उनका कच्चा माल जिन खदानों से निकाला जाता है, वहां से कार्बनडाइआक्साइड गैस निकलती है तथा वायु प्रदूषण होता है.
जब आप कोई भी कार लेने के बारे में सोचते हैं, तो व्यक्ति की सुरक्षा के बारे में विशेष ध्यान दिया जाता है. अगर सुरक्षा के नजरिए से देखें तो इलेक्ट्रिक कारें अधिक सुरक्षित होती है. इसका कारण यह है कि हाइड्रोजन बहुत अधिक ज्वलनशील होती है. किसी हादसे की स्थिति में उसमें आग लगने की संभावना ज्यादा होती है. वहीं अगर इलेक्ट्रिक कार को पूरा चार्ज कर लेते हैं तथा हाइड्रोजन कार का टैंक फूल कर लेते हैं, ऐसी स्थिति में हाइड्रोजन कार ज्यादा लंबा सफर तय कर पाएगी. अगर हाइड्रोजन से चलने वाली कार की तकनीक की बात करें, तो इसमें हाइड्रोजन गैस , वायु की आक्सीजन के साथ मिलकर बिजली बनाती है. जिससे कारें चलती हैं. इस क्रिया के दौरान पानी भी बनता है, जो साइलेंसर से होता हुआ बाहर निकल जाता है. इलेक्ट्रिक कारों में बैटरी से कार को ऊर्जा मिलती है.
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हालांकि अभी इन दोनों ही कारों की अच्छी मार्केट होने में समय लगेगा. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने या फिर हाइड्रोजन टैंक फूल करवाने के लिए हमारे देश में इंफ्रास्टकचर तैयार नहीं हुआ है. इसे तैयार होने में लगभग 3 से 5 साल का समय और लग सकता है. हालांकि देश में कुछ गिने चुने चार्जिंग स्टेशन शुरू हो चुके हैं, लेकिन ये प्रयाप्त नहीं हैं.
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