अंतरिक्ष में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन से टकराया मलबा, बाल-बाल बचे अंतरिक्ष यात्री

319
अंतरिक्ष में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन से टकराया मलबा, बाल-बाल बचे अंतरिक्ष यात्री

अंतरिक्ष में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन से टकराया मलबा, बाल-बाल बचे अंतरिक्ष यात्री

हाइलाइट्स:

  • अंतर‍िक्ष में खतरनाक तरीके से बढ़ रहे मलबे का असर अब साफ तौर पर दिखाई देने लगा है
  • पृथ्‍वी की कक्षा में चक्‍कर लगा रहे अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन से एक छोटा सा मलबा टकरा गया
  • कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक स्‍पेस स्‍टेशन की रोबोटिक भुजा से यह मलबा टकराया

टोरंटो
अंतर‍िक्ष में खतरनाक तरीके से बढ़ रहे मलबे का असर अब साफ तौर पर दिखाई देने लगा है। पृथ्‍वी की कक्षा में चक्‍कर लगा रहे अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन से एक छोटा सा मलबा टकरा गया। कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक स्‍पेस स्‍टेशन की रोबोटिक भुजा से यह मलबा टकराया। इससे रोबोटिक भुजा को नुकसान पहुंचा है और यह बाहर से स्‍पष्‍ट रूप से दिखाई दे रहा है।

स्‍पेस एजेंसी ने अपने ब्‍लॉग पोस्‍ट में कहा कि मलबे के टकराने से रोबोटिक भुजा के एक छोटे से हिस्‍से और थर्मल ब्‍लैंकेट को नुकसान पहुंचा है। उसने बताया कि 12 मई को सामान्‍य जांच के दौरान पहली बार उन्‍हें घटना के बारे में पता चला। उसने बताया कि जांच के दौरान इस टक्‍कर का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया और रोबोटिक भुजा सामान्‍य तरीके से काम कर रही है।

अंतर‍िक्ष में यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब वहां पर मलबे का स्‍तर बेहद खतरनाक तरीके से बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक अंतरिक्ष में मलबे के 27 हजार टुकड़ों पर नजर रखी जा रही है। इतनी निगरानी के बाद भी अभी कई ऐसे टुकड़े अंतरिक्ष में तैर रहे हैं जिनके छोटे होने की वजह से निगरानी नहीं रखी जा पा रही है लेकिन उनसे इंसानों की उड़ानों और रोबोटिक मिशन को खतरा पैदा हो सकता है।

क्या होता है अंतरिक्ष मलबा

दरअसल, मलबा और अंतरिक्ष यान दोनों ही बहुत तेज रफ्तार से यात्रा कर रहे होते हैं और ऐसे में अगर किसी छोटे से टुकड़े से भी टक्‍कर होती है तो परिणाम भयानक हो सकते हैं। अंतरिक्ष मलबा दो प्रकार का होता है। पहला- मानव निर्मित और दूसरा प्राकृतिक। मानव निर्मित अंतरिक्ष मलबे का मतलब ऐसे टुकड़ों से है जो मानव द्वारा भेजे गए स्पेसक्राफ्टस या सैटेलाइट्स के निष्क्रिय हो जाने के बाद गुरुत्वाकर्षण के कारण धरती का चक्कर लगाते रहते हैं। वहीं, प्राकृतिक मलबा छुद्रग्रह, धूमकेतु और उल्कापिंड को कहते हैं।

यह भी पढ़ें: पतंजलि दिव्य कांति लेप का प्रयोग और फायदा ?

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.

Source link