सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सबरीमाला में बिगड़े हालात, पुलिस समेत पत्रकारों पर भी भड़के प्रदर्शनकारी

173

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत कोई नहीं जा सकता है क्योंकि उनका आदेश सर्वप्रिय होता है और कोई भी उसका उल्लघंन नहीं कर सकता है. लेकिन बीते दिन यानी बुधवार को एक बड़ी खबर केरल से सामने आई है जिसने न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश बल्कि महिलाओं की इज्जत को भी शर्मसार करके रख दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल के सबरीमाला मंदिर के दरवाजे बुधवार को महिलाओं के लिए खुलने थे

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल के सबरीमाला मंदिर के दरवाजे बीते दिन सभी महिलाओं के लिए खुलने वाले थे. हैरान करने की बात तो तब हुई जब सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया गया और उसके बाद भी लोग इसके विरोध काफी जोर-शोर से कर रहे है. ये ही नहीं मंदिर के द्वारा दरवाजे खोले जाने के विरोध में आत्महत्या करने की भी धमकी दी गई. मंदिर के दरवाजे खोले जाने पर वहां के लोग ने काफी विरोध प्रदर्शन भी किया. इस कारण तनाव की स्थिति बढ़ गई.

सरकार ने सुरक्षा के पुख्त इंतजाम किए हुए है

लेकिन सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई भी अनहोनी न हो उसको लेकर पहले ही सुरक्षा के पुख्त इंतजाम किए हुए है. सबरीमाला के इर्द-गिर्द भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगाई गई है. आपको बता दें कि शीर्ष अदालत के आदेश का भी जनता ने पालन नहीं किया और इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के मुद्दे पर वार्ता करने में बोर्ड की अनिच्छा से ये लोग निराश दिखे.

सबरीमाला मंदिर में हर आयु और वर्ग की महिलाओं को प्रवेश हो सकता है- SC

वहीं इस दौरान भगवान अयप्पा की सैंकड़ों महिला भक्तों ने मंदिर की और जाने वाले मार्ग पर जाकर उन महिलाओं को मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर पहले रोकने की कोशिश की जिनकी उम्र को देखकर उन्हें उनकी आयु मासिर्क धर्म वाली हो सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के समय कहा था कि अब से सबरीमाला मंदिर में हर आयु और वर्ग की महिलाओं को प्रवेश हो सकता है.

ये ही नहीं मामला इतना पेचीदा हुआ कि महिला पत्रकारों पर हमले भी किए गए. और विरोध इस हद तक बढ़ चूका है कि पुलिस प्रशासन पर भी लोगों द्वारा हमले होने लगे है.