New IT Rules row: जिन नए आईटी नियमों के खिलाफ वॉट्सऐप पहुंचा कोर्ट उन्हें लेकर सरकार को मिला गूगल का साथ

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New IT Rules row: जिन नए आईटी नियमों के खिलाफ वॉट्सऐप पहुंचा कोर्ट उन्हें लेकर सरकार को मिला गूगल का साथ


New IT Rules row: जिन नए आईटी नियमों के खिलाफ वॉट्सऐप पहुंचा कोर्ट उन्हें लेकर सरकार को मिला गूगल का साथ

हाइलाइट्स:

  • नए आईटी नियमों को लेकर सरकार को मिला गूगल का साथ, कंपनी बोली- स्थानीय नियमों का पालन करने को प्रतिबद्ध
  • गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि कंपनी सरकार के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है
  • पिचाई ने कहा कि गूगल हर देश में स्थानीय कानूनों का सम्मान करती है, जिन मामलों में पीछे हटने की जरूरत होती है वह ऐसा करती है

नई दिल्ली
नए आईटी नियमों के खिलाफ वॉट्सऐप ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। दूसरी तरफ सरकार को दिग्गज टेक कंपनी गूगल का साथ मिला है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने गुरुवार को कहा कि कंपनी स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए और सरकारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारें तेजी से विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी क्षेत्र से तालमेल बैठाने के लिए नियामक ढांचे बनाती हैं।

पिचाई ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यह स्पष्ट रूप से शुरुआती दिन हैं और हमारी स्थानीय टीमें बहुत व्यस्त हैं… हम हमेशा हर देश में स्थानीय कानूनों का सम्मान करते हैं और हम रचनात्मक रूप से काम करते हैं। हमारे पास स्पष्ट पारदर्शिता रिपोर्ट है, जब हम सरकारी अनुरोधों का अनुपालन करते हैं, तो हम इसका उल्लेख अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में करते हैं।’

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पिचाई ने कहा कि एक स्वतंत्र और खुला इंटरनेट ‘बुनियादी बात’ है और भारत में इसकी लंबी परंपराएं हैं। उन्होंने कहा, ‘एक कंपनी के रूप में हम स्वतंत्र और खुले इंटरनेट के मूल्यों और इससे होने वाले लाभों के बारे में स्पष्ट रूप से जानते हैं और हम इसकी वकालत करते हैं, और हम दुनिया भर के नियामकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ते हैं, हम इन प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं।’

पिचाई ने आगे कहा कि कंपनी विधायी प्रक्रियाओं का सम्मान करती है, और जिन मामलों में उसे पीछे हटने की जरूरत होती है, वह ऐसा करती है।

सरकार ने नए डिजिटल नियमों का पूरी निष्ठा के साथ बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और वॉट्सऐप जैसे मेसेंजिंग प्लेटफॉर्म्स को नए आईटी नियमों के तहत चिह्नित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नए नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

वॉट्सऐप ने सरकार के नए डिजिटल नियमों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसके एक दिन बार सरकार की यह प्रतिक्रिया आई है। वॉट्सऐप का कहना है कि इनक्रिप्टेड संदेशों तक पहुंच उपलब्ध कराने से निजता का बचाव कवर टूट जायेगा।

नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गई थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

नियमों का पालन न करने पर इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपने इंटरमीडिएरी दर्जे को खोना पड़ सकता है। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डेटा के लिए देनदारियों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में इसका दर्जा समाप्त होने के बाद शिकायत होने पर उन पर कार्रवाई की जा सकती है।



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