साहब धमकाते हैं बदमाश, हमको अब दे दीजिए असलहे का लाइसेंस

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लखनऊ: शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटने के करीब 24 दिन बाद भी कलक्ट्रेट में आवेदन करने वालों भीड़ लग रही है। लोग अधिवक्ताओं से फाइल तैयार कराकर शस्त्र काउंटर पर जमा करा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों से असलहों के आवेदन जमा करने आए हुए लोग शस्त्र लाइसेंस पाने के तरह-तरह के बहाने बता रहे हैं। शस्त्र अनुभाग में असलहा बाबुओं से आवेदन जमा कर कह रहे हैं कि साहब लाइसेंस दिला दीजिए बदमाश परेशान कर रहे हैं।

शस्त्र के लिए आवेदन करने वालों में ज्यादातर व्यापारी और चिकित्सक हैं। वे शपथपत्र दे रहे हैं कि हम व्यापार करते हैं। आए दिन लोग धमकाते रहते हैं, ऐसे में किसी भी दिन मेरे पर ऊपर जानलेवा हमला हो सकता है। आत्मरक्षा के लिए शस्त्र होना जरूरी है। प्रदेश सरकार ने शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक हटाते ही कलक्ट्रेट में भगवा गमछे की रौनक दिखाई पडऩे लगी है। दीपावली के कारण हालांकि आवेदन जमा करने की रफ्तार कुछ कम हो गई है। इसके बावजूद काउंटर पर रोज 30 से 40 आवेदन फार्म जमा हो रहे हैं। फाइल तैयार करने वाले टाइपिट्स के पास कचेहरी सप्ताह भर का एडवांस काम पड़ा है। व्यापारी और चिकित्सक शपथ पत्र दे रहे हैं कि साहब दबंग लोग हमें धमकाते हैं, इसलिए लाइसेंस दे दीजिए।

असलहा लिपिक आवेदन फार्म लेने के साथ आख्या के लिए तहसील और पुलिस को फाइल भेज दे रहे हैं। साथ में डीएम से जुगाड़ खोज रहे हैं। प्रदेश में पुलिस से ज्यादा आम नागरिकों के पास शस्त्र लाइसेंस होने पर हाईकोर्ट ने सितंबर 2013 में शस्त्र लाइसेंस पर रोक लगा दी थी। जिलाधिकारी को स्व विवेक पर शूटर और आत्मरक्षा के लिए जरूरतमंदों को लाइसेंस जारी करने को कहा था। विगत पांच सालों में पूर्व जिलाधिकारियों ने कुछ शस्त्र लाइसेंस जारी भी किए। आठ अक्टूबर 2018 को शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटते ही शस्त्र के शौकीन और आत्मरक्षा के लिए आवेदन करने वालों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आदेश के दूसरे दिन से ही लोग कलक्ट्रेट पहुंचने के साथ अधिवक्ताओं से फाइल तैयार कर आवेदन करने लगे।

ब्लैक में मिल रहे स्टांप

शस्त्र लाइसेंस के आवेदन शुरू होने के बाद स्टांप की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। आवेदकों को स्टांप लेने के लिए परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। हाल ये है कि स्टांप के लिए कीमत से पांच गुना अधिक रकम चुकानी पड़ रही है। नवीन शस्त्र लाइसेंस में जहां दो शपथ पत्र लगते हैं। वहीं स्थानांतरण व विरासत के शस्त्र लाइसेंस के आवेदन में आवेदक के दो व परिवार के प्रत्येक सदस्य का शपथ पत्र देना होता है। ये शपथ पत्र दस रुपये के स्टांप पर बनाए जाते हैं, लेकिन इन दिनों आवेदकों को दस रुपए के स्टांप के लिए 50 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। इसके बाद उसे प्रिंट कराने, नोटरी कराने व टिकट में 70 रुपए का खर्च आता है।