मुकुल पर बीजेपी का वार, अभिषेक ने धक्का देकर भगाया था, चाऊमीन खाकर फिर पलटे h3>
करीब 4 साल तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में रहने के बाद मुकुल रॉय ने एक बार फिर पुराने दल तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली है। मुकुल रॉय के पाला बदलने पर पश्चिम बंगाल में पार्टी के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने उन्हें भेदिया बताते हुए कहा है कि वह बीजेपी के आतंरिक सूचनाएं टीएमसी तक पहुंचाते थे और इस वजह से पार्टी की हार हुई। उन्होंने यह भी कहा कि वह पहली बार चुनाव जीते वह भी बीजेपी के सिंबल पर, अच्छा होता कि जाने से पहले वह विधायकी से इस्तीफा दे देते।
अर्जुन सिंह ने कहा, ”राजनीति में जो सुविधावादी व्यक्ति होते हैं, वह इसी तरह का काम करते हैं। जब अभिषेक बनर्जी का तृणमूल में उदय हुआ तो अभिषेक के साथ उनकी बड़ी अनबन थी। अभिषेक बनर्जी ने धक्का देकर इनको घर से बाहर निकाला था, तो ये बीजेपी में आ गए। बीजेपी में आने के बाद एक बार फिर ये चाऊमीन खाने चले गए। चाऊमीन खाकर फिर तृणमूल में चले गए, फिर बीजेपी में आ गए।”
#WATCH | Opportunists in politics do this. There was a rift b/w Abhishek Banerjee & him…He then joined BJP…He’ll keep coming & going. He won an election for the first time, that too on BJP symbol. He should’ve resigned before going: Arjun Singh, WB BJP vice pres, on Mukul Roy pic.twitter.com/6JF4xMGYse
— ANI (@ANI) June 11, 2021
अर्जुन सिंह ने कहा, ”इनका आया राम गया राम वाली कहानी है, आते रहेंगे, जाते रहेंगे। जहां सुविधा मिलेगी वहीं रहेंगे। पहली बार उन्होंने चुनाव जीता है और वह भी बीजेपी के सिंबल पर। उनको जाना ही था तो कम से कम इस्तीफा देकर जाते तो थोड़ी बहुत भी लोगों के मन में इज्जत रहती। आज भी सेंट्रल फोर्स की सिक्यॉरिटी लेकर घूम रहे हैं।”
अर्जुन सिहं ने कहा, ”मुकुल रॉय कभी जननेता नहीं रहे। पश्चिम बंगाल में एसी कमरे में बैठकर राजनीति नहीं हो सकती है। राजनीति में उनका समय खत्म हो चुका है। कोई उनपर विश्वास नहीं करता है। सबको यह पता था कि वह बीजेपी की आंतरिक सूचनाएं टीएमसी को लीक करते थे। यदि विरोधी आपकी योजनाओं को जान लेंगे तो यह हार की वजह बनती है।”
करीब 4 साल तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में रहने के बाद मुकुल रॉय ने एक बार फिर पुराने दल तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली है। मुकुल रॉय के पाला बदलने पर पश्चिम बंगाल में पार्टी के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने उन्हें भेदिया बताते हुए कहा है कि वह बीजेपी के आतंरिक सूचनाएं टीएमसी तक पहुंचाते थे और इस वजह से पार्टी की हार हुई। उन्होंने यह भी कहा कि वह पहली बार चुनाव जीते वह भी बीजेपी के सिंबल पर, अच्छा होता कि जाने से पहले वह विधायकी से इस्तीफा दे देते।
अर्जुन सिंह ने कहा, ”राजनीति में जो सुविधावादी व्यक्ति होते हैं, वह इसी तरह का काम करते हैं। जब अभिषेक बनर्जी का तृणमूल में उदय हुआ तो अभिषेक के साथ उनकी बड़ी अनबन थी। अभिषेक बनर्जी ने धक्का देकर इनको घर से बाहर निकाला था, तो ये बीजेपी में आ गए। बीजेपी में आने के बाद एक बार फिर ये चाऊमीन खाने चले गए। चाऊमीन खाकर फिर तृणमूल में चले गए, फिर बीजेपी में आ गए।”
#WATCH | Opportunists in politics do this. There was a rift b/w Abhishek Banerjee & him…He then joined BJP…He’ll keep coming & going. He won an election for the first time, that too on BJP symbol. He should’ve resigned before going: Arjun Singh, WB BJP vice pres, on Mukul Roy pic.twitter.com/6JF4xMGYse
— ANI (@ANI) June 11, 2021
अर्जुन सिंह ने कहा, ”इनका आया राम गया राम वाली कहानी है, आते रहेंगे, जाते रहेंगे। जहां सुविधा मिलेगी वहीं रहेंगे। पहली बार उन्होंने चुनाव जीता है और वह भी बीजेपी के सिंबल पर। उनको जाना ही था तो कम से कम इस्तीफा देकर जाते तो थोड़ी बहुत भी लोगों के मन में इज्जत रहती। आज भी सेंट्रल फोर्स की सिक्यॉरिटी लेकर घूम रहे हैं।”
अर्जुन सिहं ने कहा, ”मुकुल रॉय कभी जननेता नहीं रहे। पश्चिम बंगाल में एसी कमरे में बैठकर राजनीति नहीं हो सकती है। राजनीति में उनका समय खत्म हो चुका है। कोई उनपर विश्वास नहीं करता है। सबको यह पता था कि वह बीजेपी की आंतरिक सूचनाएं टीएमसी को लीक करते थे। यदि विरोधी आपकी योजनाओं को जान लेंगे तो यह हार की वजह बनती है।”