मंत्री पद न मिलने पर कर्नाटक में गुस्साए कांग्रेसी नेता, पार्टी छोड़ थाम सकते है बीजेपी का हाथ

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नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव तो खत्म हो गए और कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार से राज्यपाल में बहुमत साबित कर नया मुख्यमंत्री भी चुन लिया गया है, पर अभी भी दोनों पार्टीयों में चुनाव के बदल हटाते नहीं नजर आ रहें है. दोनों पार्टीयों के बीच रूठने मनाने का सिलसिला बरकरार है.

आपको बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस के 78 और जेडीएस के 37 विधायक हैं. इस बुधवार कर्नाटक में जनता दल और कांग्रेस गठबंधन सरकार को विस्तार किया गया है, जिसमें 25 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया. इसमें दोनों सहयोगी पार्टी के 23 विधायक में से बहुजन समाज पार्टी के एक तथा एक निर्दलीय विधायक को मंत्री बनाया गया है. मंत्री बनने वाले दोनों सहयोगी दलों के 23 विधायकों में कांग्रेस के 14 तथा जद (एस) के नौ विधायक शामिल हैं.

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस में जिन विधायकों को मंत्री पद नहीं मिला पाया है उनमे पार्टी को लेकर काफी नाराजगी सी बढ़ गई है. इस पहले दोनों पार्टी के आपसी गठबंधन के कारण पार्टी में आए दिन किसी ना किसी विपक्षी पार्टी की वजह से दिक्कते आती ही रहीं है ऐसे में अब नाराज विधायकों के चलते कहीं पार्टी को दोबारा परेशानी का सामना ना करना पड़े.

कांग्रेस में पिछले साल कई ऐसे नेता थे जिनको मंत्री पद की कमान मिली थी पर इस बार उन्हें इस मौके से वंचित रखा गया. इन्हीं में से एक नाम है, एचएम रेवन्ना. उन्होंने कहा कि उनका संपर्क भाजपा पार्टी के साथ है. इसे देखकर तो यह लगता है कि वह जल्द ही बीजेपी के साथ हाथ ना मिला ले. वहीं इस बात की पुष्टि खुद भाजपा ने करते हुए कहा की उनका हमारी पार्टी के साथ संपर्क है. इसके बवजूद भी कुछ और विधायक है जो कांग्रेस से नाराज है. इनमें से एमटीबी नागराज, सतीश जारकीहोली जैसे नाम शामिल हैं. एक मीटिंग के दौरान यह जानकारी मिली कि वो सभी इस नए मंत्रीमंडल के विस्तार से खुश नहीं है. बहरहाल, उनका अब नया कदम क्या होने वाला है इसके लिए उन्होंने कोई बयान नहीं दिया.

कांग्रेस ने नाराज विधायकों के इस चीज को लेकर निकाला नया फार्मूला

ऐसे में नाराज और असंतोष विधायकों को लेकर कांग्रेस ने एक नया उपाय निकला है. इस फॉर्मूले के दौरान राज्य मंत्रिमंडल में कांग्रेस पार्टी अपने मंत्रियों को हर दो साल में चेंज कर देगी. जो मंत्री उम्मीद के अनुसार काम को सही ढंग से नहीं करेगा तो उसे छह महीने में ही इस पद से निलंबित कर दिया जाएगा. ऐसे में जो विधायक मंत्री बनने की लाइन में लगे हुए हैं, उन्हें मौका दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नए फॉर्मूले के बारे में कांग्रेस प्रदेशअध्क्षय जी परमेश्वर ने सिद्दरमैया सरकार में भी सुझाया था, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा सका. हालांकि जिन लोगों को मंत्रिपद नहीं मिला हैं, उन्होंने उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और केसी वेणुगोपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाई है.