दिलवालों की दिल्‍ली: जाते-जाते एक महिला दे गई 5 लोगों को नई जिंदगी

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दिलवालों की दिल्‍ली: जाते-जाते एक महिला दे गई 5 लोगों को नई जिंदगी

दिलवालों की दिल्‍ली: जाते-जाते एक महिला दे गई 5 लोगों को नई जिंदगी

हाइलाइट्स:

  • गंगाराम में ब्रेन डेड हुई महिला के परिवार ने किया अंगदान का फैसला
  • हार्ट, लिवर और किडनियां की गईं अलग-अलग मरीजों को ट्रांसप्लांट
  • 2 साल से लिवर ट्रांसप्‍लांट के इंतजार में था 58 साल का शख्‍स
  • हार्ट एम्‍स को, एक और किडली प्राइवेट अस्‍पताल को दी गई

नई दिल्ली
एक महिला (43) जाते-जाते भी 5 लोगों को नई जिंदगी दे गईं। वह इलाज के दौरान ब्रेन डेड हो गईं। परिजनों ने मौत के दुख को भुलाकर अंगदान करने का कठिन फैसला किया, जिससे 5 ऐसे लोगों को जिंदगी मिल गई, जो अंगदान के इंतजार में अपनी जिंदगी को हाथों से निकलता महसूस कर रहे थे। ब्रेन डेड होने के बाद महिला का हार्ट एम्स में एक मरीज को लगाया गया। एक लिवर और एक किडनी गंगाराम अस्पताल में दो अलग-अलग मरीज को ट्रांसप्लांट किए गए, जबकि एक किडनी एक अन्य प्राइवेट अस्पताल को दी गई।

तेज सिर दर्द और उल्टी की वजह से 20 मई को महिला गंगाराम अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची। उन्हें कोविड नहीं था। जांच में पता चला कि सीवियर ब्रेन हैमरेज हुआ है। इलाज के दौरान महिला ब्रेन डेड हो गई। वह अपने पीछे 21 साल के बेटे और पति को छोड़ गई। ब्रेन डेड होने की वजह से अस्पताल के ऑर्गन डोनेशन टीम के काउंसलर ने संपर्क किया। काउंसलिंग की तो परिवार ने आगे बढ़कर हिम्मत दिखाई और अंगदान के लिए तैयार हो गए।

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2 साल से वेटिंग लिस्‍ट में था एक शख्‍स
अस्‍पताल के लिवर ट्रांसप्लांट के चेयमरैन डॉक्टर नैमिश एन मेहता ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम ने अंगों को निकाला। एक 58 साल के व्यक्ति में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया था, जो 2 साल से अधिक समय से वेंटिग लिस्ट में थे, उन्होंने तो अपने जिंदा बचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। यह अंगदान उन्हें नया जीवन दे गया। अस्पताल में एक किडनी ट्रांसप्लांट की गई और हार्ट एम्स को दिया गया, जबकि एक किडनी एक प्राइवेट अस्पताल को दिया गया। बाकी अंग दिल्‍ली-एनसीआर के अन्‍य अस्‍पतालों को भेजे गए।

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बहुत लोगों को है अंगदान का इंतजार
डॉ. मेहता ने कहा कि कैडवर अंगों के जरिए ट्रांसप्लांट की सूची बहुत लंबी है। गंगा राम अस्पताल में अभी 179 मरीज कैडवर लिवर और 484 मरीज कैडवर किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में है, जबकि देश में प्रति दस लाख में सिर्फ 0.65 से 1 के बीच है, जबकि स्पेन में यह दस लाख पर 35 और अमेरिका में 26 है।

अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी.एस. राणा ने कहा कि हम हमेशा कैडेवर डोनेशन जागरुकता कार्यक्रम में आगे रहे हैं। हमने उन लोगों के लिए एक अलग पोर्टल बनाया है, जो अपनी मृत्यु के बाद अपने अंग डोनेट करना चाहते हैं। उन्होंने अंगदान के इस नेक काम के लिए मृतक के परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया।

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