दस्त के लिए पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है ? ( Which is Patanjali’s Ayurvedic medicine for diarrhea? )
वर्तमान समय में हमें स्वास्थ्य से संबंधित कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिसके लिए वैसे तो बाजार में बहुत सी दवाएं उपलब्ध होती हैं, लेकिन अभी देखने को मिला है कि लोगों का भरोसा आयुर्वेदिक पद्दति पर बढ़ा है. जिसके कारण लोगों के मन में आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में अनेंक सवाल होते हैं. पतंजलि ने आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में अपनी विशेष पहचान बनाई है. इसी कारण आमतौर पर सवाल पूछा जाता है कि दस्त के लिए पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
दस्त या डायरिया क्या तथा इसके कारण-
किसी भी बीमारी के इलाज से पहले हमें उस बीमारी के बारे में पता होना जरूरी होता है. अब सबसे पहला सवाल यहीं होता है कि दस्त या डायरिया क्यों होता है. दरअसल, यह बीमारी कीटाणु या विषाणु के कारण होती है. काफी बार हम अस्वस्थ्य या प्रदूषित भोजन या दूषिक पानी का प्रयोग कर लेते हैं. जिसके बाद हमारी पाचन क्रिया में संक्रमण हो जाता है, जिससे हमें दस्त या डायरिया की समस्या हो जाती है. ऐसा भी देखने को मिलता है कि कभी कभी जब हम ज्यादा तैलिय पदार्थ खा लेते हैं या मात्रा से अधिक मीठी चीज खा लेते हैं, उसकी वजह से भी हमें यह समस्या हो जाती है.
दस्त या डायरिया के लिए पतंजलि की दवा-
अगर दस्त या डायरिया के लिए पतंजलि की दवा की बात करें, तो इसके लिए पतंजलि की दिव्य कुटजघन वटी का प्रयोग किया जा सकता है. इसमें कूर्ची , अतीस इत्यादी घटको का प्रयोग किया जाता है. इस दवा का प्रयोग मुख्यतौर पर दस्त या डायरिया तथा बदहजमी जैसी समस्याओं के लिए किया जा सकता है. इस दवा की मात्रा की बात करें, तो खाना खाने के बाद इसकी 1 गोली सुबह तथा 1 गोली शाम को गुनगुने पानी के साथ लेनी चाहिएं. यहां यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि यह दवा की मात्रा या दवा सामान्य स्थिति के लिए है. सभी रोगियों के स्वास्थ्य इतिहास के आधार पर सभी की स्थिति अलग अलग हो सकती है. इसी कारण इसकी सही मात्रा के लिए अपने नजदीकी डॅाक्टर से संपर्क जरूर कीजिएगा.
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इसके साथ ही दस्त की समस्या के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी अपनाए जा सकते हैं. ज्यादा दस्त लगने की स्थिति में रोगी को प्यास बहुत अधिक लगती है. ऐसी स्थिति में 1 लीटर पानी में आधा चम्मच सूखा धनिया मिला लिजिए. इसके बाद इसको तब तक उबालते रहें, जब तक पानी आधा ना रह जाए. इसके बाद इस पानी को छानकर ठंडा कर लें. इसके बाद रोगी को थोड़ी थोडी देर के बाद यह पानी पिलाते रहना चाहिएं. इसके अलावा नींबू भी दस्तो के लिए एक बहुत ही अच्छी दवा है. 1 गिलास ताजे पानी में एक छोटा चम्मच नींबू का रस मिलाकर इसे खाना खाने के बाद सुबह और शाम को प्रयोग करना चाहिएं. यह भी बहुत लाभदायक होता है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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