कोरोना के मुश्किल वक्त में 2200 ऐसी कॉल जिनको तत्काल थी मदद की जरूरत, डीसीपीसीआर ने ऐसे की मदद
कोरोना के केस दिल्ली में कम हुए हैं लेकिन अप्रैल- मई का महीना याद कर लोग अब भी डर जाते हैं। न जाने इस महीने में कितने लोगों की जान चली गई वहीं कई छोटे बच्चे अनाथ हो गए। राजधानी दिल्ली में कोरोना के चलते हजारों बच्चों के सिर से उनके मां- बाप का साया उठ गया। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी में 2 हजार से अधिक बच्चों ने अपने माता- पिता या किसी एक को खो दिया।
डीसीपीसीआर ने अप्रैल के महीने में कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच बच्चों की मदद और उनकी सुरक्षा को लेकर सूचना मुहैया कराने के मकसद से हेल्पलाइन नंबर 9311551393 की शुरुआत की है। इस नंबर पर अब तक 4500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई गईं। इनमें से 2200 कॉल ऐसी जिसमें तत्काल कोई कदम उठाने की बात कही गई। ये कॉल बच्चों या उनके परिवारवालों की ओर से थी जिसमें तत्काल मेडिकल हेल्प की मांग की गई।
कोरोना के चलते 2000 से अधिक बच्चों के सिर पर से अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक का साया उठा है। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) की ओर से कराए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है। इस सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 651 बच्चों ने अपनी मां को खो दिया है। वहीं 1,311 बच्चों ने अपने पिता को खोया है। 67 बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। दिल्ली सरकार ने ऐसे बच्चों को हर महीने 2,500 रुपये की मदद देने की घोषणा की है।
डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने बताया कि हर संभव मदद का प्रयास किया जा रहा है। पिछले तीन महीने में हेल्पलाइन के जरिए अधिक से अधिक बच्चों और उनके परिवारों तक पहुंचने में सहायता की। किसी को मेडिकल हेल्प, किसी को राशन, हर प्रकार से राहत पहुंचाने की कोशिश की गई। बच्चों और उनके परिवारों को करीब लाया गया।
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